11 दिसम्बर 2024:- कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद भारत में अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौत की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. लेकिन लोग इन मौतों की मुख्य वजह कोरोना वैक्सीन को मान रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि देश में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौत के पीछे कोविड वैक्सीन मुख्य वजह नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कल मंगलवार को राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि अचानक हो रही मौतों की वजह कोरोना वैक्सीन नहीं है. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यसभा में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के रिसर्च को भी पेश किया.
ICMR ने मौत की वजह तलाशी
आईसीएमआर की रिसर्च में यह दावा किया गया है कि देश में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौत के पीछे कोरोना वैक्सीन लगवाना नहीं है. रिपोर्ट में इस तरह की मौतों के लिए 5 फैक्टर्स जिम्मेदार बताया था. आईसीएमआर की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी ने 18 से 45 साल के स्वस्थ लोगों पर अध्ययन की. यह रिसर्च 19 राज्यों और कई केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में कराया गया. ये रिपोर्ट आईसीएमआर ने उन लोगों को लेकर तैयार की जो पूरी तरह से स्वस्थ थे और उन्हें कोई बीमारी नहीं थी. इनकी 1 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक मौत हो गई.
कोरोना वैक्सीन से मौत का खतरा कम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने संसद को बताया, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अध्ययन से यह साफ हो गया कि कोरोना वैक्सीन लगवाने से देश में युवाओं और व्यस्कों में अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ा है. इस स्टडी से यह पता चलता है कि कोरोना वैक्सीन से ऐसी मौतों की संभावना कम हो जाती है. आईसीएमआर ने पिछले कुछ सालों में देश में अचानक ही रही मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन की आशंकाओं को देखते हुए यह रिसर्च की. आईसीएमआर ने अपने रिसर्च 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों को शामिल किया. रिसर्च के दौरान आईसीएमआर ने 729 ऐसे केसों को बतौर सैंपल लिया जिनकी अचानक मौत हो गई थी, जबकि 2916 सैंपल ऐसे लिए गए थे जिन्हें हार्ट अटैक आने के बाद भी बचा लिया गया. रिसर्च से यह बात सामने आई कि कोरोना वैक्सीन की एक खुराक या दो खुराक लेने से, बिना किसी वजह के अचानक होने वाली मौत की संभावना काफी कम हो जाती है.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स को ट्रैक करने के लिए एडवर्स इवेंट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) नाम से एक सर्विलांस सिस्टम भी बनाया गया. वैक्सीनेशन सेंटर्स पर एनाफिलेक्सिस किट उपलब्ध कराई जाती है और वैक्सीन लगाए जाने के बाद हर किसी को अनिवार्य रूप से 30 मिनट तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाता है.