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कोरोना वायरस सहायतार्थ दर्रा के शिक्षकों ने किया सेवा कार्य… मनोज देवांगन जिला उपाध्यक्ष संयुक्त शिक्षा कर्मी संघ जिला कुरूद धमतरी ने शिक्षकों को लेकर किया कार्य की शुरूआत

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कृष्णा मेश्राम गोबरा नवापारा। विगत 13 मार्च से सभी विद्यालयों में अवकाश होने के बाद भी शिक्षक गांव में कोरोना वायरस संक्रमण की जानकारी हेतु सर्वे कार्य एव॔ मानिटरिंग में सतत् लगे हैं।इसी कडी़ में ग्राम दर्रा के शिक्षकों ने अपने कार्यरत ग्राम दर्रा में सेवा कार्य करने की योजना बनाया।शासकीय माध्यमिक शाला,शासकीय प्राथमिक शाला,नवीन प्राथमिक शाला एवं उच्चतर माध्यमिक शाला के 10 शिक्षकों ने मिलकर ग्राम दर्रा के शाला प्रबंधन समिति एवं ग्राम दर्रा के सरपंच से विचार विमर्श एवं सलाह लेते हुए ऐसे परिवारों को चिन्हित किये जो कोरोना संक्रमण की इस अवधि में जीविकोपार्जन हेतु राशन ,खाद्य सामग्री जुटा पाने में असमर्थ हैं।ग्राम दर्रा के शिक्षक एवं संकुल फुसेरा के समन्वयक श्री मनोज कुमार साहू द्वारा रू. 5001, पोखराज ध्रुव सहायक शिक्षक,नवीन प्राथमिक शाला दर्रा द्वारा रू.4001, मनोज कुमार देवांगन सहायक शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला दर्रा द्वारा रू.3001 , लोकनाथ साहू शिक्षक,शासकीय माध्यमिक शाला दर्रा द्वारा रू. 1501 , कन्हैया लाल गुरु शिक्षक,शासकीय माध्यमिक शाला दर्रा द्वारा रु.1001 डेहरुराम साहू,व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला दर्रा द्वारा रु.1011, नागेश्वर साहू शिक्षक ,शासकीय प्राथमिक शाला दर्रा द्वारा रु.1001 ,श्रीमति लक्ष्मी गायकवाड़ शिक्षिका, शासकीय प्राथमिक शाला दर्रा द्वारा रू.1501 सहयोग राशि एकत्रित करते हुए 10 परिवार क्रमशः अशोक रात्रे,संजय रात्रे,टीकाराम साहू,लुकेश साहू,खेदू दास,मनोज साहू, अनिंद्र साहू,सुरेन्द्र साहू, तुलेन्द्र साहू,श्रीमति सोना बाई यादव को एक सप्ताह की खाद्य सामग्री( आटा,तेल ,मसाला, आलू, प्याज,दाल,चना,साबुन) का एक पैकेट बनाकर सहयोग किया गया।साथ ही साथ पूरे गांव में400 मास्क का वितरण करते हुए घर घर जाकर उपरोक्त शिक्षकों ने गांव के सभी लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव हेतु आवश्यक सावधानी बरतने, समय समय पर हाथ धुलाई करने,साफ सफाई की विशेष ध्यान रखने हेतु जागरूक किया।उपरोक्त सेवा कार्य के बारे में बताते हुए शासकीय माध्यमिक शाला दर्रा के शिक्षक एवं संकुल केंद्र फुसेरा समन्वयक मनोज कुमार साहू ने बताया कि आज पूरा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण काल से गुजर रहा है।पूरे समाज को एकजुट होकर इस महामारी से लड़ने की आवश्यकता है।हम सभी नागरिक लाकडाउन,सामाजिक दूरी एवं शासन के द्वारा दिए गए निर्देशों का धैर्यपूर्वक पालन करेंगे तो यह कार्य अवश्य ही सफल हो जाएगा।गांव के पालकों को आग्रह किया कि बच्चों के अवकाश के इस समय में आनलाइन पढ़ाई के लिए सभी पालक प्रेरित करें।शासकीय माध्यमिक शाला के शिक्षक लोकनाथ साहू ने सेवा कार्य का उद्देश्य बताया और कहा कि शिक्षक केवल अध्यापन कार्य तक ही सीमित नहीं रहते अपितु जब जब संकट की स्थिति आती है समाज में जागरूकता लाने के लिए आगे बढ़ कर सहयोग भी करते हैं।