खबरे छत्तीसगढ़
भूपेश बघेल अब मुख्यमंत्री दर्पण वेबसाईट के जरिए करेंगे राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं की निगरानी

एस एच अजहर दंतेवाड़ा 11 जून 2020। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के पहले मुख्यमंत्री दर्पण वेबसाईट और मोबाइल एप का लोकार्पण किया। इस वेबसाईट के जरिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य सरकार की सुराजी गांव योजना सहित अन्य फ्लैगशिप योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग कर सकेंगे वहीं इस वेबसाईट और मोबाइल एप के जरिए आमजन इन योजनाओं की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। इस वेबसाईट और मोबाइल एप का निर्माण चिप्स द्वारा किया गया है।
भूपेश बघेल ने चिप्स के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री दर्पण पोर्टल और मोबाइल एप के जरिए जहां सीधे मुख्यमंत्री सचिवालय से योजनाओं की प्रगति की समीक्षा और निगरानी होगी वहीं दूसरी ओर योजनाओं की समस्त जानकारी वास्तविक समय पर आम-नागरिकों के लिए भी उपलब्ध रहेंगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने बताया कि मुख्यमंत्री दर्पण पोर्टल और मोबाइल एप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हम नो पेपर मूल्यांकन और रियल टाइम मानिटरिंग की ओर बढ़ रहे हैं। स्कूल और तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने दर्पण वेबसाइट और मोबाईल एप की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आर.पी.मंडल, अपर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई तथा मुख्यमंत्री सचिवालय में उपसचिव सुश्री सौम्या चौरसिया सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना (नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी) सहित महात्मा गाँधी की जयंती 02 अक्टूबर 2019 के दिन शुरू की जन-कल्याणकारी योजनाओं को इसमें शामिल किया गया है। इन योजनाओं में सुराजी गांव योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना प्रमुख है। चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई ने बताया कि मुख्यमंत्री दर्पण पोर्टल और मोबाइल एप में आम-नागरिकों के लिए अनेक सुविधाएँ दी जा रही है। वेबसाईट में ‘मुख्यमंत्री से बातचीत’ के अंतर्गत आम जन अपने विचार साझा कर सकते हैं। इसमें करोना के समाधान भी बताये गये हैं। मुख्यमंत्री से संवाद करने के लिए सीधे लिख सकते हैं, सोशल मीडिया एकाउंट से जुड़ सकते हैं। इसके अलावा दर्पण में सभी प्रमुख योजनाओं की हर प्रकार की जानकारी आंकड़ों के साथ भी उपलब्ध कराई गयी है जैसे- नरवा योजना के अंतर्गत स्वीकृत नालों की कार्य प्रगति, सर्वे अनुसार लक्ष्य, घटकवार रिपोर्ट, योजना की सफलता की झलकियाँ आदि को विस्तार से बताया गया है।
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ईसाई आदिवासी महासभा ने पत्थलगांव जिला बनाने को लेकर शहर में निकाली विशाल रैली,सड़कों में उमड़ी भारी भीड़, मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

पत्थलगांव(दिपेश रोहिला ) : बीते कई दशकों से पत्थलगांव जिला बनाने की मांग को लेकर हर वर्ग,समुदाय के लोगों द्वारा अपनी अपनी आवाज लगातार बुलंद की जाती रही है। विदित हो कि अविभाजित मध्यप्रदेश के वक्त से ही लोगों द्वारा अभियान,धरना,आंदोलन का रुख अपनाया जा चुका है। मगर आजतलक पत्थलगांव को जिला बनाने की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी ना होना या यूं कहें कि पत्थलगांव को जिला नहीं बन पाने से यहां के विकास में चार चांद नहीं लग पा रहा। पूर्व में भी कई बार पत्थलगांव को जिला बनाओ की मांग को लेकर लोग सड़कों में उतर चुके है। वहीं अब पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग को लेकर सड़कों में भारी संख्या में नारों के साथ आज रविवार को ईसाई आदिवासी महासभा के बैनर तले शहर के सेंट जेवियर्स स्कूल ग्राउंड से विशाल जनसमूह के साथ रैली निकाली गई। जिसमे सैंकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान रैली में लोगों के हाथों में “पत्थलगांव को जिला बनाओ समेत अन्य तख्तियों के माध्यम से सड़कों में नारे गूंज रहे थे। वहीं रैली को लेकर पत्थलगांव पुलिस प्रशासन समेत जिले के अन्य क्षेत्रों से पहुंची पुलिस ने यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए चप्पे चप्पे पर तैनात रही।
