इटावा: सर्दियों के मौसम में सरसों का साग बड़ी तादात में आसानी से सेवन करने को मिल जाता है, लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि इस सरसों के साग के सेवन से इंसान को क्या-क्या फायदे होते हैं? इस रिपोर्ट में आपको बताएंगे कि सरसों के साग के सेवन से इंसानी सेहत कैसे दुरस्त रह सकती है.
पानी की कमी रहती है कोसों दूर:- बता दें कि सरसों के साग में क्लोरोफिल की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो शरीर में जमा होने वाले विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद कर सकता है. साग को मूत्रवर्धक माना जाता है, जो रक्तचाप को कम करने और पानी की कमी को बढ़ावा देने के साथ-साथ पाचन को उत्तेजित करने में मदद करता है. ऐसे में सरसों का साग बेहद कड़वा होता है. साथ ही यकृत और पित्ताशय से पित्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे यकृत पोषक तत्वों को अधिक कुशलता से संसाधित कर पाता है.
सर्दियों में इनका सेवन होता है लाभदायक:- सरसों में एंटीऑक्सिडेंट और अन्य लाभकारी पौधों के यौगिक होते हैं, जो आपके शरीर को नुकसान और बीमारी से बचाने में मदद करते हैं. उदाहरण के लिए यह ग्लूकोसाइनोलेट्स का एक बड़ा स्रोत है. जहां ब्रोकोली, गोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट और सरसों सहित सभी क्रूसिफेरस सब्जियों में पाए जाने वाले सल्फर युक्त यौगिकों का एक समूह है. इसे सरसों के साग को धीमी आग पर ही पकाना चाहिए, ताकि यह अपना प्राकृतिक रंग न खोएं और गुण बेहद स्वस्थ हो.
बता दें कि इंसान का लीवर एक महत्वपूर्ण अंग है, जो पोषक तत्वों को संसाधित करने, विषाक्त पदार्थों को निकालने और प्रोटीन बनाने में मदद करता है. जब आपका लीवर ठीक से काम नहीं कर रहा होता है, तो पोषक तत्व प्रभावी रूप से संसाधित नहीं हो पाते हैं. इससे हमारे शरीर में विटामिन और खनिजों की कमी हो सकती है. सरसों का तेल भारत का प्राचीन खाद्य तेल रहा है. इसकी महक थोड़ी तीखी होती है, लेकिन सब्जियां पकाने के लिए यह बहुत सेहतमंद होती है. यह तेल क्षेत्र के अन्य खाद्य तेलों की तुलना में काफी बेहतर है.इसे कोल्ड प्रेस्ड किया जाए और रसायनों का उपयोग करके नहीं निकाला जाए तो बेहतर है. सरसों का तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड में उच्च होता है, एक प्रकार का असंतृप्त वसा जो नट, बीज और पौधे-आधारित तेलों जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड को कई तरह के लाभों से जोड़ा गया है, खासकर जब दिल के स्वास्थ्य की बात आती है.