शासकीय माध्यमिक शाला दर्रा के शिक्षक मनोज कुमार देवांगन ने बताया कि सोसल डिस्टेंसिंग एवं लाकडाउन का पूर्ण पालन करना है।डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि कोरोना वायरस के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है।निश्चित तौर पर अपना भारत देश विश्व पटल पर कोरोना वायरस से मुक्ति पाने के लिए मिसाल के तौर पर गौरव प्राप्त करेगा और यह भी कहा कि ग्राम दर्रा में अध्यापन करने वाले सभी शिक्षक मिलकर ग्राम दर्रा को गोद लेना चाहते हैं।इसी संस्था के शिक्षक कन्हैया लाल गुरू ने गांव वालो को कोरोना के लक्षण बताते हुए एहतियात बरतने की अपील किया। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दर्रा के व्याख्याता डेरहु राम साहु ने कोरोना वारियर्स को सम्मान और अपनापन देने की अपील किये सभी शिक्षको एवं गांववासियों को। नवीन प्राथमिक विद्यालय दर्रा के शिक्षक पोखराज ध्रुव ने गांववासियों को शासन प्रशासन के निर्देशो का पूर्णतः पालन करने पर बल दिया जिससे कि हम महमारी से बच सके। प्राथमिक विद्यालय दर्रा के शिक्षिका लक्ष्मी गायकवाड़ ने महिलाओं और लड़कियो मे कोरोना वायरस के संबंध मे जागरूकता के लिए विभिन्न एहतियान उपाय बताए साथ ही साथ प्राथमिक विद्यालय खर्रा के शिक्षक नागेश्वर साहु ने भी कोरोना संकट को लेकर लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए प्रयास किया।
उपरोक्त सेवा कार्य को देखकर ग्राम दर्रा के जनपद सदस्य धर्मपाल साहू, ग्राम पंचायत सरपंच त्रिलोचन साहू ,उपसरपंच गिरिश ध्रुव, शाला प्रबंधन समिति माध्यमिक शाला दर्रा के अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद साहू,वरिष्ठ सदस्य टीका राम साहू, गिरिवर साहू, जनकराम साहू , प्राथमिक शाला के अध्यक्ष झलेश साहू,उपाध्यक्ष अगेश्वर साहू, नवीन प्राथमिक शाला के अध्यक्ष जनक साहू, उपाध्यक्ष श्रीमति उषा साहू,शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के अध्यक्ष शैलेश साहू,पूर्व सरपंच मन्नू लाल साहू ,श्रीमति उमादेवी साहु पूर्व उपसरपंच, गांव के गणमान्य नागरिक दिलीप साहू, राजेन्द्र साहू, धरमचंद साहू,ग्राम पंचायत के सचिव. श्रीमति शीला साहू,ग्राम पंचायत कोटवार सियाराम बघेल ,शाला प्रबंधन समिति के सदस्य श्रीमति टामिन बाई साहू, श्रीमति विशाखा साहू,श्रीमति दिव्या साहू, गोदावरी साहू, श्रीमति सीमा साहू के अतिरिक्त विद्यालय सफाई कर्मचारी अरुण सेन ,सुशील साहू, भरद्वाज साहू,संजय साहू, यशवंत साहु के साथ साथ संयुक्त शिक्षा कर्मी संघ जिला धमतरी के जिला अध्यक्ष हरीश सिन्हा, जिला सचिव अमित महोबे , कुरूद विकासखंड के संयुक्त शिक्षा कर्मी संघ के अध्यक्ष हुमन चंद्राकर, मगरलोड के अध्यक्ष देवेस साहु, नगरी के अध्यक्ष लोमश साहु , धमतरी विकासखंड के अध्यक्ष पवन परिहा व व्यायाम शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष प्रदीप सिन्हा ने सभी शिक्षकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि समस्त शिक्षक समुदाय को भी ऐसा ही अनुकरणीय पहल एव॔ सेवा कार्य करना चाहिए।

