देश-विदेश
इन चुनावी राज्यों में इस दिन लगेगी आचार संहिता, चुनाव आयोग ने दिए संकेत
राजस्थान मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। राजनीतिक दलों ने अपने-अपने चुनाव प्रचार को धार देने के साथ-साथ उम्मीदवारों की घोषणा भी शुरू कर दी है. जैसे-जैसे चुनाव प्रचार बढ़ता जा रहा है लोग आचार संहिता और चुनाव की घोषणा को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं. ऐसे में पिछले चार विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान पर नजर डालें तो साफ है कि अक्टूबर के दूसरे हफ्ते तक पांच राज्यों के चुनावों की घोषणा हो सकती है.
चुनाव आयोग की टीम शुक्रवार को राजस्थान के तीन दिवसीय दौरे पर जा रही है. अगले हफ्ते चुनाव आयोग 3 अक्टूबर को तीन दिवसीय दौरे पर तेलंगाना जाएगा. वहीं, चुनाव आयोग की टीम 24 अगस्त को छत्तीसगढ़, 29 अगस्त को मिजोरम, 4 सितंबर को मध्य प्रदेश का दौरा कर चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप दे चुकी है. राजस्थान और तेलंगाना का दौरा करने के बाद चुनाव आयोग किसी भी दिन चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. 4 से 14 अक्टूबर के बीच हो रही है अनखलानन
दरअसल, पिछले चार चुनावों की तारीखों के ऐलान का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो साफ है कि चुनाव आयोग 4 अक्टूबर से 14 अक्टूबर के बीच ऐलान करता रहा है. 2018 में राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा 6 अक्टूबर को हुई थी. इसी तरह, 4 अक्टूबर 2013 को चुनाव आयोग ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनावों की घोषणा की, जबकि तेलंगाना के चुनाव 2014 के लोकसभा चुनावों के साथ हुए।
अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में तारीखों का ऐलान हो सकता है 2008 में, चुनाव आयोग द्वारा 14 अक्टूबर को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की गई थी। इससे पहले साल 2003 में चुनाव आयोग ने 12 अक्टूबर 2003 को इन चारों राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था. ऐसे में पिछले चुनावी ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए माना जा रहा है कि अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में किसी भी दिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत हिंदी पट्टी के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को अगले साल होने वाले 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, जबकि मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. तेलंगाना में बीआरएस और मिजोरम में एमएनएफ जैसी क्षेत्रीय पार्टियां सरकार में हैं। इस तरह कांग्रेस पांच में से कम से कम तीन राज्यों में चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है. बीजेपी भी इस कवायद में है ताकि 2024 के लिए मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर सके. अक्टूबर में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी हालांकि अभी तक पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह से चुनाव आयोग की टीमें एक के बाद एक राज्यों का दौरा कर रही हैं, उससे संभावना है कि अक्टूबर में आचार संहिता लागू हो सकती है।
इसकी वजह यह है कि संवैधानिक बाध्यताओं के लिहाज से मध्य प्रदेश में 6 जनवरी 2024 और छत्तीसगढ़ में 3 जनवरी 2024 से पहले नई सरकार का गठन होना जरूरी है. इसी तरह राजस्थान में भी 14 जनवरी 2024 से पहले नई सरकार का गठन हो जाना चाहिए. इसलिए चुनाव आयोग को अक्टूबर में ही पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान करना होगा. मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को, छत्तीसगढ़ में 3 जनवरी 2024 को, तेलंगाना में 16 जनवरी 2024 को, राजस्थान में 14 जनवरी 2024 को और मिजोरम में 17 दिसंबर 2023 को समाप्त होगा।
ऐसे में अगर पिछले चुनावों पर नजर डालें तो चुनाव आयोग ने 6 अक्टूबर 2018 को मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था. 2018 में कहां-कितने चरण में चुनाव हुए? साल 2018 में छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव हुए थे. मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में एक ही चरण में चुनाव हुए. छत्तीसगढ़ में 18 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण का मतदान 12 नवंबर को हुआ था, जबकि 72 विधानसभा सीटों के लिए दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को हुआ था। इसी तरह मध्य प्रदेश और मिजोरम में एक ही चरण में 28 नवंबर को चुनाव हुए थे, जबकि राजस्थान और तेलंगाना में 7 दिसंबर को वोट डाले गए थे. पांचों राज्यों में हुए चुनावों की मतगणना एक साथ 11 दिसंबर 2018 को हुई थी. इस बार देखना होगा कि चुनाव आयोग पांच राज्यों का चुनाव कितने चरणों में कराता है?