ज्ञात हो कि राजनीतिक दलों की ओर से पत्थलगांव जिला बनाने को लेकर अब तक कोई खास पहल नहीं हो पाई है। विगत कई वर्षों से लोग पत्थलगांव को जिला बनाने को लेकर अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं। मगर चुनाव सामने आते ही जिला बनाने के नाम पर पत्थलगांव को ठगा जाता रहा है। दरअसल पत्थलगांव के जिला बनने से यहां विकास की गति तेज होगी जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा,स्वास्थ्य सहित अन्य मूलभूत सुविधा से लोगों को वंचित नहीं होना पड़ेगा। पत्थलगांव जिला बनाए जाने पर यह व्यावसायिक व आर्थिक दृष्टि से विकसित जिला बन सकता है।
इस दौरान ईसाई आदिवासी महासभा प्रदेश विधिक सलाहकार स्मृति खलखो ने कहा है कि आए दिनों लोग अपने सरकारी कार्यों संबंधित दस्तावेजों के काम से पत्थलगांव से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जिला मुख्यालय जशपुर में जाकर अपने कार्यों को पूर्ण कराते हैं वहीं पत्थलगांव से करीब 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ एवं 100 किलोमीटर की दूरी पर अंबिकापुर जिला है। जिससे विषम परिस्थितियों में भी समय और रुपयों के खर्च होने से लोगों को मानसिक और शारीरिक परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद पत्थलगांव वासी चीख चीख कर कह रहे है कि जिले की सौगात कब मिलेगी। उनका कहना है कि बीते कई दशकों से क्षेत्रवासी अब अपनी मांग पूर्ण नहीं होने पर स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। पूर्ववर्ती सरकार ने इन बातों पर अमल नहीं किया वहीं अब 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक पत्थलगांव को जिला बनाने को लेकर कोई विशेष पहल नहीं होना क्षेत्रवासियों के लिए एक बड़ी विडंबना है।उन्होंने कहा है कि जो पत्थलगांव का विकास करेगा और पत्थलगांव को जिला बनाएगा वही विधायक राज करेगा। पूर्व में भी सरकारी माध्यम से कई बार पत्थलगांव को जिला बनाए जाने के संकेत दिए जाते रहे हैं। वहीं अब तक पत्थलगांव को जिला नहीं बनाए जाने से लोग उपेक्षित महसूस कर रहे है।
इस दौरान ईसाई आदिवासी महासभा पत्थलगांव ब्लॉक अध्यक्ष सुरेंद्र तिर्की समेत अन्य पदाधिकारीयों ने एसडीएम व तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपा है। दिए गए ज्ञापन में उल्लेख है कि उदयपुर क्षेत्र के जनता की मांग लम्बे समय से पत्थलगांव को जिला बनाने की रही है, जो आज पर्यन्त तक अपूर्ण है। पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग का प्रमुख कारण यह है कि, पत्थलगांव क्षेत्र का मुख्यालय से जशपुर अम्बिकापुर और रायगढ़ लगभग सौ किलोमीटर की दूरी है । और साथ ही बदहाल सड़कों की स्थिति के कारण क्षेत्र की जनता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पत्थलगांव क्षेत्र से हमारा तात्पर्य पुराना उदयपुर क्षेत्र से है। पुराना उदयपुर को मिलाकर जिला बनाया जाए। जिसमें निम्न विकासखण्ड शामिल होना है। पत्थलगाँव कांसबेल, बागबहार लैलूंगा, धरमजयगढ़ और सीतापुर आदि। वहीं ज्ञापन के माध्यम से ईसाई आदिवासी महासभा ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि मुख्यमंत्री महोदय से सादर निवेदन है कि, पत्थलगांव को जिला बनाने की बहुप्रतीक्षित जनता की मांग को तत्काल पूरा करने की कृपा करें।
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अभनपुर और राजिम विधानसभा में इस बार जरूर खिलेगा कमल, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने किया पलटवार किया प्रेस कांफ्रेंस

