देश-विदेश
उत्तराखंड टनल हादसे में मजदूरों को बाहर निकालने में लग सकते हैं और 10 दिन…

20 नवंबर 2023:- उत्तरकाशी टनल हादसे को 9 दिन का समय पूरा हो गया है और अभी तक 41 मजदूरों को रेस्क्यू टीम निकालने में असफल रही है. हालांकि, प्रयास लगातार जारी है, लेकिन रेस्क्यू में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. हादसे को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ देहरादून के पंचायती मंदिर में हवन किया और मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने की प्रार्थना की.उन्होंने कहा कि उनकी रेस्क्यू में लगे अधिकारियों से बात हुई है और अधिकारियों ने बताया कि मजदूरों के रेस्क्यू में अभी 10 दिन का समय और लग सकता है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की नाकामी नजर आती है. हालांकि, प्रयास जरूर किए जा रहे हैं लेकिन ये प्रयास नाकाफी हैं.
रोबोट बचाएंगे मजदूरों की जान
उत्तरकाशी टनल में फंसी 41 जिंदगियां बचाने के लिए अब रोबोट को भेजा जाएगा. वो सुरंग के अंदर जाकर रेस्क्यू में मदद करेगा. रोबोट को सुरंग के अंदर आए मलबे के ऊपर बची थोड़ी सी जगह से दूसरी तरफ भेजा जाएगा जिसके लिए मौके पर रोबोटिक्स की टीम भी पहुंच गई है. वो इसके लिए निरीक्षण कर रही है. इस रोबोट की सहायता से दूसरी तरफ पाइप डालने के साथ साथ रेस्क्यू की दूसरी संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी. आपदा प्रबंधन के सचिव डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा ने इस बाबत पूरी जानकारी दी. 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद से 41 मजदूरों का जीवन संकट में है. पांच प्लान मजदूरों को बचाने के लिए तैयार किए जा चुके हैं और केंद्र व राज्य की करीब 6 एजेंसियां इस राहत बचाव में काम कर रही हैं.
मजदूर वाली जगह कैसी है?
उन्होंने बताया कि सुरंग के अंदर भूस्खलन के कारण जो मलबा आया है, उसके और सुरंग की ऊपरी छत के बीच थोड़ी जगह है, जिससे एक छोटे रोबोट को भेजकर देखा जाएगा कि दूसरी तरफ कितनी जगह है. उसमें ऐसी डिवाइस लगाई जाएगी जो वहां के हालात को बता सकती हो. उन्होंने बताया कि वह जगह बेहद संकरी होने से वहां छोटा रोबोट ही जा सकता है. रंजीत सिन्हा ने बताया कि सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है. सब कुछ ठीक रहा और ऑगर मशीन से ड्रिलिंग करने के वक्त कोई बाधा नहीं आती तो रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा करने में 30 से 40 घंटे का समय लग सकता है.
सरकार देगी मजदूरों के परिवारों की यात्रा का खर्च
उत्तराखंड सरकार 41 मजदूरों के रिश्तेदारों के आने-जाने, रहने और खाने का खर्च उठाएगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि अधिकारियों को फंसे हुए मजदूरों के रिश्तेदारों के साथ संपर्क में रहने के लिए कहा गया है ताकि उन्हें किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन लोगों का खर्च वहन करेगी जो मजदूरों का हालचाल जानने के लिए सिल्क्यारा आना चाहते हैं.
देश-विदेश
करणी सेना अध्यक्ष की हत्या पर राजस्थान में आक्रोश, तोड़फोड़ और आगजनी

राजस्थान की राजधानी जयपुर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या कर दी गई। इसके विरोध में आज राजपूत समाज की ओर राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया गया है। इस दौरान राजस्थान में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कई जगहों से तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें हैं।
राजस्थान के करौली में विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है। सभा के बाद करौली कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली गई। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। रैली निकालकर बाजार बंद करवाया गया। सुरक्षा के लिए शहर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। राजपूत समाज के लोगों ने जल्द कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी।
करणी सेना अध्यक्ष की हत्या के विरोध में मध्य प्रदेश में भी रोष दिखने को मिल रहा है। राज्य के राजगढ़ जिले में करणी सैनिकों और राजपूत समाज की ओर से हाईवे जाम कर प्रदर्शन किया जा रहा है।
क्राइम
ये हैं वे दोनों शूटर्स जिन्होंने करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को गोलियों से किया था छलनी

