
2 अप्रैल 2025:- गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है और इस मौसम में कुत्ते काटने के मामले बढ़ जाते हैं. जानकारों की मानें तो गर्मी के कारण कुत्ते आक्रामक हो जाते हैं और लोगों पर अटैक करना शुरू कर देते हैं. कुत्ते काटने के मामले पूरे साल देखने को मिलते हैं और अगर कुत्ता काटने के बाद रेबीज हो जाए, तो लोगों की जान चली जाती है. अक्सर रेबीज को कुत्ते से जोड़कर देखते हैं, लेकिन रेबीज उन जानवरों के काटने से फैलता है, जो इस वायरस से संक्रमित होते हैं. ये जानवर कुत्ते, बिल्ली, चमगादड़, लोमड़ी, ऊदबिलाव और अन्य जंगली जानवर भी हो सकते हैं. कुत्ते और चमगादड़ रेबीज फैलाने के सबसे बड़े सोर्स होते हैं.
जब जानवर की लार इंसानों के शरीर के संपर्क में आती है, तो वायरस उस व्यक्ति में फैल जाता है. रेबीज एक घातक वायरल बीमारी है, जो मुख्य रूप से जानवरों से मनुष्यों में फैलती है. रेबीज का वायरस लोगों के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है. इससे ब्रेन और और रीढ़ की हड्डी में सूजन आ सकती है. अगर कुत्ता काटने के बाद एंटी-रेबीज वैक्सीन न लगवाई जाए, तो इस बीमारी से मौत हो सकती है.
कुत्ते के काटने से ही नहीं, बल्कि खरोंचने भर से भी रेबीज की बीमारी हो सकती है. डॉग बाइट को हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से मिलकर एंटी रैबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए. कुत्ता पालतू हो या आवारा, सभी कुत्तों के काटने से रेबीज फैल सकती है. इतना ही नहीं, अगर इंसान के किसी जख्म या कट पर कुत्ता चाट ले, तब भी रेबीज का वायरस शरीर में पहुंच सकता है और इससे लोगों की मौत हो सकती है. रेबीज की बीमारी से बचने के लिए एंटी-रेबीज वैक्सीन उपलब्ध है. कुत्ते के काटने के बाद कुछ घंटों के अंदर एंटी-रेबीज वैक्सीन लग जाए, तो रेबीज से बचाव हो सकता है.
कुत्ता अगर काट ले, तो क्या करना चाहिए? इस सवाल पर एक्सपर्ट ने बताया कि कुत्ता काट ले, तो लोगों को उस जगह को साबुन लगाकर पानी से कम से कम 15 मिनट तक लगातार धोना चाहिए. माना जाता है कि कुत्ते की लार से निकला रेबीज का वायरस साबुन से खत्म हो सकता है. हालांकि ऐसा करने के बाद भी जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए. अगर किसी को कुत्ता काट ले, तो एंटी-रेबीज वैक्सीन की कुल 5 डोज लगाई जाती हैं. कुत्ते के काटने के 24 घंटे के अंदर एंटी रैबीज वेक्सीन की पहली डोज, तीसरे दिन दूसरी डोज, सातवें दिन तीसरी डोज, 14वें दिन चौथी डोज और 28वें दिन पांचवी डोज लगवानी चाहिए. इससे रेबीज का खतरा नहीं रहेगा.