
5 अप्रैल 2025:- वन तुलसी का आयुर्वेद में कई तरीकों से उपयोग बताया गया है. इसका सेवन करने से विभिन्न प्रकार की परेशानी दूर होती हैं. वन तुलसी वात पित्त के विकारों को दूर करती है और अन्य परेशानियों से निजात दिलाती है. वन तुलसी, जिसे बर्बरी तुलसी भी कहा जाता है, एक औषधीय पौधा है जिसमें कई आयुर्वेदिक गुण पाए जाते हैं. यह सर्दी, खांसी, पाचन संबंधी समस्याएं और त्वचा रोगों के लिए फायदेमंद होती है. इसके साथ ही, इसका उपयोग करने से कई प्रकार की परेशानी दूर होती है.
वन तुलसी का कई समस्याओं में होता है उपयोग और लाभ
वन तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. यह गैस, कब्ज, अपच और पेट की ऐंठन जैसी समस्याओं में राहत दिलाती है. वन तुलसी सर्दी-खांसी में फायदेमंद होती है और श्वसन संक्रमण जैसी बीमारियों के इलाज के लिए कारगर साबित होती है. इसके साथ ही इसमें एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा को नमी प्रदान करते हैं और संक्रमण से बचाते हैं.
वन तुलसी के उपयोग के तरीके
वन तुलसी के पत्तों को धोकर सेवन किया जा सकता है. इसके साथ ही इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर भी पिया जा सकता है. वन तुलसी के पत्ते का प्रयोग चाय में भी किया जा सकता है. इसके अलावा, वन तुलसी का रस शहद में मिलाकर या अदरक के रस के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है, लेकिन वन तुलसी के प्रयोग से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें.