देश-विदेश
केंद्र सरकार का जम्मू कश्मीर में बड़ा एक्शन, यासीन मलिक की पार्टी समेत इन संगठनों पर लगा बैन
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में बड़ा एक्शन लिया है। दरअसल मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट) को गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए अगले 5 साल तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इस बाबत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में लगा हुआ है। राष्ट्र की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति को कठोर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।
जम्मू कश्मीर में अमित शाह का बड़ा एक्शन
शाह ने लिखा, ‘मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग को 5 साल के लिए गैरकानूनी एसोसिएशन को रूप में घोषित किया है। इस संगठन ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के माध्यम से अलगाववाद को बढ़ावा देने, अलगाववाद को सहायता और बढ़ावा देकर भारत की अखंडता को खतरे में डाला है। मोदी सरकार आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों और संगठनों को बख्शेगी नहीं।’ अमित शाह ने लिखा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी के आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत, गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों को गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए बैन कर दिया है।
इन संगठनों पर लगा बैन
उन्होंने बताया कि जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोता), जेकेपीएल (गुलामा मोहम्मद खान) और जेकेपीएल (अजीज शेख) याकूब शेख के नेतृत्व में चलाए जा रहे संगठनों को गैरकानूनी संगठन के रूप में घोषित किया गया है। ये संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक भड़काने और अलगाववाद को बढ़ावा देने में शामिल थे। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब केंद्र सरकार ने इस तरह के किसी संगठन के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने पीएफआई को बैन करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था।
खबरे छत्तीसगढ़
नव पदस्थ थाना प्रभारी कुमार गौरव साहू से पत्रकारों ने की सौजन्य मुलाकात
अनिता गर्ग अमन पथ ब्यूरो,रायगढ़ : खरसिया नए थाना प्रभारी कुमार गौरव साहू से पत्रकारों ने की मुलाकात नव पदस्थ थाना प्रभारी के पदभार लेने पर अखिल पत्रकार संघ अध्यक्ष नयनानंद वैष्णव, उपाध्यक्ष जयप्रकाश डनसेना, टंकेश्वर राठौर, जैकी चौहान, विद्या चौहान, किशोर चौहान सहित सौजन्य भेट कर पुष्प गुच्छ दे स्वागत अभिनंदन और शुभकामनाएं दी और क्षेत्र के बारे में औपचारिक चर्चा परिचर्चा हुई।
देश-विदेश
राहुल गांधी ने EVM पर उठाए सवाल, कहा- यह ब्लैक बॉक्स है, किसी को भी इसकी जांच की इजाजत नहीं
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर EVM को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। उन्होंने दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क की एक्स पर की गई पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए एक अखबार का हवाला दिया और ईवीएम पर सवाल खड़े किए।
चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में कहा- ‘भारत में ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स है और किसी को भी इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।’
रविंद्र वायकर से जुड़ी खबर को किया शेयर
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।
48 वोटों से जीते थे रविंद्र वायकर
मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।
EVM को लेकर एलन मस्क का पोस्ट
दरअसल, एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है। मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा कि हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। क्यों मनुष्यों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम है।मस्क ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद के दावेदार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर की पोस्ट को रिपोस्ट किया है। रॉबर्ट एफ कैनेडी ने अपनी पोस्ट में ईवीएम को लेकर गडबड़ियों का उल्लेख किया था।
देश-विदेश
NEET परीक्षा गड़बड़ी मामले में बोले कपिल सिब्बल-ये तो सरासर भ्रष्टाचार है…मैं हैरान हूं
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने NEET की गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती यूपीए सरकारों को जिम्मेदार ठहराए जाने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि “वर्तमान राष्ट्रीय परीक्षण प्राधिकरण ने गड़बड़ी की है। जिस तरह का भ्रष्टाचार दिखाया गया है, उससे मैं तो हैरान हूं। जब भी वर्तमान सरकार के तहत ऐसा कुछ होता है, तो वे पिछली यूपीए को दोष देना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि NEET विनियमन 2010 में पेश किया गया था। यह स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन था, शिक्षा मंत्रालय के अधीन नहीं।
सिब्बल ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया एक स्वतंत्र निकाय है। फिर 2010 में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा का विनियमन पेश किया। उस विनियमन को रिट याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी थी। इसे सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि MCI के पास कोई विधायी क्षमता नहीं है। 2014 में, समीक्षा की अनुमति दी गई और सुप्रीम कोर्ट के 2013 के आदेश को वापस ले लिया गया। 2016 में भाजपा सत्ता में आई और इस (NDA) सरकार ने धारा 10D पेश की और भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 में संशोधन किया और धारा 10D नामक एक नई धारा पेश की। मेडिकल काउंसिल अधिनियम पारित किया गया। इसमें NEET परीक्षा के लिए एक नई धारा 14 शामिल थी। सुप्रीम कोर्ट ने कानून को बरकरार रखा। इसका यूपीए से कोई लेना-देना नहीं है।”
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि “यह मुद्दा नीट परीक्षा का मुद्दा नहीं है, मुझे लगता है कि मुद्दा उस तरह का भ्रष्टाचार है जो हो रहा है। हमने उत्तर प्रदेश में ऐसा होते देखा है. जिस तरह का पेपर लीक यूपी में हुआ, वैसा हम पूरे देश में होते हुए देख रहे हैं। यदि किसी परीक्षा में परीक्षण प्रणाली भ्रष्ट हो जाती है, तो प्रधान मंत्री के लिए चुप रहना और चुप रहना वास्तव में अच्छा नहीं है। ”
तमिलनाडु शुरू से ही विरोध कर रहा है
कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि “इस देश के नागरिक के रूप में, मुझे लगता है कि इस देश की जटिलता ऐसी है कि किसी भी तरह की एकरूपता एक निश्चित वर्ग के लोगों के पक्ष में जाती है। तमिलनाडु राज्य शुरू से ही NEET परीक्षा का विरोध कर रहा है। यह उनकी चिंताओं में से एक है जिसे उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्त किया है और इसके बारे में कुछ कहा जाना चाहिए क्योंकि परीक्षा सीबीएसई पाठ्यक्रमों पर आधारित है और इसलिए यह उन स्कूलों के छात्रों के पक्ष में है जिनमें सीबीएसई परीक्षा है। बहुत सारे स्थानीय बोर्ड हैं जिनमें सीबीएसई नहीं है।”
शाहनवाज ने दिया जवाब
वहीं भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि “कांग्रेस बयानबाजी कर रही है और लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सब कुछ स्पष्ट कर दिया है। NEET परीक्षा में बैठने वालों के अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है और हमारी सरकार ऐसा कर रही है।”
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