अनिता गर्ग अमन पथ,रायगढ़ : एक ओर जहां किसान 2500 रुपए क्विंटल धान की कीमत मिलने से खुश नजर आ रहे हैं तो वही दूसरी ओर तौल में उपार्जन केंद्रों में सूक्ति के नाम से अधिक धान खरीदी जा रही है, प्रति बोरी में किसानों से आधा से एक किलो अतिरिक्त धान लिया जा रहा है। मामले में प्रशासन स्तर से कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से किसान उपार्जन केंद्रों में ठगी के शिकार हो रहे हैं।
किसानों ने दबी आवाज में मीडिया को बताया कि यदि हम आपत्ति करते हैं तो कह दिया जाता है की परिवहन समय पर नहीं होने से धान फड़ में पड़े रहने से सूखता है,जिसके बाद एक बोरे का भजन 40 किलो से कम हो जाता है, जबकि प्रबंधकों के पास नमी जांचने के लिए मशीन शासन ने दी है। किसानों को समिति प्रबंधक ही रवि व खरीफ दोनों सीजन में खाद बीज उपलब्ध कराते हैं अधिक धान लेने की शिकायत या आपत्ति करे तो उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता।
एक्स्ट्रा धान पर ऐसे खेलते हैं खेल
धान का तौल होते ही सिलाई करना होता है, लेकिन समिति प्रबंधक तत्काल बोरी की सिलाई नहीं करते ।खरीदी के समय तौल में समिति प्रबंधक किसानों से जो अतिरिक्त धान लेते हैं ,उस एक्स्ट्रा धान को निकालने के बाद सिलाई करते हैं फिर निकाले गए धान को उन किसानों के नाम से खपाया जाता है, जिनके पास कृषि जमीन तो होती है साथ ही उनका भी पंजीयन भी होता है, लेकिन वे धान का उत्पादन नहीं करते हैं। और इस खेल में राजस्व विभाग का भी बहुत बड़ा योगदान होता है ,गिरदावरी में।