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खबरे छत्तीसगढ़

कोरोना महामारी में भी मजदूरों के चेहरों पर बिखरी मुस्कान, जिला प्रशासन के आश्रय स्थल पर रह रहे मजदूर हैं बेहद खुश ,दे रहे हैं सरकार को धन्यवाद

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एस एच अजहर दंतेवाड़ा 15 अप्रैल 2020। कोरोना वायरस-कोविड-19 वैश्विक महामारी के संकट काल में लॉकडाउन में विभिन्न राज्यों के मजदूर जिले में फंस गए थे, जिला प्रशासन दंतेवाड़ा ने तत्काल प्रभाव से कई राहत शिविरों का निर्माण करा वहां मजदूरों को आश्रय दिया, ऐसी विकट परिस्थिति में उनके रहने ,खाने सहित स्वास्थ्य तथा अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गयी, जहां वे अपने घर से दूर होकर भी सुरक्षित और खुशहाल महसूस कर रहे हैं। प्री मेट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास दंतेवाड़ा में आश्रय लिए हुए बुबनपल्ली जिला मलकानगिरी के भीमा, सिंगा ,हिरमा और तम्मया नाम के मजदूर सेनेटरिंग का काम करने यहां आए थे पर लॉकडाउन के कारण वापिस ओडिशा नहीं जा पाए, जो आश्रय स्थल पर रह रहे हैं साथ ही मुज्जफरनगर उत्तरप्रदेश के रहने वाले जावेद खान अपने साथी फारुख और गुलबार के साथ भी इस आश्रय स्थल में रह रहे हैं, इनका कहना है आंखों में सपनों की जगह अभी आंसुओं ने ले ली है, वह परेशान हैं, हैरान हैं, सोच नहीं पा रहे हैं कि हम कैसे अपने घर को चलाएंगे, अभी काम करने के दिनों में हम यहां अपने घर अपने गांव अपने प्रदेश से मीलों दूर हैं, पर दिल में सुकून इस बात का हैं कि विश्वव्यापी कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी की समस्या में भी हम यहां दंतेवाड़ा में पूरी तरह से सुरक्षित हैं यहां की प्रशासन हमारी बहुत अच्छे से देखभाल कर रही है, उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री श्री भुपेश बघेल तथा जिले के कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा को तहे दिल से धन्यवाद देते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में आप हमारे लिए विघ्नहर्ता के समान है, उन्हें आशा ही नहीं पूरा विश्वास भी हैं कि संकट की यह घड़ी जल्द ही बीत जाएगी और फिर से वह अपने घरों को लौट पाएंगे और अपने परिवार से मिल पायेंगे।

भिन्न-भिन्न राज्यों के मजदूर को मिला आश्रय

कोरोना वायरस कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण लॉकडाउन में काफी बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं ऐसी भयावह स्थिति में वह अपने घर-परिवार से दूर हैं, यह बात उन्हें बेहद खल रही है परंतु से कोरोना के खिलाफ लड़ने में प्रशासन के साथ हैं, दंतेवाड़ा जिले में उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा राज्यों के मजदूर सेनेटरिंग, मिस्त्री, निर्माण कार्य सहित अन्य कार्यों के लिये आये हुए थे जो लॉकडाउन की वजह से वापस अपने राज्य नहीं जा पाए, जिनमें से 07 मजदूर दंतेवाड़ा में, 30 मजदूर बचेली के राहत शिविर में तथा 32 ठेकेदार के संरक्षण में हैं, जहाँ उनके रहने, खाने की पूरी व्यवस्था की गई है, इनके आश्रय स्थल पर बकायदा सोशल डिस्टेंस का पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है।

महाराष्ट्र के बंजारों को भी शरण:

ऐसा नहीं हैं कि केवल आश्रय स्थल पर ही अन्य राज्यों के मजदूर शरण लिए हुए हैं रह रहे हैं, महाराष्ट्र से आए 188 बंजारो के लिए भी जिला प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की है, जिला प्रशासन की ओर से उनके रहने के लिए टेंट की व्यवस्था की गई है साथ ही उनके खाने के लिए जिला खाद्यान्न बैंक से चावल, दाल, मसाले सहित अन्य दैनिक आवश्कता की वस्तुयें प्रदाय की जा रही है, इनके स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखते हुए समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया, साथ ही सभी की जरूरतों को ध्यान में रख कर हर सम्भव मदद की जा रही है।

अन्य को भी दिया जा रहा राशनः

जिले के जिन जरूरतमंदों के पास राशनकार्ड नहीं है उन्हें भी जिला प्रशासन के द्वारा अनाज का वितरण किया जा रहा है, अब तक जिले में 455 निराश्रित, गरीब, मजदूर को गर्म पका हुआ भोजन कराया गया है, साथ ही 4159 जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क राशन का भी वितरण किया गया, जिले के कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा स्वयं इन राहत शिविरों का समय-समय पर निरीक्षण कर रहें हैं, कलेक्टर श्री वर्मा ने तहसीलदार, सीएमओ की अगुवाई में बकायदा टीम बनाकर सभी फसें हुए मजदूर, आश्रयहीन लोगों की पहचान कर उन्हें सारी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।

