देश-विदेश
चीन में भूकंप के बाद हजारों लोग बेघर, तबूंओं में झेल रहे ठंड की मार…
पश्चिमी चीन में भूकंप के झटके अभी भी जारी है. 12,000 से अधिक लोग ठंड से बचने के लिए अलाव जलाकर तंबू और अन्य आश्रय स्थलों में रहने को मजबूर हैं. हाल ही में चीन के झिंजियांग क्षेत्र के एक दूरदराज के हिस्से में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और पांच घायल हो गए, जबकि सैकड़ों इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं.ठंडे तापमान के बीच भूकंप ने काफी नुकसान पहुंचाया है, जबकि कजाकिस्तान की सीमा के पास उचतुरपन काउंटी में भूकंप के केंद्र के आसपास कम आबादी होने के कारण जीवन और संपत्ति पर कम नुकसान हुआ है. वहां लोग जान बचाने के लिए तंबू में गर्मी के लिए अलाव के साथ इंस्टेंट नूडल्स खा रहे हैं. उचतुरपन में 16 वर्षीय छात्र जियान गेवा ने कहा कि जब भूकंप आया तो वह बाथरूम में था. पूरी इमारत जोर-जोर से हिल गई .उसे एक स्कूल में ले जाया गया जहां वह अपने दादा के साथ एक छात्रावास के कमरे में रह रहा था, जिसमें लगभग 200 अन्य लोग शामिल थे.
भूकंप कम आबादी वाले क्षेत्र में आया
स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने लोगों के लौटने से पहले घरों की स्थिरता की जांच करने की योजना बनाई है. भूकंप एक कम आबादी वाले क्षेत्र में आया, जहां एक तरफ समतल भूमि और दूसरी तरफ उबड़-खाबड़ जमीन है. किज़िलसु किर्गिज प्रांत में भूकंप के कारण 851 इमारतों को क्षति पहुंची है, भूकंप के केंद्र के पास 93 संचार के टावर ढह गए और 910 पशु मारे गए हैं. यह क्षेत्र ज्यादातर किर्गिज़ और उइगर, जातीय तुर्क अल्पसंख्यकों द्वारा बसा हुआ है, जो मुख्य रूप से मुस्लिम हैं. इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक मौजूद हैं. अर्धसैनिक बलों को सुबह होने से पहले मलबा हटाने और लोगों के लिए तंबू लगाने के लिए काम कर रहे हैं.
2300 से अधिक बचावकर्मी तैनात
यहां करीब 2300 से अधिक बचावकर्मियों को तैनात किया गया है. बचावकर्मियों ने 7338 निवासियों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया. अभी तक कुल मिलाकर12,426 लोगों को सही सलामत निकाला गया है. बचाव दल ने आपातकालीन बचाव उपकरण उन हजारों लोगों की मदद के लिए पहुंचाया जो विस्थापित हो गए हैं. शिनजियांग भूकंप प्रशासन के प्रमुख झांग योंगजिउ ने एक कहा कि यहां इतनी तेज भूकंप के बावजूद मौत और चोट की स्थिति गंभीर नहीं है. झांग ने कहा कि भूकंप का केंद्र समुद्र तल से लगभग 3,000 मीटर (9,800 फीट) ऊपर एक पहाड़ी इलाके में था. अधिकारियों ने कहा कि यामांसु गांव में भूकंप के कारण तीन लोगों की मौत हो गई और पांच घायल हो गए, जिनमें से दो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.
सरकार द्वारा निर्मित नए सार्वजनिक आवास कोई नुकसान नहीं
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी ने बताया कि बुधवार सुबह 8:00 बजे तक 1104 झटके दर्ज किए गए, जिनमें से पांच झटके 5.0 तीव्रता से अधिक के थे. सबसे बड़ा झटका 5.7 दर्ज किया गया. झिंजियांग के उइग आबादी वाले क्षेत्र में क्षतिग्रस्त इमारतों में से 47 घर ढह गए हैं.अधिकारियों ने कहा कि ढहने वाले अधिकांश घर दूरदराज के इलाकों में थे और जो स्थानीय निवासियों द्वारा बनाए गए थे. सरकार द्वारा निर्मित नये सार्वजनिक आवास कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. सभी निवासियों को एक आश्रय स्थल में पहुंचाया गया है. पर्वतीय उचतुरपन काउंटी में तापमान शून्य से काफी नीचे दर्ज किया जा रहा है, चीन मौसम विज्ञान प्रशासन ने इस सप्ताह न्यूनतम तापमान -18 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान लगाया है. शिनजियांग अधिकारियों के अनुसार 2022 में काउंटी में लगभग 233,000 लोग थे. इधर अक्सू में अधिकारियों ने कहा कि भूकंप के कारण बिजली की लाइनें ध्वस्त हो गईं लेकिन बिजली तुरंत बहाल कर दी गई.
क्राइम
बिहार: सारण में चुनाव के बाद हिंसा, 2 पक्षों के बीच फायरिंग, एक की मौत और 2 घायल, लालू की बेटी हैं उम्मीदवार
सारण: बिहार के सारण में चुनाव के बाद हिंसा की खबर है। यहां 2 पक्षों के बीच हुई फायरिंग में एक शख्स की मौत हुई है और 2 लोग घायल हुए हैं। सोमवार शाम को पोलिंग बूथ पर हुए विवाद की वजह से ये घटना हुई है। आज सुबह एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के शख्स को गोली मारी है। घायलों को पटना रिफर किया गया है। बता दें कि सारण लोकसभा सीट से पूर्व सीएम लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव लड़ रही हैं। रोहिणी के छपरा स्थित एक बूथ पर पहुंचने पर विवाद हुआ था। ये विवाद बूथ संख्या 318 और 319 पर हुआ था।
वोटिंग के दौरान हुआ विवाद
दरअसल, छपरा में चुनावी विवाद को लेकर दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी में एक युवक की मौत हो गई है, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है। घटना आज सुबह मंगलवार की है। मृतक की पहचान चंदन राय के रूप में हुई है, जबकि घायलों की पहचान गुड्डू राय और मनोज राय के रूप में हुई है। घटना मुफस्सिल थाना के तेलपा भिखारी चौक के समीप घटित हुई है। मौत के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति है। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। गोली लगने के बाद सदर अस्पताल पहुंचने के साथ ही अस्पताल में अफरातफरी का माहौल हो गया। गोलीबारी का कारण चुनावी विवाद बताया जा रहा है।
आज सुबह फिर आमने-सामने आए दोनों पक्ष
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि सोमवार को मतदान के दौरान दो गुटों में झड़प हो गई थी। राजद प्रत्याशी रोहिणी आचार्य के मतदान केंद्र पर पहुंचने के बाद बीजेपी और आरजेडी के कार्यकर्ता आक्रोशित होकर आपस में भीड़ गए। एक तरफ जहां रोहिणी आचार्य ने मोर्चा संभाला था, वहीं भाजपा की तरफ से रमाकांत सिंह सोलंकी ने मोर्चा संभाला था। इसके बाद राजद कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों में कहासुनी और पत्थरबाजी हुई थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया। इसके बावजूद तनाव की स्थिति बनी हुई थी। आज मंगलवार को दोबारा दोनों गुट आपस में भीड़ गए। दोनों गुटों में गोलीबारी हो गई। इसमें दो लोग घायल हो गए, जबकि एक युवक की मौत हो गई है।
पुलिस पर शिथिलता का आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि आपसी तनाव और पत्थरबाजी के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति हो गई थी, लेकिन पुलिस की सक्रियता कम रही। देर शाम में पुलिस पेट्रोलिंग करने के बाद शांत हो गए।
देश-विदेश
इब्राहिम रईसी के निधन के बाद काले रंग के कपड़े से ढकी गई राष्ट्रपति की कुर्सी, ये है प्रमुख वजह
तेहरानः ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो जाने के बाद उनकी कुर्सी को काले रंग के कपड़े से ढंक दिया गया है। इसकी वजह सिर्फ शोक मनाने का संकेत ही नहीं है, बल्कि एक खास धार्मिक वजह भी है। ईरान के मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन की घोषणा होने के बाद एक आपात बैठक बुलाई उसके बाद शोक संदेश जारी करके कहा कि रईसी ने देश की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। इस रिपोर्ट के साथ एक तस्वीर जारी की गयी है, जिसमें रईसी की कुर्सी को काले रंग के कपड़े से ढका गया है और मेज पर उनकी तस्वीर रखी हुई है।
इसके पीछे की वजह शोक व्यक्त करने के साथ-साथ इब्राहिम रईसी का वह धार्मिक सिद्धांत है, जिसके तहत वह हमेशा काली पगड़ी पहनते थे। दरअसल वह इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर मोहम्मद के वंशज माने जाते हैं। इसलिए हमेशा काली पगड़ी पहने थे। उनकी काली पगड़ी इस बात की द्योतक थी कि वह पैगम्बर मोहम्मद से सीधे जुड़े हुए हैं। इसीलिए ईरानी मंत्रिमंडल ने रईसी के निधन के बाद उनकी कुर्सी को काले कपड़े से ढंक दिया।
ईरान में घोषित हुआ 5 दिनों का शोक
ईरान ने इब्राहिम रईसी के निधन पर 5 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। मंत्रिमंडल ने बयान में कहा, ‘‘हम अपने वफादार, प्रशंसनीय और प्रिय राष्ट्र को आश्वस्त करते हैं कि राष्ट्र के नायक और सेवक तथा नेतृत्व के वफादार मित्र रईसी की अथक निष्ठा के साथ सेवा का मार्ग जारी रहेगा।’’ ईरान के उत्तर-पश्चिम स्थित पहाड़ी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुए राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री और अन्य लोग दुर्घटनास्थल पर मृत पाए गए। देश की सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने 5 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की।
5 वर्ष की उम्र ही हो गई थी पिता की मौत
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के पिता की मौत उस वक्त हो गई थी, जब रईसी केवल 5 वर्ष के थे। इसके बाद उनकी जिंदगी बिना पिता के साये के साथ आगे बढ़ी। ईरान के राष्ट्रपति बनने से पहले वह न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में साल 2019-21 तक काम कर चुके हैं। इसके बाद 2021 में राष्ट्रपति चुने गए। वहीं साल 1988 में खूनी ईरान-इराक युद्ध के अंत में हजारों राजनीतिक कैदियों को सामूहिक तौर पर फांसी दिए जाने के मामले में वह पूरी दुनिया में चर्चा में आ गए। इस क्रूर हत्याकांड में शामिल होने के आरोपों के कारण रईसी पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया था। इब्राहिम रईसी का जन्म साल 1960 में मशहद में हुआ था, जो ईरान का दूसरा सबसे बड़ा शबर और शिया मुसलमानों का पवित्र तीर्थस्थल है।
पैगंबर मोहम्मद के वंशज माने जाते हैं रईसी
इब्राहिम रईसी को पैगंबर मोहम्मद के वंशज के रूप में भी जाना जाता है। जब रईसी 15 साल के थे तो उन्होंने मदरसे में भाग लेना शुरू कर दिया। इसके बाद छात्र जीवन में उन्होंने पश्चिमी समर्थित शाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भी भाग लिया था। हालांकि साल 1979 आते-आते इस आंदोलन का नेतृत्व अयातुल्ला खामेनेई ने करना शुरू किया, जिसे बाद में इस्लामिक क्रांति का नाम दिया गया। इस क्रांति के बाद रईसी न्यायपालिका में शामिल हो गए। बता दें कि खामेनेई द्वारा प्रशिक्षित होने के कारण वे कई शहरों में बतौर अभियोजक कार्य करते रहे। तेहरान में रईसी जब अभियोजक बने तो उनकी आयु उसक वक्त मात्र 25 साल थी। साल 2019 में रईसी को न्यायपालिका प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया।
देश-विदेश
अहमदाबाद एयरपोर्ट से 4 आतंकवादी गिरफ्तार, ISIS से जुड़े तार
अहमदाबाद: गुजरात में एटीएस ने चार आतंकवादियों को एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। ये सभी आतंकवादी श्रीलंका मूल के रहने वाले हैं। ये सभी आतंकवादी अहमदाबाद एयरपोर्ट से पकड़े गए हैं। अहमदाबाद एयरपोर्ट से पकड़े गए सभी आतंकवादी ISIS के साथ जुड़े हुए हैं। आतंकवादियों के पकड़े जाने को लेकर गुजरात के डीजीपी शाम को चार बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। डीजीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इनसे जुड़ी अधिक जानकारी दी जाएगी।
श्रीलंका के रहने वाले हैं आतंकवादी
बता दें कि गुजरात एटीएस को बड़ी सफलता मिली है। गुजरात एटीएस ने आतंकी संगठन ISIS के साथ जुड़े चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आतंकवादी अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए गए हैं। सभी आतंकवादी मूल रूप से श्रीलंका के रहने वाले हैं। वहीं सभी आतंकवादियों से पूछताछ की जा रही है। शाम को डीजीपी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में विस्तार से जानकारी देंगे।
पिछले साल भी हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि पिछले साल अगस्त में भी एटीएस ने अलकायदा से संबंधों के आरोप में राजकोट से तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। प्रथम दृष्टया वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के लिए लोगों को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए एक बांग्लादेशी हैंडलर के लिए काम कर रहे थे।
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