Connect with us

खबरे छत्तीसगढ़

श्रमिक दिवस पर छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ी खबर , देशव्यापी संकट के दौर में भी छत्तीसगढ़ में घटी बेरोजगारी दर

Published

on

SHARE THIS

रायपुर, 1 मई 2020/ वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से जहाँ देश व्यापी बेरोजगारी की दर में बढ़ोत्तरी हो रही है, वहीं छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गयी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की जारी ताजा रिपोर्ट में प्रदेश की बेरोजगारी दर 12 महीने के सबसे निचले स्तर पर 3.4 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो कि राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर (23.5 प्रतिशत) से काफी कम है। सीएमआईई के द्वारा किये गए सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर सितंबर 2018 में 22.2 प्रतिशत थी, जो घट कर अप्रैल 2020 में 3.4 प्रतिशत दर्ज की गई है।गौरतलब है कि लॉक डाउन के दौरान देश में औद्योगिक गतिविधियां बंद हैं, जिससे देश की आर्थिक हालात पर गहरा असर पड़ा है। देशव्यापी बेरोजगारी दर में भी बेतहाशा वृद्धि हो रही है। लेकिन इस महामारी के संकट में भी प्रदेश के लिए एक सुखद संकेत प्राप्त हुआ है। प्रदेश की बेरोजगारी दर में कमी दर्ज की गई है। इसका प्रमुख कारण मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बचाने और ग्रामीणों की आजीविका को संरक्षित करने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के दौर में व्यापक स्तर पर काम कर रही है। लॉकडाउन में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के अंतर्गत ग्रामीणों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ अभी पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। देशभर में मनरेगा कार्यों में लगे कुल मजदूरों में से करीब 24 फीसदी अकेले छत्तीसगढ़ से हैं। यह संख्या देश में सर्वाधिक है। प्रदेश की 9883 ग्राम पंचायतों में चल रहे विभिन्न मनरेगा कार्यों में अभी 18 लाख 51 हजार 536 श्रमिक काम कर रहे हैं।वहीं, लॉकडाउन की अवधि में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत लॉकडाउन की अवधि में अब तक 900 करोड़ रूपए की राशि उनके खातों में अंतरित की जा चुकी है। इस अवधि में किसानों को राज्य शासन द्वारा खेती-किसानी के लिए आवश्यक छूट के साथ ही उनके उत्पाद के विक्रय की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।आरबीआई ने भी छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट के दौरान किये जा रहे प्रयासों को सराहा है तथा अपनी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में आर्थिक विकास की दर को अन्य विकसित राज्यों की तुलना में काफी अच्छा बताया है। इस दौरान प्रदेश में वनोपज संग्राहकों को भी काफी राहत प्रदान की गई है। महुआ फूल का समर्थन मूल्य 18 रुपए प्रतिकिलो से बढ़ाकर 30 रुपए किया गया है। प्रदेश में 23 लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। लघु वनोपजों की संग्रहण कार्य में भी वनवासियों को रोजगार के अवसर मिले हैं। लॉकडाउन के कारण संकट की इस घड़ी में सरकार द्वारा लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और नगद भुगतान की प्रक्रिया से वनांचल के वनवासी-ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है। “द ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया” (ट्राईफेड) द्वारा जारी किए गए आंकड़ांे के अनुसार छत्तीसगढ़ में अब तक 18 करोड़ 63 लाख रूपए से अधिक मूल्य की लघु वनोपजों की वनवासियों और ग्रामीणों से खरीदी की गई है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक है। छत्तीसगढ़ के अलावा केवल दो राज्यों झारखण्ड और ओडिशा में लघु वनोपज की खरीदी का काम प्रारंभ हुआ है। ट्राईफेड के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में अब तक 18 करोड़ 67 लाख 26 हजार रूपए मूल्य की लघु वनोपजों की खरीदी की गई है, इसमें से अकेले छत्तीसगढ़ में 18 करोड़ 63 लाख 82 हजार रूपए मूल्य की लघु वनोपजों की खरीदी की गई है।

