खबरे छत्तीसगढ़
*छत्तीसगढ़ में मजदूरों का पलायन बदस्तूर जारी, सरकार बदल गई, लेकिन छत्तीसगढ़ से मजदूरों का पलायन नहीं रूका*
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तपेश शर्मा संवाददाता सक्ती । छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव खत्म होते ही लोगों का पलायन फिर से शुरू हो गया है। सक्ती रेल्वे स्टेशन से प्रतिदिन करीब 150 से 200 लोग ग्वालियर, दिल्ली, जम्मू, कश्मीर और उत्तराखण्ड की ओर पलायन कर रहे है। बता दें कि त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न होते ही लोगों का पलायन प्रारंभ हो गया है। हर साल छत्तीसगढ़ के अलग अलग स्धानों से लाखों लोग काम की तलाश में पलायन करते है। मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए हर साल नई नई योजनाएं बनाई जाती है साथ ही गांवों में भी रोजगार गारंटी अतर्गत कार्य आते हैं जिससे मजदूरों को उनके गांव में ही काम मिल सके।इसके बावजूद लगातार पलायन जारी है। कुछ लोग तो अपनी मर्जी से पलायन करते हैं लेकिन वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो मजबूरी और दबाव में अपने गांव को छोड़ते हैं। हमेशा सुनने में आता है कि छत्तीसगढ़ के मजदूरों को बंधक बनाकर बंधवा मजदूरी कराई जा रही है आसके बावजूद लोगों में जागरूकता नहीं आ रही है। साथ ही कुछ ऐसे लोग हैं जो लगातार मजदूरों को अच्छे दामों में यहां से वहां भेजते हैं जिन्हें लोकल भाषा में मजदूर ठेकेदार कहा जाता है। ठेकेदार के द्वारा अन्य प्रदेशों के ठेकेदारों के साथ सांठ- गांठ होती है, और एक मजदूर के बदले ठेकेदार को 300 से 500 रूप्ए तक मिलते हैं। इन सब की जानकारी स्थानीय पंच सरपंच से लेकर पुलिस व प्रशासनिक अमलों के छोटे कर्मचरियों को रहती है लेकिन ठेकेदारों द्वारा पुलिस के सिपाहियों और जनपद और लेबर विभाग के कर्मचारियों को हर खेप के पीछे दो हजार, तीन हजार रूप्ए चढ़ावे के तौर पर दे दिया जाता है। यहां पर बताना लाजमी होगा कि कलिंग उत्कल एक्सप्रेस एवं संबलपुर एक्सप्रेस में सक्ती स्टेशन से सबसे ज्यादा मजदूर पलायन करते है। यहां अक्सर यह भी देखने को मिलता है कि पुलिस विभाग के कुछ सिपाही और संबंधित विभागों के कर्मचारियों को उत्कल एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस के समय स्टेशन के आस- पास मंडराते हुए देखा जा सकता है नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया की एक ठेकेदार जो अपनी भूरे रंग की चार पहिया वाहन में आता है और मजदूरों को ट्रेन में बैठाकर अपने गन्तव्य को रवाना हो जाते है। इस संबंध में कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायतें भी हुई लेकिन अब ठेकेदार और मजदूर दोनों होशियार हो गए हैं । अब मजदूरों को स्लीपर का टिकट पहले से ही दे दिया जाता है और उन्हें ट्रेन में लगने वाले फाइन के बारे में भी पता है उतना पैसा उन्हें ठेकेदार द्वारा दे दिया जाता है वहीं अगर मजदूरों से पूछो कि कहां जा रहे हो तो वे बड़े ही आसानी से जवाब देते हैं कि हम घूमने जा रहे हैं जिससे ठेकेदार के उपर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है, लेकिन जब कोई मजदूर बाहर जाकर फंसता है तो फिर उसे लाखों रूप्ए खर्च कर बचाया जाता है लेकिन इसमें मजदूर का क्या जाता है वो फिर अगले साल किसी और ठेकेदार के झांसे में आकर कहीं और चल देता है। मजदूरों का पलायन बदस्तूर जारी है लेकिन उसे रोकने के लिए प्रयास के नाम पर आज भी सरकार उदासीन है, श्रम विभाग तो बना दिया गया है लेकिन सिर्फ खाना पूर्ति के लिए और साथ ही सुरक्षा के नाम पर लगे पुलिसिंग भी समय देखकर अपना उल्लू सीधा करने से बाज नहीं आते।
छत्तीसगढ़ से लेकर जिस स्थानों में मजदूरों को भेजा जाता वहां तक भ्रष्टाचार में लिप्त के कारण मजदूरों के पलायनों में अंकुश के बजाए बढोत्तरी हो रही है।
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मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर नगरीय निकायों में जनसमस्या निवारण पखवाड़ा का आयोजन
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- हर वार्ड में लगेंगे शिविर आज 27 जुलाई से 10 अगस्त तक, समस्याओं का मौके पर ही त्वरित निराकरण किया जाएगा
- उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय निकायों के सभी विभागों के अधिकारियों को शिविरों में मौजूद रहकर लोगों की दिक्कतें दूर करने के दिए निर्देश
- नगरीय निकायों के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से जनसमस्या निवारण पखवाड़ा में सक्रिय भागीदारी की अपील की
रायपुर, 27 जुलाई 2024 : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर नगरीय निकायों में जनसमस्या निवारण का आयोजन प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में आज 27 जुलाई से 10 अगस्त तक किया जाएगा। इस दौरान नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में वार्डवार शिविरों का आयोजन कर समस्याओं का त्वरित निदान किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा में नागरिकों की समस्याओं को हल करने विभागीय अधिकारियों, नगर निगमों के आयुक्तों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को समुचित इंतजाम के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वार्डों में आयोजित शिविरों में महापौरों, अध्यक्षों, पार्षदों और अन्य जन प्रतिनिधियों से उपस्थित रहने की अपील की है, ताकि इनमें आमजन की ज्यादा से ज्यादा सहभागिता हो सके।