कृष्णा मेश्राम–पत्रकार नवापारा राजिम : रायपुर जिले में गोबरा नवापारा के कृषि उपज मंडी सहित गरियाबंद जिले में बीते कल हुए भाजपा के परिवर्तन यात्रा के बाद आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और प्रदेश भाजपा नेताओं ने राजिम रेस्ट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस कर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को लुटेरी, झूठी और भूपेश, अकबर, और ढेबर की भ्रष्ट सरकार बताया, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि झूठ बोलने में कांग्रेस नेताओं के पास पीएचडी है, वहीं जिले की दोनो विधानसभा में भारी बहुमत से जीत का दावा किया है।प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के उस बयान पर पलटवार किया जिसमे कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भाजपा को किसानों की समझ नहीं है बताया था, जिस पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा कि रविंद्र चौबे जी हमे न सिखाए कि किसानों की तरक्की और बेहतरी के लिए क्या हो सकता है, उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि आपने किसानों का शोषण किया है, केंद्र सरकार जो धान का समर्थन मूल्य देती है, उसको जोड़कर छत्तीसगढ़ में किसानों को दिया जाता है, उन्होंने आगे कहा इनके नेता कोरा झूठ बोलते है, कि धान खरीदी में केंद्र सरकार का कोई योगदान नहीं है, अरुण साव ने कहा कि धान खरीदी में ट्रांसपोर्टिंग का खर्चा, मिलिंग का खर्चा, टूटत का खर्चा, और सुखत का खर्चा यहां तक बारदाना और सुतली तक का खर्च केंद्र सरकार देती है, इसलिए किसानों की बेहतरी पर रविंद्र चौबे भाजपा को न सिखाए।
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वनांचल के विशेष पिछड़ी कमार जनजाति ग्राम गोंदलाबाहरा में कमार समाज सम्मेलन कार्यक्रम का हुआ आयोजन

परमेश्वर राजपूत, छुरा : गरियाबंद जिले के छुरा विकास खंड के बीहड़ वनांचल में बसे ग्राम गोंदलाबाहरा में कमार समाज के द्वारा कमार जनजाति सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें महिला हिंसा मुक्ति एवं मतदाता जागरूकता जैसे कार्यक्रम पर भी प्रकाश डाला गया। ज्ञात हो कि इस ग्राम में विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के लोग निवासरत हैं और आज भी जागरूकता के आभाव में यहां के लोगों का जीवन स्तर में सुधार की आवश्यकता है आज भी यह ग्राम गोंदलाबाहरा पक्की सड़कों से नहीं जुड़ पाया है और सड़क का आभाव है। यहां पहुंचने के लिए कच्ची सड़कों से होकर जाना पड़ता है और बारिश के दिनों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इसे देखते हुए विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के समाज के लोग यहां एक सम्मेलन कर कुछ एनजीओ व जागरूक लोगों को भी आमंत्रित किए जहां पर महिला हिंसा,शिक्षा, स्वास्थ्य, मतदाता जागरूकता जैसे कई मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें जानकारी प्रदान किए।
विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के लोगों को प्रधानमंत्री आवास, वनाधिकार पट्टा, ग्राम सभा का महत्व जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी दी गई।साथ ही बिहान समूह के महिलाओं के द्वारा बिहान की योजनाओं से संबंधित जानकारी देते हुए सरकार के द्वारा महिलाओं के लिए बनाई गई योजनाओं को बताया गया। इस वनांचल के गांव में आज भी कई समस्या बनी हुई है जिस प्रकार से शासन के द्वारा विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के लोगों के लिए योजनाएं संचालित की गई है किंतु यहां आज भी सुधार की जरूरत है।इस विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के सम्मेलन में स्थानीय ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव,कमार समाज के मुखिया सहित सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ पदाधिकारी, बिहान की महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में अन्य ग्रामीण जन भी उपस्थित रहे।
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