SHARE THIS

खबरे छत्तीसगढ़

नीट और जेईई स्टूडेंट के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की बड़ी घोषणा

Published

on

SHARE THIS

रायपुर :  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी घोषणा की है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि आज नीट एवं जेईई की आन-लाईन कोचिंग की व्यवस्था छत्तीसगढ़ राज्य के सभी 146 विकासखण्डों एवं 4 शहरों में की जा रही है. निकट भविष्य में हम पीएससी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की सर्वसुविधा युक्त बेहतर आन लाईन कोचिंग की व्यवस्था भी हम सभी विकासखण्डों में करेंगें. बता दें कि आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का शुभारंभ किया.

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस भारतीदासन एवँ शिक्षा विभाग के अधिकारीगण उपस्थित हैं.

SHARE THIS
Continue Reading

खबरे छत्तीसगढ़

पीएम मोदी ने जगदलपुर में 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का किया शिलान्यास

Published

on

SHARE THIS

जगदलपुर  : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया, जिसमें नगरनार में NMDC स्टील लिमिटेड का स्टील प्लांट भी शामिल है।

प्रधानमंत्री अंतागढ़ व तारोकी के बीच नई रेल लाइन और जगदलपुर और दंतेवाड़ा के बीच डबल रेल लाइन परियोजना का लोकार्पण किया। वे बोरीडांड – सूरजपुर रेल लाइन को दो-तरफा बनाने की परियोजना तथा अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत जगदलपुर स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री तारोकी – रायपुर डेमू रेल सेवा को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन रेल परियोजनाओं से राज्य के जनजातीय इलाकों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। रेल अवसंरचना में सुधार और नई रेल सेवाओं से स्थानीय लोगों को सुविधा होगी तथा इलाके में आर्थिक विकास को मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-43 के ‘कुनकुरी से छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा खंड’ पर सड़क उन्नयन परियोजना का भी लोकार्पण करेंगे। इस नई सड़क से सड़क कनेक्टिविटी में सुधार आयेगा और क्षेत्रवासियों को लाभ मिलेगा।

 

SHARE THIS
Continue Reading

खबरे छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का किया शुभारंभ

Published

on

SHARE THIS

ख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को स्वामी आत्मानंद कोचिंग का शुभारंभ किया। इंजीनियरिंग- मेडिकल के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थी निश्शुल्क तैयारी कर सकेंगे। मुख्‍यमंत्री बघेल ने सुबह 11 बजे अपने निवास कार्यालय से मुख्यमंत्री आनलाइन योजना की शुरुआत की। इस योजना में ख्याति प्राप्त एलन करियर इंस्टिट्यूट ने सीएसआर के तहत निश्शुल्क कोचिंग देने को सहमति दी है। संस्थान और स्कूल शिक्षा विभाग के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर भी होगा।

प्रदेश के कक्षा दसवीं में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी और कक्षा 12वीं में अध्यनरत विद्यार्थियों को कोचिंग दी जाएगी। विद्यार्थी को संबंधित विकासखंड, शहर के शासकीय स्कूलों में कक्षा 12 वीं का नियमित विद्यार्थी होना अनिवार्य होगा। विकासखंड मुख्यालय की स्कूलों में कक्षा 12 वीं में जीव विज्ञान और गणित संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थी ही पात्र होंगे।

प्रत्येक कोचिंग सेंटर में 75 से 100 विद्यार्थियों का प्रवेश दिया जाना है। इसमें प्री-मेडिकल तथा प्री-इंजीनियरिंग के लिए अधिकतम 50-50 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। प्रदेश के 146 विकासखंड मुख्यालयों और चार शहर रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा सहित 150 कोचिंग सेंटर के माध्यम से शिक्षा मिलेगी। यह सुविधा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के माध्यम से प्रदान की जाएगी।

SHARE THIS
Continue Reading

खबरे अब तक

Trending