खबरे छत्तीसगढ़
भानुप्रतापपुर को जिला बनाने की मांग पड़ी फीकी,चुनाव के दौरान ही सक्रिय दिखते हैं क्षेत्र के लोग
भानुप्रतापपुर: बस्तर जिले की सात तहसीलों को जिला बनाया जा चुका है, पर विडम्बना है कि हर क्षेत्र से सम्पन्न होने के बावजूद भी भानुप्रतापपुर अब तक जिला नही बन पाया है। उप चुनाव के दौरान भी जिले का मुद्दा काफी जोर सोर से उठाया गया था। हर दुकान चौक चौराहों पर जिला नहीं तो वोट नहीं के पोस्टर लगे थे। लेकिन चुनाव सम्पन्न हो जाने के बाद जिले का मुद्दा पूरी तरह से ठंडा पड़ चुका है। पूर्व विधायक स्वर्गीय मनोज मण्डावी के द्वारा प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने पर भानुप्रतापपुर को जिला बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं उपचुनाव के दौरान क्षेत्र के लोगों ने उम्मीद जताई थी कि कांग्रेस सरकार स्वर्गीय मण्डावी के सपने को पूरा कर भानुप्रतापपुर को जिला बनाने की घोषणा करेगी, लेकिन उपचुनाव में भी जनता ने स्वयं को ठगा महसूस किया।
ज्ञात हो कि जिला बनाओ संघर्ष समिति के द्वारा भानुप्रतापपुर को जिला बनाने की मांग लेकर कई बार ज्ञापन, धरना प्रदर्शन व चक्का जाम किया जा चुका है। लेकिन शासन प्रशासन से संतोषजनक आश्वासन नहीं मिला। अब पिछले कुछ महीनों से जिला बनाने का मुद्दा ठंडा पड़ा हुआ है। अविभाजित बस्तर जिले में अस्सी के दशक में मात्र आठ तहसीलें थी जिनमें कांकेर, भानुप्रतापपुर, कोंडागांव, नारायणपुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कोटा तथा बीजापुर आदि शामिल हैं। जिनमे भानुप्रतापपुर को छोड़कर आज एक-एक कर सात तहसीलों को जिले का दर्जा मिल चुका है। वन व खनिज संपदा से प्रचुर भानुप्रतापपुर क्षेत्र में दो वन मंडल कार्यालय स्थित हैं। यहां के तेंदूपत्ता की गुणवत्ता पूरे भारत मे प्रसिद्ध है, और बीड़ी उत्पादन में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। यहां की चिरोंजी और अमचूर की पूरे देश में मांग रहती है। क्षेत्र में लौह अस्यक की प्रचुरता है इसलिए कई माइंस संचालित है। जिनसे कई ट्रक व्यवसायियों एवं स्थानीय मजदूरों के रोजगार जुड़े हुए हैं। लेकिन जिला बनाने का मुद्दा केवल चुनाव के समय ही क्यों चर्चा में रहता है। क्या इसके पीछे कुछ राजनीतिक दल या व्यक्तियों का हाथ हैं? जो ये अपने निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए ऐसा करते हैं यह भी विचारणीय है।
जिला बनाने नहीं हो रहे सार्थक प्रयास
भानुप्रतापपुर भौगोलिक दृष्टि, खनिज, वन संपदा और तहसील मुख्यालय की दूरी के हिसाब से जिला बनने के अनुकूल है। समय समय पर जिले की मांग लेकर कई छोटे बड़े प्रयास हुए पर भानुप्रतापपुर को जिला नहीं बनाया जा सका। भानुप्रतापपुर को नया जिला बनाया जाता है तो इसमें 5 विकासखंड वर्तमान के भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, कोयलीबेड़ा, दुगूकोंदल के अलावा पखांजूर को भी नया विकासखंड बनाकर शामिल किया जा सकता है। सभी विकासखंडों की दूरी भानुप्रतापपुर से 35 से 80 किमी के दायरे में है। जबकि वर्तमान में कांकेर जिला मुख्यालय में पहुंचने कोयलीबेड़ा के अलावा बांदे क्षेत्र के लोगों को 150 किमी का सफर करना पड़ता है। यदि सभी क्षेत्र के लोग मिलकर प्रयास करते तो अब तक भानुप्रतापपुर को जिले का दर्जा मिल चुका होता। भानुप्रतापपुर के अलावा अंतागढ़ क्षेत्र से भी जिले की मांग उठ रही है, जिसके चलते सरकार को निर्णय लेने में कठिनाई हो रही है।
भानुप्रतापपुर में स्थित है जिला स्तरीय कार्यालय
भानुप्रतापपुर को जिला बनाने के पहले से ही बहुत से जिला स्तरीय कार्यालय संचालित हो रहे हैं। जिसमें पिच्छेकट्टा में जिला जेल, पीडब्ल्यूडी कार्यालय, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना कार्यालय, वन विभाग के दो वनमंडलाधिकारी कार्यालय, आदिवासी विकास परियोजना कार्यालय, विद्युत कार्यालय, जिला अतिरिक्त सत्र न्यायालय, पशु विभाग का तरल नत्रजल संयंत्र (नाइट्रोजन प्लांट) आदि प्रमुख हैं। इसी तरह अंतागढ़ में भी हालहि में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय व अतिरिक्त कलेक्टर कार्यालय का संचालन प्रारम्भ हो गया है। जिसके चलते जनता के मन में फिर शंशय उतपन्न हो गया है कि आखिर जिला कौन बनेगा? भानुप्रतापपुर के साथ अब अंतागढ़ में भी रेल सुविधा प्रारम्भ हो गयी है। लेकिन अन्य जिले व राज्य से सड़कों का संपर्क भानुप्रतापपुर का अच्छा है। यहाँ आवागमन के साथ ही ठहरने व भोजन की भी उत्तम व्यवस्था है जो अंतागढ़ में नहीं है।
