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इस साल देश ने अपने कई ऐसे नायाब रत्न रत्न खोए जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता. 2024 में बिजनेस, राजनीति, कला और फिल्म जगत की कई हस्तियों ने दुनिया को अलविदा कहा. आइये जानते हैं उन दिग्गजों के बारे में जो अब हमारे बीच नहीं हैं.
रतन टाटा: भारत के दिग्गज उद्योगपति और टाटा समूह को ऊंचाईयों तक पहुंचाने वाले रतन टाटा ने 9 अक्टूबर को अंतिम सांस ली. विनम्र व्यवहार के लिए विख्यात रतन टाटा, टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन थे जिसमें सर रतन टाटा ट्रस्ट एवं एलाइड ट्रस्ट के साथ ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट एवं एलाइड ट्रस्ट भी शामिल हैं.
पंकज उधास: दिग्गज गायक पंकज उधास ने इस साल 72 साल की उम्र में 6 फरवरी की सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन से संगीत जगत शोक में डूब गया.
जाकिर हुसैन: विश्व के बेहतरीन तबलावादकों में से एक जाकिर हुसैन ने भी इस साल दुनिया को अलविदा कहा. 15 दिसंबर को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस बीमारी की वजह से उनका निधन हुआ. 1988 में उन्हें पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
मुनव्वर राणा: मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने भी इस साल 14 जनवरी की रात को अपनी अंतिम सांस ली. मुनव्वर राणा एक प्रसिद्ध शायर और कवि थे. वह उर्दू के अलावा हिंदी और अवधी भाषाओं में लिखते थे. मुनव्वर राणा को उर्दू साहित्य के लिए 2014 का साहित्य अकादमी पुरस्कार और 2012 में शहीद शोध संस्थान द्वारा माटी रतन सम्मान से सम्मानित किया गया था.
सुशील कुमार मोदी: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने भी कैंसर की लंबी बीमारी के कारण इस साल दुनिया को अलविदा कहा. सुशील कुमार मोदी का निधन 13 मई को हुआ.
सीताराम येचुरी: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव रहे सीताराम येचुरी ने इस साल 12 सितंबर को अंतिम सांस ली. 72 साल की उम्र में येचुरी की दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान मौत हुई. वह भारतीय राजनीति में वामपंथी दलों के अग्रणी नेता थे.