Home आस्था मासिक दुर्गाष्टमी कल, इस शुभ मुहूर्त में करें मां दुर्गा की पूजा…

मासिक दुर्गाष्टमी कल, इस शुभ मुहूर्त में करें मां दुर्गा की पूजा…

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4 मार्च 2025:- मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजा करने से देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन की पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. मासिक दुर्गाष्टमी के दिन देवी दुर्गा की आराधना करने से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. यह व्रत और इस दिन पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. मान्यता के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

कब है मासिक दुर्गाष्टमी:- पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 4 अप्रैल को रात 8 बजकर 12 मिनट पर हो जाएगी. वहीं, इस अष्टमी तिथि की समाप्ति 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर हो जाएगी. हिंदू धर्म में उदया तिथि मानी जाती है. इसलिए चैत्र माह की मासिक दुर्गाष्टमी 5 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी.

मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि:- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें. घर के मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें. मां दुर्गा की मूर्ति सामने दीप जलाएं और व्रत का संकल्प लें. मां दुर्गा को लाल फूल, अक्षत, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें या मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें. मां दुर्गा को फल, मिठाई या पंचामृत का भोग लगाएं. आखिर में, मां दुर्गा की आरती करें और उनसे अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करें.

मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व:-  मासिक दुर्गाष्टमी हर माह आने वाला एक शुभ दिन होता है, जो विशेष रूप से मां दुर्गा को समर्पित होता है. यह दिन आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, मां दुर्गा को “शक्ति स्वरूपा” माना गया है. मासिक दुर्गाष्टमी पर देवी के विविध रूपों जैसे महागौरी, चंडिका, भ्रामरी, कात्यायनी आदि की पूजा की जाती है. यह तिथि शक्ति साधना के लिए बहुत फलदायक मानी जाती है.

दुर्गाष्टमी के दिन देवी दुर्गा से प्रार्थना करने से जीवन में आने वाले संकट, भय, शत्रु बाधा, और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है. जो स्त्रियां मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत करती हैं, उन्हें सौभाग्य, सुहाग और संतान की रक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आर्थिक कष्टों और दरिद्रता से छुटकारा मिलता है, और घर में लक्ष्मी का वास होता है. जो भक्त चैत्र या शारदीय नवरात्र में व्रत नहीं कर पाते, उनके लिए मासिक दुर्गाष्टमी एक उत्तम विकल्प है. यह हर महीने आता है, इसलिए भक्त नियमित रूप से मां दुर्गा की आराधना कर सकते हैं. तांत्रिक या साधक वर्ग के लिए भी यह तिथि विशेष फलदायक होती है. इस दिन की गई साधनाएं, मंत्र-जप और हवन जल्दी फल प्रदान करते हैं.

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