बीते दिन केंद्र सरकार ने अपने एक अहम एक्ट में बदलाव किया, जिसके बाद राज्यों को अधिकार मिल गया कि वे अपने यहां स्कूलों में निर्देश दे सकते हैं कि कक्षा 5वीं और 8वीं के बच्चों को वे फेल कर सकते हैं। अब इसे लेकर तमिलनाडु ने केंद्र सरकार के फैसला को राज्य में लागू करने से मना कर दिया है। तमिलनाडु सरकार ने कहा कि वे अपने राज्य में नो डिटेंशन पॉलिसी लागू रखेंगे।
केंद्र सरकार ने लिया था ये फैसला
केंद्र सरकार ने अपने फैसले में कहा कि सरकार के अधीन स्कूलों में कक्षा 5 और 8 के लिए ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया है, जिसके तहत स्कूलों को साल के अंत में होने वाली परीक्षा में पास नहीं होने वाले छात्रों को फेल करने की अनुमति थी। 2019 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में संशोधन के बाद, कम से कम 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही दो कक्षाओं के लिए ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को समाप्त कर दिया है।
राज्य मंत्री ने किया ये ऐलान
इसी फैसले के बाद तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी ने राज्य में नो-डिटेंशन पॉलिसी को जारी रहने का ऐलान किया है। मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु कक्षा 8वीं तक नो डिटेंशन पॉलिसी जारी रखेगा। केंद्र सरकार के फैसले ने गरीब परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा हासिल करने में रूकावट पैदा कर दी है। यह स्थिति अति निंदनीय है। मंत्री ने आगे स्पष्ट किया कि तमिलनाडु नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का पालन नहीं करता और केंद्र सरकार का यह फैसला केवल उन्हीं उन्हीं स्कूलों में लागू होगा, जो केंद्र के नियंत्रण में आते हैं।
आगे कहा कि तमिलनाडु में यह पॉलिसी लागू नहीं की जाएगी। राज्य अपनी मौजूदा एजुकेशन सिस्टम को जारी रखेगा। इस बारे में किसी भी प्रकार की भ्रांति की जरूरत नहीं है।