राज्य शासन द्वारा जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के आयोजन के लिए नगरीय निकायों को परिपत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि स्थानीय रहवासियों को नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराना निकाय का मुख्य दायित्व है। नल कलेक्शन, राशन कार्ड, राष्ट्रीय परिवार सहायता, वृद्धावस्था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनुज्ञप्तियां, अनापत्ति प्रमाण पत्र, नामांतरण, स्वरोजगार के प्रकरण तथा कई विविध छोटे-छोटे कार्य होते हैं, जिनका निराकरण शीघ्र अपेक्षित होता है। इनके साथ ही जलापूर्ति में लीकेज, नलों में पानी न आना, नालियों व गलियों की सफाई, सार्वजनिक नलों के प्लेटफार्म से पानी बहना, कचरे की सफाई व परिवहन, टूटी-फूटी नालियों की मरम्मत, सड़कों के गड्ढे पाटना, स्ट्रीट लाइट्स का बंद रहना जैसी समस्याएं भी होती हैं। वार्डवार जनसमस्या निवारण शिविरों का उद्देश्य इन समस्याओं के निराकरण के साथ ही नागरिकों को जरूरी जनसुविधाएं उपलब्ध कराना भी है।
नगरीय प्रशासन विभाग ने नगरीय निकायों के सभी विभागों के अधिकारियों को शिविर में मौजूद रहकर समस्याओं का निराकरण यथासंभव मौके पर ही करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। शिविरों में करदाताओं को करों के भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग ने वार्डवार शिविरों के आयोजन के संबंध में वार्ड एवं नगर में व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि आम नागरिक शिविर का पूरा लाभ प्राप्त कर सके।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने राज्य की सभी 184 नगरीय निकायों में लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए वार्डवार शिविर आयोजित कर उनका मौके पर ही निराकरण के निर्देश नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को दिए हैं। उन्होंने कहा कि वार्डवार शिविरों के आयोजन से स्थानीय प्रशासन में लंबित शिकायतों का त्वरित निदान होगा और नागरिकों को जरूरी सुविधाएं मिलेंगी। समस्याओं का निराकरण मौके पर ही शीघ्रता से होने से शहरी सरकार के प्रति लोगों में सद्भाव भी बढ़ेगा।
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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आज दोपहर दो बजे नीति आयोग की बैठक में उद्बोधन
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बैठक में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ सदन नई दिल्ली से राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना
रायपुर, 27 जुलाई 2024 : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज प्रातः 9 बजे नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन पहुँचे। मुख्यमंत्री की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में दोपहर दो बजे उद्बोधन और 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में शासन की योजनाओं पर प्रजेंटेशन होगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल उपस्थित होंगे। मुख्यमंत्री श्री साय बैठक में छत्तीसगढ़ की आवश्यकताओं, चुनौतियों और विकास योजनाओं पर चर्चा करेंगे। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और डिजिटल अधोसंरचना जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे। इसके अलावा, वे राज्य के युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास के मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे।
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किरंदुल में आफत की बारिश का कहर जारी,जल भराव की स्थिति से निचली बस्ती से लेकर मुख्य मार्ग में भरा पानी
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एस एच अज़हर दंतेवाड़ा : किरंदुल में आफत की बारिश का कहर जारी है। किरंदुल में जल भराव की स्थिति से निचली बस्ती से लेकर मुख्य मार्ग में भी पानी भर गया । आम जनता परेशान हैं, लगातार हुई हो रही बारिश से समस्त किरंदुल के छोटे से बड़े नाले व तालाब खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं कहीं भी जाने का रास्ता नहीं है, जो जहां है वही कशमकश में पड़ा है हर तरफ पानी ही पानी का मंजर है घरों में बच्चे व महिलाएं बिलख के रो रहे हैं और ऊपर वाले से इस बारिश को रोकने के लिए प्रार्थना का दौर जारी है सभी अपने-अपने घरों में अपने भगवान को याद कर रहे हैं बता दें बारिश नहीं रूकी और इसी तरह बारिश होती रही तो तबाही का मंजर ही मंजर दिखेगा।
इस तबाही के मंजर में क्या हो गया आम जनता कहां जाएगी ना घर से बाहर निकाल सकते हैं ना घर में रह सकते हैं गंभीर परिस्थितियों में जीने को मजबूर । बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है आपको बता दे मुख्य मार्ग व निचली बस्ती बंगाली कैंप मल्लप्पा कैंप गजराज कैंप तालाब पारा मेन मार्केट समस्त स्थान में जल भराव में आम जनता गंभीर परिस्थितियों में जीने को मजबूर है समय रहते अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो और भी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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