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तालाब में मिले 2 बच्चों के शव

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रायपुर। न्यू राजेंद्र नगर क्षेत्र में रहने वाले दो मासूम भाई घर में बिना किसी को बताए घर से निकले थे. बहुत देर तक नहीं आने पर बच्चों की तलाश की गई. जिसके बाद दोनों भाईयों का शव तालाब से बरामद किया गया. पुलिस ने मर्ग कायम कर दोनों बच्चों के शव का पोस्टमार्टम कराया. जिसके बाद दोनों भाइयों के शव को परिजनों को सौंप दिया गया है.

थाना प्रभारी ने बताया कि न्यू राजेंद्र नगर में रहने वाले यादव परिवार के दो सगे भाई आयुष सिंह यादव 6 वर्ष और आदर्श यादव 4 वर्ष है. दोनों भाई गुरुवार की सुबह लगभग 8 बजे घर में बिना किसी को कुछ बताएं घर के बाहर खेलने चले गए. इस दौरान उसकी मां घर में बर्तन धोने का काम कर रही थी. काफी देर होने के बाद जब दोनों बच्चे घर नहीं लौटे, तो उनके परिजन आसपास के इलाकों में दोनों बच्चों को ढूंढने लगे. दोनों बच्चों के नहीं मिलने पर इसकी सूचना पुलिस को दी गई. कुछ देर बाद तालाब से शव को बाहर निकालने के बाद बच्चों के शव का पोस्टमार्टम कराया. पोस्टमार्टम के बाद दोनों सगे भाइयों के शव को परिजनों को सौंप दिया गया. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.

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राजिम विधानसभा के पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय पहुंचे शैलेंद्र ध्रुव के घर, परिजनों से की मुलाकात

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शैलेन्द्र के साथ बिताए पलों को याद कर भावुक हुए उपाध्याय

परमेश्वर राजपूत, छुरा :राजिम विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय गरियाबंद जिले के एक दिन के उद्घोषित कलेक्टर शैलेन्द्र ध्रुव का स्वर्गवास हो जाने के खबर के बाद आज ग्राम मेड़कीड़बरी उनके निवास पहुंचकर परिजनों से मुलाकात कर दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा कि उस दिन मैं बाहर था और पहुंच नहीं पाया, वहीं परिजनों को इस दुख की घड़ी में संतावना देते हुई कहा कि इस दुर्लभ बीमारी के चलते शैलेंद्र ने बहुत संघर्ष किया और इस बीमारी के चलते मनुष्य की आयु बहुत ज्यादा दिन की नहीं होती है और शैलेंद्र के एक दिन के उद्घोषित कलेक्टर बऩने से जिले में ऐतिहासिक नाम रहेगा साथ ही उन्होंने शैलेंद्र के साथ बिताए कार्यक्रमों की पलों को याद करते हुए बड़े भावुक होते हुए उन पलों याद किया।

साथ ही शैलेंद्र के अंत्येष्टि कार्यक्रम हेतु कुछ सहयोग राशि प्रदान करते हुए उनकी पिताजी बंशीराम ध्रुव से मुलाकात कर कहा कि मैं प्रयास करूंगा उनके अंत्येष्टि कार्यक्रम के दिन और पहुंच सकूं। शैलेंद्र एक संघर्षशील लड़का था उन्हें जीने की इच्छा थी और पढ़ाई में भी बहुत आगे थे बीमार होने के बावजूद 12वीं की परीक्षा पास कर कॉलेज पढ़ने की इच्छा जताई थी लेकिन ऊपर वाले को कुछ और भी मंजूर था जिसके चलते शैलेंद्र आज हमारे बीच नहीं रहे।
इस अवसर पर उनके साथ सरपंच संघ अध्यक्ष लेखराज धुरवा, बीजेपी नेता सोमप्रकाश साहू,रामलाल कुलदीप, पूर्व जनपद सदस्य अलाराम ठाकुर, दयाराम नागेश, उज्जवल जैन, सरपंच प्रतिनिधि इमलेश ध्रुव के साथ अन्य लोग भी मौजूद रहे।

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तमनार के एनआरसी केंद्र में कुपोषित बच्चों को मिलेगा नया जीवन,विधायक लैलूंगा श्री चक्रधर सिंह सिदार ने किया तमनार में एनआरसी केन्द्र का उद्घाटन

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स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टिकोण से कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल पर तैयार हुआ एनआरसी केन्द्र

