
वक्फ संशोधन बिल को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से पास कर दिया गया है। हालांकि, विपक्षी दल और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) समेत कई मुस्लिम संगठन इस बिल का लगातार विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को देश के कई बड़े शहरों में वक्फ बिल के विरोध में प्रदर्शन हुए हैं। वहीं, अब AIMPLB ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से तत्काल मुलाकात का समय मांगा है।
बिल पर चिंता जताएगा AIMPLB
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन बिल पर अपनी चिंता जताने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से तत्काल मुलाकात का समय मांगा है, इससे पहले कि राष्ट्रपति इस बिल को मंजूरी दें। AIMPLB के के प्रवक्ता डॉ. एस क्यू आर इलियास ने बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्ददी की ओर से लिखे गए पत्र के विषय को शेयर करते हुए लिखा- “अधिनियम द्वारा पेश किए गए संशोधन में महत्वपूर्ण परिवर्तन शामिल हैं जो वक्फ संस्थान के प्रशासन और स्वायत्तता को प्रभावित करते हैं, जिन्होंने ऐतिहासिक रूप से धार्मिक और धर्मार्थ गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
पत्र में आगे कहा गया है कि राष्ट्रपति से मिलने का हमारा मकसद हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 और देश भर के मुस्लिम समुदाय के लिए इसके निहितार्थ के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करना है। बोर्ड ने आगे कहा- “यह अधिनियम पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश के मुसलमानों पर हमला है। हमारा मानना है कि अधिनियम के प्रावधानों पर गंभीरता से पुनर्विचार की आवश्यकता है क्योंकि वे भारत के संविधान के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों के साथ असंगत हैं, विशेष रूप से धार्मिक स्वतंत्रता, समानता और धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा के संबंध में।”