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14 मई को हनुमान टेकरी मंदिर में होगा विशाल भंडारा,अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालुओं से शामिल होने की अपील
एमसीबी : जिले के मनेन्द्रगढ़ में विगत कई वर्षों की भांति इस वर्ष भी गंगा सप्तमी के शुभ अवसर पर श्री विजय हनुमान टेकरी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एवं श्री फलाहारी बाबा की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य पर 14 मई 2024 दिन मंगलवार को शाम 7 बजे से श्री विजय हनुमान टेकरी मंदिर नदीपार मनेंद्रगढ़ में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है । श्री विजय हनुमान टेकरी नदीपार मनेन्द्रगढ़ वार्ड न. 20 मनेंद्रगढ़ के महंत श्री रामेश्वर दास जी महाराज ने सभी श्रद्धालुओं से निवेदन किया है की भंडारे में सपरिवार उपस्थित होकर दिव्य प्रसाद ग्रहण करें साथ ही अधिकाधिक संख्या में शामिल होकर कार्यक्रम को सफल बनायें।
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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंभ
रायपुर : छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में आज 13 मई 2024 (सोमवार) को ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंभ हो गया है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के प्रथम दिन मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा द्वारा अपने न्यायालय में लिस्टेड प्रकरणों में सुनवाई करने के पश्चात् ज्यूडिशियल शाखाओं में चल रहे प्रकरणों के सत्यापन कार्य का निरीक्षण किया गया। उल्लेखनीय है कि उच्चतम् न्यायालय के निर्देशानुसार औचित्यहीन लंबित प्रकरणों को चिन्हांकित करने की प्रणाली विकसित किया जाना है जिससे ऐसे उपरोक्त चिन्हांकित लंबित प्रकरणों को सुनवाई पश्चात् निराकृत किया जा सके।
इस तारतम्य में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के निर्देशानुसार रिट, क्रिमिनल अपील, क्रिमिनल रिवीजन, अवमानना प्रकरणों एवं अन्य प्रकरणों में औचित्यहीन लंबित प्रकरणों की लिस्ट बनाने का कार्य चल रहा है जिसे ज्यूडिशियल ऑफिसर एवं उच्च न्यायालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। उपरोक्त कार्य का निरीक्षण करने हेतु मुख्य न्यायाधीश प्रत्येक शाखा में गये तथा सत्यापित किये गये प्रकरणों की जांच की। उन्होंने रजिस्ट्रार जनरल एवं रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देशित किया कि प्रतिदिन शाखाओं में चल रहे सत्यापन कार्य की जांच करें एवं उसकी रिपोर्ट उनके समक्ष प्रस्तुत की जाए। उन्होंने यह भी अवगत् कराया कि वे उपरोक्त सत्यापन कार्य का समय-समय पर औचक निरीक्षण करते रहेगें।
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बच्चों का हुनर तथा व्यक्तित्व विकास के लिए अदाणी फाउण्डेशन ने लगाया समर कैंप
अनिता गर्ग अमन पथ ब्यूरो,रायगढ़ : अदाणी फाउंडेशन द्वारा जिले के तमनार ब्लॉक में छह दिवसीय समर कैंप का आयोजन किया गया। ग्राम खम्हरिया, ढोलनारा, मिलूपारा व करवाही के सामुदायिक भवन में 6 से 11 मई 2024 तक चलाए गए समर कैंप में 8 से 14 वर्ष के कुल 50 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। शिविर के दौरान बच्चों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियां जैसे योगा, जुम्बा नृत्य, मैजिकल ट्रिक्स, ड्राइंग, स्टोन पेंटिंग, क्ले आर्ट, फुगड़ी नृत्य, बलून गेम इत्यादि कराया गया। इसके अलावा व्यक्तित्व विकास के प्रशिक्षण सहित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया जिसमें विजयी विद्यार्थियों को पुरस्कार भी दिये गए। इस समर कैम्प का मुख्य उद्देश्य गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को खेल-खेल में तार्किक मानसिक और शारीरिक क्षमता को विकसित करना और उनकी रचनात्मकता को बढ़ाना था।
अदाणी समूह की अदाणी फाउंडेशन द्वारा रायगढ़ जिले के तमनार और पुसौर प्रखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका विकास और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे है, जिससे क्षेत्र में औद्योगिक और संरचनात्मक ढांचागत स्थिरता को बढ़ाने में मदद तो मिल रही है। साथ ही इन कार्यों ने समाज में भी विभिन्न स्तरों पर लोगों को प्रभावित किया है।
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