बैकुंठपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनहत में १० बिस्तरीय पोषण पुनर्वास केंद्र(एनआरसी)खुलने से कुपोषित बच्चों को जल्द रिकवर करने में सहूलियत होगी। कोरिया में अब एनआरसी में २० कुपोषित बच्चों को एक साथ भर्ती कर इलाज कर सामान्य करने की सुविधाएं होगी। जानकारी के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से हर साल वजन त्योहार में बड़ी संख्या में कुपोषित बच्चे चिह्नित करते हैं। लेकिन सिर्फ जिला अस्पताल में १० बिस्तरीय एक ही एनआरसी होने के कारण कुपोषित बच्चों को रिकवर करने में लेटलतीफी होती थी।
कोरिया में वर्ष २०२३ में मध्यम एवं गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या २६३8 थी। हालांकि, जिला अस्पताल एनआरसी में भर्ती कर इलाज करने के बाद कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आई है। सोनहत में डीएमएफ से एनआरसी खुलने से कुपोषित बच्चों की संख्या में और कमी आएगी। वर्ष २०२३ में २१५३ मध्यम और ४8५ गंभीर कुपोषित थे महिला एवं बाल विकास विभाग के डीपीओ जेआर प्रधान ने बताया कि सितंबर २०२३ के वजन त्योहार में मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चे चिह्नित किए गए थे। जिसमें २१५३ मध्यम और ४8५ गंभीर कुपोषित शामिल थे। जबकि सामान्य बच्चे १६४२३ थे। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग से समंवय स्थापित कर एनआरसी में बड़ी संख्या में कुपोषित बच्चों को भर्ती कर इलाज कराया गया। जिसमें पिछले साल की अपेक्षा २०२४ में कमी है।
वर्ष २०२४ में मध्यम कुपोषित बच्चों की संख्या १४97 और गंभीर कुपोषित की संख्या २88 है। ये है पोषण पुनर्वास केंद्र स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों को १५ दिन तक भर्ती कर इलाज कराने वाली माताओं को भी पैसा मिलता है। परिजन को भोजन सहित रोजाना १५० रुपए यानी डिस्र्चा होने के बाद २२५० रुपए मिलते हैं। वहीं माताओं को बच्चों के खान-पान को लेकर प्रशिक्षण भी मिलता है। साथ ही कुपोषित बच्चों की सेहत सुधारने के लिए डाइट चार्ट बनाकर रोजाना पोषण आहार कराते हैं। हालांकि, कुपोषित बच्चों के माता-पिता का मनाकर एनआरसी में १५ दिन रखने में बहुत मशक्कत करनी पड़ती है। खासकर ग्रामीण अंचल की महिलाएं अपना कामकाज छोड़कर १५ दिन बच्चों को भर्ती कर खुद भी रहना नहीं चाहती हैं।ये हैं २०२४ के आंकड़े विकासखंड मध्यम गंभीर बैकुंठपुर 99५ १78 सोनहत ५०२ ११० कुल १४97 २88
वर्जन
सोनहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डीएमएफ मद से नया एनआरसी खोला गया है। जिसकी क्षमता १० बिस्तरीय है। अब जिले में बैकुंठपुर व सोनहत को मिलाकर एनआरसी की कुल क्षमता २० है। जिसमें कुपोषित बच्चों को भर्ती कर इलाज कर सामान्य करने में तेजी आएगी। डॉ आयुष जायसवाल, सिविल सर्जन जिला अस्पताल बैकुंठपुर