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कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुद्दों के चलते एनएसई के आईपीओ लॉन्चिंग की प्रक्रिया लंबे समय से अटकी पड़ी है.

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) एक बार फिर से स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग के लिए आईपीओ (Initial Public Offering) लॉन्चिंग के प्रोसेस को शुरू करने के लिए तैयार है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आईपीओ लॉन्चिंग के लिए शेयर बाजार के रेग्यूलेयर सेबी (SEBI) के हरी झंडी का इंतजार कर रहा है.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ आशीष चौहान ने कहा, एक बार शेयर बाजार का रेग्यूलेटर सेबी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के ऑपरेशंस को लेकर संतुष्ट हो जाएगा तो सेबी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को आईपीओ लाने के लिए दोबारा से आवेदन करने की इजाजत दे सकता है.  उन्होंने कहा कि जब भी सेबी संतुष्ट हो जाएगा वो हमें आईपीओ लॉन्च करने के लिए बतायेंगे तो हम इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का काम करेंगे.

देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के तौर पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को जाना जाता है जिसके आईपीओ लॉन्चिंग से लेकर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग प्रक्रिया की कवायद लंबे समय से चल रही है. लेकिन एनएसई के 2015 में को-लोकेशन घोटाले के बाद आईपीओ प्रोसेस को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा था. साथ ही सेबी चाहता है कि एसएसई टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करे साथ ही कॉरपोरेट गवर्नेंस के स्ट्रक्चर में सुधार लाए और सभी कानूनी विवादों का पहले निपटारा करे.  2021 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को कई घंटों तक के लिए मेनफ्रेम और डिजास्टर रिकवरी साइट्स में गड़बड़ी के चलते ट्रेडिंग रोकना पड़ा था. जिसकी सेबी ने गहन जांच की थी. कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुद्दों के चलते एनएसई के आईपीओ लॉन्चिंग की प्रक्रिया लंबे समय से अटकी पड़ी है.

दिसंबर 2023 तिमाही के खत्म होने पर एनएसई का मुनाफा 1975 करोड़ रुपये रहा था. जबकि इनकम 3517 करोड़ रुपये रहा था जो कि उसके पहले वित्त वर्ष के समान तिमाही के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा है. लेटेस्ट प्रस्तावित ऑक्शन में एनएसई के शेयर्स के वैल्यू को 3150 रुपये आंका गया था.

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