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महंगा होगा कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट, तंबाकू 21 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल में होंगे बड़े ऐलान

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3 दिसम्बर 2024:- जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित जीओएम ने कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट एवं तंबाकू जैसे हानिकारक प्रोडक्ट्स पर टैक्स की दर को मौजूदा 28 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने की अनुशंसा की. एक अधिकारी ने बताया कि बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में गठित जीओएम ने कपड़ों पर टैक्स की दरों को भी तर्कसंगत बनाने का फैसला किया. इ्स ग्रुप का गठन जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने से संबंधित सुझाव देने के लिए किया गया था. जीओएम की बैठक में लिए गए फैसलों पर जीएसटी काउंसिल अंतिम फैसला करेगी. जीओएम जीएसटी काउंसिल को कुल मिलाकर 148 वस्तुओं पर कर दरों में बदलाव का प्रस्ताव देगा.

लागू होगा स्पेशल टैक्स:- एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम से नेट रेवेन्यू में इजाफा देखने को मिलेगा. अधिकारी ने कहा कि जीओएम ने तंबाकू और उससे बने उत्पादों के अलावा कोल्ड ड्रिंक पर 35 फीसदी की विशेष दर लगाने पर सहमति जताई है. अधिकारी ने कहा कि पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार-स्तरीय टैक्स स्लैब जारी रहेगी और जीओएम द्वारा 35 प्रतिशत की नई दर प्रस्तावित की गई है. इसके साथ ही जीओएम ने 1,500 रुपए तक की लागत वाले रेडीमेड कपड़ों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने की बात कही है जबकि 1,500 रुपए से 10,000 रुपए के मूल्य वाले कपड़ों पर 18 प्रतिशत और 10,000 रुपए से अधिक लागत वाले कपड़ों पर 28 प्रतिशत कर लगेगा.

21 दिसंबर को होगी मीटिंग:- मंत्री समूह की रिपोर्ट पर 21 दिसंबर को जीएसटी परिषद की बैठक में चर्चा किए जाने की उम्मीद है. परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी और इसमें राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल होंगे. जीएसटी दर में बदलाव पर अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद ही लेगी. वर्तमान में, जीएसटी एक चार-स्तरीय कर संरचना है जिसमें पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत के स्लैब हैं.

मुआवजे पर गठिक कमेटी मांगेगी और समय:– इस बीच जीएसटी मुआवजा उपकर पर गठित जीओएम ने अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए जीएसटी परिषद से लगभग छह महीने का और समय दिये जाने की मांग करने का फैसला किया है. समूह को 31 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंपनी थी. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के नेतृत्व में इस जीओएम का गठन किया गया था. इसमें असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सदस्य शामिल हैं. अधिकारी ने कहा कि जीओएम ने फैसला किया कि मुआवजा उपकर मामले में कई कानूनी मुद्दे शामिल हैं. कानून के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जानी है, जिसमें समय लगेगा. परिषद को रिपोर्ट जमा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करने का निर्णय लिया गया है. ऐसी स्थिति में यह मंत्री-समूह पांच से छह महीने का और समय मांग सकता है.

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