देश-विदेश
छठ पूजा को लेकर यूपी-बिहार सहित इन राज्यों में 7 नवंबर को बंद रहेंगे स्कूल, जानें डिटेल्स
बिहार-यूपी-झारखंड सहित कई राज्यों में सभी स्कूल सात नवंबर को बंद कर दिए गए हैं। जिला अधिकारियों द्वारा बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि गौतमबुद्ध नगर में कक्षा नर्सरी से आठवीं तक के सभी सरकारी और निजी स्कूल 7 नवंबर को बंद रहेंगे। स्कूलों में छुट्टी छठ पूजा की वजह से दी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पवार ने बताया कि यूपी बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से सभी स्कूलों में छठ महापर्व के लिए अवकाश घोषित किया गया है। शुक्रवार को सभी स्कूल अपने निर्धारित समय पर खुलेंगे।
गौतमबुद्ध नगर के अलावा गाजियाबाद में भी स्कूल बंद रहेंगे। इसको लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक, गाजियाबाद ने पत्र जारी किया है। वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ में भी सात नवंबर को अवकाश घोषित किया गया है।
बिहार और दिल्ली में छठ की छुट्टी
बिहार में छठ के लिए सरकार ने 4 दिन की छुट्टियों का ऐलान किया है। बिहार में 6 नवंबर से 9 नवंबर तक स्कूलों की छुट्टी का ऐलान किया गया है। इसके अलावा झारखंड में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7 नवंबर की छुट्टी है।
छठ पूजा के मौके पर उत्तर प्रदेश में भी छुट्टी का ऐलान किया जा सकता है। दिल्ली सरकार ने पिछले हफ्ते ही छठ पूजा की छुट्टी का ऐलान कर दिया था। मुख्यमंत्री आतिशी ने 7 नवंबर को पब्लिक हॉलिडे का ऐलान किया। सीएम ने कहा था कि सात तारीख को दिल्ली में सार्वजनिक अवकाश रहेगा, ताकि छठ पूजा मनाने वाले लोग उत्साह के साथ इसे सेलिब्रेट कर सकें।
छठ पर्व पर कई राज्यों में 7 नवंबर को स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का ऐलान किया गया है। 15 नवंबर को गुरु नानक जयंती के मौके पर स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। कार्तिक पूर्णिमा और गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस 24 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसकी वजह से स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे।
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नीट-यूजी 2024 परीक्षा नए सिरे से नहीं होगी, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अपने आदेश की समीक्षा की मांग वाली याचिका
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2 अगस्त के फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने नए सिरे से NEET-UG 2024 परीक्षा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने मामले पर खुली अदालत में सुनवाई के अनुरोध को भी ठुकरा दिया। यह याचिका काजल कुमारी ने दायर की थी। कोर्ट के आदेश से स्पष्ट हो गया है कि इसकी परीक्षा दोबारा नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने बताई खारिज करने की वजह
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि उसके फैसले में कोई त्रुटि नहीं है। रिकॉर्ड को देखते हुए कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट रूल्स 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत समीक्षा के लिए कोई मामला स्थापित नहीं हुआ है। इसलिए, समीक्षा याचिका खारिज की जाती है।
पहले कोर्ट ने दिया था ये आदेश
शीर्ष अदालत ने केंद्र द्वारा नियुक्त पैनल -पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (स्नातक) (NEET-UG) आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए गठित किया था। चूंकि पैनल के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया गया था, इसलिए शीर्ष अदालत ने कहा कि समिति परीक्षा प्रणाली में कमियों को दूर करने के लिए विभिन्न उपायों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
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बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने दी ट्रंप को जीत की बधाई, जानें इस संदेश के मायने
ढाकाः बांग्लादेश आवामी लीग पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप को बधाई भेजी है। शेख हसीना ने लिखा है कि ट्रंप को अमेरिका का 47वां राष्ट्रपति चुने जाने की बधाई। अमेरिका चुनाव में जोरदार वापसी और जीत उनकी अद्भुद लीडरशिप और लोगों के उस भरोसे का प्रतीक है, जो उन्होंने अमेरिकियों से हासिल किया है।
शेख हसीना ने ट्रंप को बधाई देते हुए उनके साथ अपनी कई बैठकों और वार्ता को याद किया। जब डोनाल्ड पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे और उनके साथ मेलानिया ट्रंप भी मिली थी। उन्होंने उम्मीद जताई की अब दोबारा ट्रंप के चुने जाने से एक बार फिर अमेरिका और बांग्लादेश के बीच मित्रवत संबंध स्थापित हो सकेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में वह अमेरिका के साथ मिलकर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय हितों के अनुरूप काम करेंगी।
हसीना को ट्रंप से बड़ी उम्मीद
शेख हसीना ने ट्रंप और उनके परिवार के लोगों के लिए अच्छे स्वास्थ्य की भी शुभ कामना दी है। साथ ही अमेरिकी लोगों के शांति, विकास और समृद्धि की कामना की है। शेख हसीना के इस तरह के संदेश से साफ है कि जिस तरह से बांग्लादेश आंदोलन में बाइडेन की बेरुखी और कथित भितरघात के चलते उन्हें सत्ता से विमुख होना पड़ा, उसके विपरीत ट्रंप से हसीना को मदद हासिल होने की उम्मीद है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या फिर हसीना को बांग्लादेश की सत्ता में वापसी का रास्ता खुल सकता है?
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