मनरेगा घोटाले की राशि का मनी लांड्रिंग करने की आरोपित निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को ईडी कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट ने नए कानून बीएनएस (BNS Law) के तहत शनिवार को उन्हें सशर्त जमानत की सुविधा प्राप्त कर दी है।कोर्ट ने दो-दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पूजा सिंघल को झारखंड छोड़ने से पहले जांच अधिकारी अनुमति लेनी होगी। पासपोर्ट जमा करना होगा और कोर्ट में प्रत्येक सुनवाई की तिथि पर उन्हें उपस्थित होना होगा। पूजा सिंघल की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, विक्रांत सिन्हा और स्नेह सिंह ने पक्ष रखा।
उनकी ओर से नए कानून बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 479 का हवाला दिया गया। इस अधिनियम के तहत कोई आरोपित, जिसका पहला अपराध है और उस धारा में होने वाली अधिकतम सजा का एक तिहाई जेल में काट चुका है तो वह आरोपित जमानत का हकदार होगा।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि पूजा सिंघल जिस मामले में आरोपित है, उसमें वह अधिकतम सजा की एक तिहाई जेल में काट चुकी है। कोर्ट ने इसी आधार पर पूजा सिंघल को जमानत प्रदान की है। पूजा सिंघल को ईडी टीम ने पूछताछ के दौरान 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है।एक महीने से अधिक समय के लिए औपबंधिक जमानत पर बाहर निकली थीं। पूजा सिंघल कुल 28 महीने जेल में रही हैं। बता दें कि पूजा सिंघल ने 30 नवंबर को बंदी पत्र के माध्यम से नए कानून बीएनएस का हवाला देते ईडी कोर्ट में जमानत की गुहार लगाई थी।
कौन हैं पूजा सिंघल
- पूजा सिंघल झारखंड कैडर की चर्चित IAS अधिकारी हैं
- पूजा सिंघल मूल रूप से उत्तराखंड के देहरादून की निवासी हैं
- स्कूल से लेकर कॉलेज तक में वह टॉपर रहीं
- गढ़वाल विश्वविद्यालय देहरादून से ग्रेजुएशन किया है
- 1999 में पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास कर ली
- केवल 21 साल की उम्र में वह आईएएस के लिए सेलेक्ट हो गईं
- मनरेगा घोटाले में नाम आने के बाद उनके घर रेड पड़ी थी
- 11 मई 2022 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था