तमनार एवं घरघोड़ा विकासखण्ड के कुपोषित बच्चों को मिलेगा लाभ

एनआरसी में है 10 बेड की सुविधा, मनोरंजन हेतु खेलकूद की है समुचित व्यवस्था


अनिता गर्ग अमन पथ रायगढ़, 9 जून 2023/ कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने हेतु आज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तमनार में विधायक लैलूंगा श्री चक्रधर सिंह सिदार के मुख्य आतिथ्य में पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी)का उद्घाटन हुआ।

उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा कुपोषित बच्चों में कुपोषण की रोकथाम एवं उपचार के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्र चलाया जा रहा है। इस दिशा में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल पर डीएमएफ मद से सीएचसी तमनार में पोषण पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की गयी है। जहां तमनार एवं घरघोड़ा विकासखण्ड के कुपोषित बच्चों को नया जीवन मिलेगा। वर्तमान में यहां 10 बेड की सुविधाएं उपलब्ध है। साथ ही सुपोषित आहार की उत्तम व्यवस्था है और इसी के साथ रसोई एवं शौचालय की सुविधा भी मौजूद है। यहां बच्चों के मनोरंजन एवं खेलकूद की समुचित व्यवस्था की गई है। इस केंद्र में कुपोषित बच्चों को उनके माताओं सहित समस्त सुविधा प्रदान की जाएगी। कलेक्टर श्री सिन्हा द्वारा कुपोषण मुक्त जिला बनाने के उद्देश्य से पोषण पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना ब्लॉक स्तर पर की जा रही है। जहां चिन्हित गंभीर कुपोषित बच्चों को एक निश्चित दिन तक रखकर विशेष निगरानी में उन्हें पोषण आहार उपलब्ध कराया जाता है।


सीएमएचओ डॉ.मधुलिका सिंह ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा एवं सीईओ जिला पंचायत श्री अबिनाश मिश्रा के मार्गदर्शन में जिले में कुपोषण मुक्ति की दिशा में सतत् प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि सीएचसी तमनार के एनआरसी केन्द्र में तमनार एवं घरघोड़ा सहित दूरस्थ इलाकों से आने वाले कुपोषित बच्चों को भर्ती कर उनका चिकित्सा अधिकारियों के देखरेख में इलाज किया जा रहा है।

यहाँ गंभीर कुपोषित बच्चों को 6 माह से 5 साल तक प्राथमिक रूप से 15 दिन तक भर्ती कराकर उन्हें पोषण युक्त आहार देकर डॉक्टरों की टीम की देखरेख में उनका इलाज किया जाएगा। अति गंभीर कुपोषित होने पर बच्चों को 21 दिन तक भी रखा जाता है। इस दौरान भर्ती किये जाने वाले बच्चों को 15 दिन तक एनआरसी में रखकर उनका इलाज व स्पेशल डाइट चार्ट तैयार किया जाएगा।

जिसमें सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज तत्व युक्त भोजन आहार विशेषज्ञ द्वारा तैयार किया जाता है। साथ ही यहां उन्हें नि:शुल्क दवाइयाँ भी प्रदान किया जाएगा। प्रतिदिन बच्चों का वजन कर उसी के हिसाब से उनको भोजन एवं दवाइयाँ दी जाएगी। एनआरसी से बच्चे की छुट्टी होने के बाद बच्चे का प्रत्येक 15 दिन में कुल 4 बार फॉलोअप भी किया जाएगा। बच्चे के साथ एनआरसी आने वाली उनकी माता या उनके साथ आने वाले परिजनों को भी दिन में 2 समय भोजन और प्रतिदिन 150 रुपया के हिसाब से 2250 रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाता है। साथ ही यहाँ प्रतिदिन स्टॉफ नर्स के द्वारा माताओं का काउंसलिंग किया जाएगा। जिसमें उन्हें बच्चों के देखरेख, टीकाकरण, पोषण और स्वच्छता से संबंधित जानकारी दी जाएगी।

इस दौरान सरपंच सुश्री गुलापी सिदार, बीडीसी श्रीमती ममता साव, श्री बिहारी लाल पटेल, श्री मानिकचंद पटनायक, श्री कैलाश गुप्ता, श्री बबलू साहू, श्री धर्नुजय भगत, श्री देवेन्द्र शर्मा, श्री द्वारिका ठाकुर, श्री राजेन्द्र शर्मा, श्री चतुरलाल देवांगन, स्वास्थ्य विभाग से डीपीओ श्री अतुल दांडेकर, बीएमओ डॉ.डी.एस.पैकरा, डीपीएम सुश्री रंजना पैकरा, श्रीमती मरकाम, श्री धनश्याम प्रधान, श्री शशिभूषण सिंह एवं जिंदल पावर लिमिटेड से श्री ऋषिकेश शर्मा, श्री राजेश रावत सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

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