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पीएम जनमन योजना के तहत कमार जनजाति के लोग हुए शासन की योजनाओं से लाभान्वित

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 बलौदाबाजार , 10 नवम्बर 2024 : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में राज्य में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसी कड़ी में बलौदाबाजार जिले के ग्राम बल्दाकछार एवं अवरई में रहने वाले विशेष पिछडी जनजाति कमार के शतप्रतिशत लोगों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया गया है। योजना के तहत अब तक 11 योजनाओं में शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। बल्दाकच्छार में 39 और अवरई में 11 विशेष पिछडी जनजाति कमार परिवार रहते हैं जिनकी  कुल जनसंख्या लगभग 193 है।अब दोनों ही गांव के कमार जनजाति के सभी लोगों का आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड व जाति प्रणाम पत्र बन गया है । महिलाओं के जनधन बैंक खाते खुल गए हैं। पात्रतानुसार किसान क्रेडिट कार्ड, राशन कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि एवं पीएम मातृत्व वंदन योजना का लाभ मिला है। सभी की सिकल सेल जांच एवं सभी घरों में विद्युतीकरण  हो गया है। इसके साथ ही 2 मोबाइल मेडिकल यूनिट की भी सुविधा विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को प्रदान की गयी है।

15 नवम्बर 2023 से शुरू हुए प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछडी जनजाति कमार बाहुल्य ग्राम बल्दाकछार और अवरई में संतृप्तिकरण अभियान शुरू किया गया। इसमें योजना से छूटे हुए लोगों का चिन्हांकन उपरांत उन्हें लाभान्वित करने पर जोर दिया गया और एक वर्ष के अन्दर ही 11 योजनाओं से शतप्रतिशत लोगों को लाभान्वित किया गया।

गौरतलब है कि पीएम जनमन योजना का मूल उद्देश्य कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी), परिवारों और बस्तियों तक बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं को पहुंचाकर उनकी सामाजिक, आर्थिक स्थितियों में सुधार करना है। पीएम जनमन योजना अंतर्गत कमजोर जनजाति समूहों के बसाहटों में विभिन्न विभागों के समन्वय से पेयजल, आवास, सड़क, आंगनबाड़ी के माध्यम से पोषण, आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

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छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य के क्षेत्र में वरदान साबित हो रहे हैं आयुष्मान आरोग्य मंदिर

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  • आयुष्मान आरोग्य मंदिर में 12 सेवाओं का आयुष पद्धति के माध्यम से हो रहा है क्रियान्वयन
  • छत्तीसगढ़ में कुल 400 आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित
  • आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सालाना लगभग सवा करोड़ मरीजों की ओपीडी

 

रायपुर, 10 अक्टूबर 2024  : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार बेहद संवेदनशील है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए स्वास्थ्य बजट को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल स्वास्थ्य सेवाओं को सजग रूप से आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। राज्य स्तर पर डीकेएस और मेकाहारा जैसे अस्पताल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हो रहे हैं तो वहीं संभाग स्तर पर सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों का कार्य निरंतर जारी है। इसी तरह से जिले और ब्लाक स्तर पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर राज्य के लोगों की सेहत का विशेष ध्यान रख रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कुल 400 आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हैं। ये आयुष्मान आरोग्य मंदिर आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धांतों की सामान्य जानकारी एवं रोगों के घरेलू उपचार तथा औषधियों की जानकारी प्रदान करने में बेहद मददगार साबित हो रहे हैं । इसके अंतर्गत संपूर्ण 12 सेवाओं का आयुष पद्धति के माध्यम से क्रियान्वयन किया जा रहा है जिससे मरीजो को लगातार लाभ मिल रहा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में योग प्रशिक्षकों के माध्यम से जनसामान्य को दैनिक योगाभ्यास हेतु प्रेरणा एवं प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है ताकि मरीज शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रहें।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) द्वारा निरंतर मरीजों का इलाज किया जा रहा है एवं उनकी देखभाल की जा रही है। राज्य सरकार की इस पहल से लोगों को लगातार लाभ भी मिल रहा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सालाना 1 करोड़ 38 लाख ओपीडी और मासिक 3 लाख एनसीडी मरीजों का इलाज हो रहा है जो अपनी सफलता की कहानी स्वयं बयां करता है।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर में प्रदान की जाने वाली मुख्य 12 स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान देखभाल, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, परिवार नियोजन गर्भनिरोधक सेवाएं और अन्य प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम सहित संचारी रोगों का प्रबंधन, सामान्य संचारी रोगों का प्रबंधन तथा तीव्र साधारण बीमारियों और छोटी बीमारियों के लिए बाह्य रोगी देखभाल शामिल हैं। इसी तरह से गैर संचारी रोगों की जांच, रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन, सामान्य नेत्र और ईएनटी समस्याओं की देखभाल, बुनियादी मौखिक स्वास्थ्य देखभाल, वृद्धजन एवं उपशामक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं तथा  मानसिक स्वास्थ्य बीमारियों की जांच और बुनियादी प्रबंधन जैसी सेवाएं भी शामिल हैं।

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बागबाहरा जंगल से रेस्क्यू कर सफेद पूंछ वाले बीमार गिद्ध की बचाई जान