जयपुर: करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के आरोपी दोनों शूटर्स की पहचान कर ली गई है। पुलिस इन दोनों शूटर्स की तलाश में जुटी हुई है। दोनों शूटर्स में से एक का नाम रोहित राठौड़ और दूसरे का नाम नितिन फौजी है। वहीं पुलिस ने उस स्कूटी को भी बरामद कर लिया है जिस पर सवार होकर आरोपी गोगामेड़ी की हत्या के लिए आए थे। मंगलवार को दो हमलावरों ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर में घुसकर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमलावरों ने अपने साथ एक व्यक्ति को भी गोली मार दी तथा घर में मौजूद एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस के मुताबिक आरोपियों को पकड़ने के लिए कड़ी नाकेबंदी की गई है। गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी रोहित गोदारा गैंग ने ली है।
आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास तेज
पुलिस के मुताबिक हमलावर बातचीत करने के बहाने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर में दाखिल हुए और कुछ देर बातचीत करने के बाद उन्होंने गोलियां चलाना शुरु कर दिया। उनके अनुसार गोगामेड़ी के गार्ड ने भी जवाबी गोली चलाई।बाद में दोनों हमलावरों ने उनके साथ आये नवीन शेखावत को भी गोली मार दी। इस वारदात में गोगामेड़ी और नवीन की मौत हो गई जबकि परिचित अजीत गंभीर रूप से घायल हो गया। आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस द्वारा सख्त नाकेबंदी कर संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
लोगों से शांति और संयम बरतने की अपील
राजस्थान के डीजीपी ने बताया कि लोगों से धैर्य और शांति बनाए रखने की अपील करते हुए पुलिस को विशेष सतर्कता बरतने और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस घटना की रोहित गोदारा गैंग ने जिम्मेदारी ली है। इसे ध्यान में रखते हुए पड़ोसी जिलों और बीकानेर संभाग में भी बदमाशों के संपर्क वाले लोगों को चिन्हित कर पुलिस द्वारा लगातार दबिश दी जा रही है।
हरियाणा पुलिस से भी मांगा सहयोग
राजस्थान की पुलिस ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक से बात कर उनसे सहयोग मांगा मांगा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि शीघ्र ही अपराधियों को गिरफ्तार करने में पुलिस टीम को सफलता मिलेगी। गोगामेड़ी पर हमले की पूरी घटना घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हो गया। पुलिस के अनुसार बुरी तरह घायल गोगामेड़ी को मानसरोवर के एक अस्पताल में ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। उधर, गोगामोड़ी की हत्या के विरोध में आज राजस्थान बंद का आह्वान किया गया है। इस दौरान हत्या के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
देश-विदेश
भिखारी के पास थे एक लाख से ज्यादा रुपए फिर भी भूख से हो गई मौत, 2 दिन से नहीं खाया था खाना, डॉक्टर भी हैरान

वलसाड: इंसान को जीने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी खाने के लिए खाना और पीने के लिए पानी होता है। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि कोई शख्स पैसे होते हुए भी भूख की वजह से मर जाए? गुजरात के वलसाड से एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक भिखारी की भूख की वजह से मौत हो गई, जबकि उसके पास एक लाख से ज्यादा रुपए थे।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल वलसाड की गांधी लाइब्रेरी के पास एक भिखारी बेहोशी की हालत में पड़ा मिला था। स्थानीय लोगों ने ये सूचना 108 नंबर पर फोन करके दी। इसके बाद भिखारी को वलसाड के सरकारी हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में पता चला कि भिखारी ने 2 दिन के करीब से खाना नहीं खाया था।
हैरानी की बात तो ये है कि भिखारी के पास 1 लाख 14 हजार 480 रुपए मिले। ऐसे में सभी लोग इस बात से हैरान हैं कि इतना पैसा पास में होने के बावजूद भिखारी भूखा क्यों रहा? क्यों उसने खाना नहीं खाया? पूरे इलाके में भिखारी की मौत की चर्चा जोरों पर है।
पुलिस ने जांच शुरू की
इस भिखारी की उम्र 70 से 77 साल के बीच बताई जा रही है। उसके पास से जो रुपए बरामद हुए हैं, उनमें 100, 200 और 500 रुपए के नोट हैं। वलसाड सिटी पुलिस ने मृत भिखारी के शव को कब्जे में ले लिया है और इस बात की जांच शुरू कर दी है कि क्या भिखारी का कोई भी रिश्तेदार है या नहीं।
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