सोनहत/कोरिया : कोरिया जिले के बैकुंठपुर व सोनहत विकासखंड में लगभग चार महीने पूर्व ग्रामपंचायतों में 15वें वित्त मद से 49300 रूपये खर्च कर खरीदे स्वछता किट घोटाले में सोशल मिडिया के माध्यम से बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था जिसमें सोनहत विकासखंड में जनपद सीईओ व एक बाबू के द्वारा सभी 42 ग्रामपंचायतों के सरपंच सचिवों पर दबाव बनाते हुए क्रय नियमों की अनदेखी कर लगभग दस से पंद्रह हजार का समान पहुंचाकर प्रत्येक पंचायत से 49300 का भुगतान एक ही फर्म के नाम पर करवाया गया जो बड़ी अनियमितता की ओर इशारा करता है बहरहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर महोदया के द्वारा अपर कलेक्टर श्री उमेश पटेल की निगरानी में जाँच दल का गठन कर दस दिन में जाँच करने हेतु निर्देशित किया था पर जाँच दल आज तक अपनी जाँच पूरी नहीं कर पाया जो की निश्चित ही भ्रष्टाचारियों के पक्ष में मौन स्वीकृति की तरह है क्योंकि यदि सही समय पर निष्पक्ष जाँच हो जाती तो कुछ कर्मचारियों पर गाज गिर सकती थी सूत्रों की माने तो पूरे मामले में जिले के एक बड़े अधिकारी की संबंधित फर्म से साँठ गांठ की बात भी उछली थी इन्हीं के दबाव में उक्त फर्म को पूरे जिले की लगभग 130 ग्रामपंचायतों से भुगतान कराया गया था, अब देखने वाली बात होगी की जिले के आला अधिकारी खबर पर ही सही संज्ञान लेकर जाँच पूरी करवा दोषियों पर उचित कार्रवाई करते हैं या फिर कथित जाँच रिपोर्ट पर वक़्त की धूल परत दर परत जमती जाती है।
क्या था मामला-
कोरिया जिले के दो विकासखण्ड सोनहत और बैकुंठपुर अंतर्गत 130 ग्राम पंचायतों में स्वच्छता किट की खरीदी की गई थी किट में दो सेट कचरा स्टैंड,दो स्टील की बाल्टी, दो चश्मे,2 दस्ताना और प्लास्टिक की जैकेट सामिल है। जिसका भुगतान प्रत्येक पंचायत ने 49 हजार 300रु का किया है। सोनहत विकास खण्ड के कुछ कुछ सरपंचों ने खुल कर कैमरे में बताया कि जो सामग्री दी गई है वो जनपद स्तर से दी गई है। ग्राम पंचायत को स्वच्छता किट की आवश्यकता तो थी जिसके लिए प्रशासनिक आदेश भी प्राप्त हुआ था लेकिन जनपद स्तर से उक्त सामग्री जनपद में पदस्थ बाबू के द्वारा ग्राम पंचायतों में जा जा कर दिया गया । और 49 हजार 300 रु भुकतान के लिए बार बार फोन और प्रेसर आने लगा जिसके बाद भुकतान कर दिया गया । सरपंचों का यह भी आरोप है कि सामग्री का भुगतान जो लिया गया है वह सामग्री की कीमत समान को देख कर नही लगता की सही रेट तय किया गया है सामग्री की कीमत और किये गए भुगतान में भारी अंतर नजर आता है। जिस फर्म को भुकतान कराया जा रहा है उसकी जानकारी तंक सरपंचों को नही है। जनपद के कर्मचारी जुगल बंदी कर दफ्तरों का काम छोड़ पंचायतों में सामग्री परोसने पहुच गए जो एक बड़े सांठ गांठ की ओर इशारा करता है। बरहाल चर्चा तेज हुई तो सोसल मिडिया को आधार मानते हुए कोरिया कलेक्टर ने अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में टीम गठित कर जांच के आदेश दे दिए है। जांच रिपोर्ट 10 दिन में पेश होनी थी जो आज तक लंबित है।