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रायपुर, 10 नवम्बर 2024 : राजधानी रायपुर के समीप स्थित नंदनवन जंगल सफारी के वन अधिकारियों एवं चिकित्सकों की टीम ने विलुप्त प्रजाति के सफेद पूंछ वाले बीमार गिद्ध का रेस्क्यू कर उसकी जान बचाने में सफल रही है। यह बीमार गिद्ध लगभग 500 किलोमीटर की उड़ान भरता हुआ बीते दिनों छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद वनक्षेत्र के बागबाहरा पहुंचा था। इस बीमार गिद्ध के रेस्क्यू के बाद नंदनवन जंगल सफारी के वन्य चिकित्सकों एवं वन अधिकारियों ने बड़ी सावधानी के साथ इस गिद्ध का रेस्क्यू कर  इलाज किया। इसके स्वास्थ्य पर सतत निगरानी रखी, जिसके चलते कुछ ही दिनों में यह गिद्ध स्वस्थ एवं सामान्य स्थिति में आ गया। जंगल सफारी की टीम ने इस गिद्ध को फिर से उड़ान भरने के लिए छोड़ दिया है।

नंदनवन जंगल सफारी के अधिकारियों द्वारा बीमार गिद्ध के बचाव कार्य की मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने सराहना की है। उन्होंने गिद्ध के रेस्क्यू ऑपरेशन और इलाज में लगी अधिकारियों की टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विलुप्त होती गिद्ध की इस प्रजाति का छत्तीसगढ़ के अधिकारियों द्वारा बचाव के लिए किए गए प्रयासों की जितनी सराहना की जाए कम है।

गौरतलब है कि सफेद पूंछ वाला गिद्ध (वाईट रुम्पड वल्चर) एक संकट ग्रस्त प्रजाति है। वर्तमान में इस प्रजाति की संख्या देश में 13 हजार से भी कम रह गई है। यह गिद्ध बड़े पेड़ों पर घोंसला बनाते हैं और साल भर में केवल एक ही अंडा देते हैं, जिससे इनकी संख्या बढ़ने की गति धीमी होती है। ये गिद्ध केवल उन्हीं क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहां जैव विविधता समृद्ध होती है और प्रदूषण या औद्योगीकीकरण का प्रभाव कम होता है। गिद्ध के इस प्रजाति के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में भारत में वाईट रुम्पड वल्चर की निगरानी और संरक्षण के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) और ताडोबा अंधेरी टाइगर रिजर्व ने एक विशेष पहल करते हुए 10 सफेद पूंछ वाले एक गिद्धों को एक साथ जियो-ट्रैकिंग उपकरण के साथ जंगल में छोड़ा गया था, जिसमें से एक गिद्ध महाराष्ट्र राज्य में उड़ान भरते हुए छत्तीसगढ़ के इन्द्रावती टाईगर रिजर्व होते हुए कांकेर जिले से महासमुंद वन क्षेत्र बागबाहरा में पहुंच गया था। नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) और ताडोबा अंधेरी टाइगर रिजर्व का गिद्धों को छोड़ने उद्देश्य उनके प्रवास मार्गों का अध्ययन करने के साथ-साथ उनको प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रख उनका संरक्षण और संवर्धन करना था। उन 10 गिद्धों में से एक गिद्ध 20 दिनों में लगभग 500 किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद महासमुंद वन क्षेत्र में आ गया था। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) की निगरानी टीम ने जियो-ट्रैकिंग उपकरण की मदद से जाना कि यह गिद्ध बागबाहरा जंगल मे एक ही स्थान पर लंबे समय तक रुका हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने नंदनवन जंगल सफारी रायपुर के अधिकारियों से सम्पर्क किया और पूरी स्थिति की जानकारी दी।

नंदनवन जंगल सफारी के वन्यजीव डॉक्टरों और वन अधिकारियों की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बागबाहरा क्षेत्र से गिद्ध का सुरक्षित रेस्क्यू किया और 26 अगस्त को उसे नंदनवन जंगल सफारी ले आए। यहां चिकित्सकों की देखरेख में गिद्ध को उचित उपचार और पोषण दिया गया, जिससे वह स्वस्थ होने लगा। कुछ दिनों में ही गिद्ध पूरी तरह से स्वस्थ हो गया और उसकी सक्रियता लौट आई।

नंदनवन जंगल सफारी के संचालक श्री धम्मशील गणवीर ने बताया कि नंदनवन जंगल सफारी से वन्य जीव चिकित्सकों के सलाह के आधार पर 26 सितंबर 2024 को गिद्ध को फिर से उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया, जिसके बाद यह गिद्ध यहाँ से 1100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हुए गुजरात राज्य के सूरत इलाके में पहुंच गया है। इस गिद्ध की  लोकेशन की ट्रेकिंग बीएनएचएस द्वारा की जा रही है।

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