रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,सरगुजा लखनपुर : जिले के लखनपुर ब्लाक क्षेत्र में अमेरा खुली खदान से लगे ग्राम चिलबिल कटकोना,परसोडी कला गुमगरा कला के नाग मांडा खालकछार,घुनघुटटा नदी के तराई वाले क्षेत्र में इन दिनों अवैध कोयला उत्खनन परिवहन करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। कोल माफिया बड़े पैमाने में कोयला तस्करी कर ले जा रहे हैं। कोयला चोरी करने का तरीका बदला है बाहरी कोयला तस्कर स्थानीय कोयला तस्करों से मिलकर बाइकर्स गेग की मदद से कोयला एकत्रित कर पिंकअप ट्रक के जरिए से दूसरे प्रांतों की ओर ले जा रहे हैं। जानकारी होने के बाद भी खनिज राजस्व तथा पुलिस एक दुसरे का मुंह ताकते हुए कोल माफियाओं पर कोई नीतिगत कार्यवाही नहीं कर रही है। ग्राम कटकोना परसोडी कला गुमगरा कला के नाम मांडा से आसपास ग्रामीणों के मदद से अवैध कोयला गढ्ढा खुदवाकर भूगर्भ से बाहर कोयला निकलवाया जा रहा है तथा बड़े चालाकी से अवैध कोयला को बाईकर्स गेग के द्वारा ईंट भट्टो में एकत्रित कर रात के अंधेरे में वाहनों में भरकर दूसरे राज्यों में तस्करी किया जा रहा है।
सुनियोजित तरीके से कोल माफियाओं द्वारा स्थानीय कोयला तस्करों को अवैध कोयला इकठ्ठा करने 50-50हजार रूपये तथा ईंट भट्टे तक ढोने के लिए बाईकर्स गेग को 20-20 हजार रुपये बयाना देकर पूरे ड्रामेटिक अंदाज में कोल माफियाओं द्वारा कोयला तस्करी किया जा रहा है। अवैध कोयला तस्करी करने की खबर होने के बाद भी पुलिस कोल माफियाओं पर कार्यवाही करने से साफ़ कतरा रही है। स्थानीय एवं बाहरी कोयला तस्करों द्वारा कोयला चोरी करने कारनामे को अंजाम दिया जा रहा है। कोयला के सौदागर बेखौफ खुले आम कोयला तस्करी कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन को कोई सरोकार नहीं है। जिससे पुलिस पर सवालिया निशान लगने लगा है। पुलिस चाहे तो कोयला चोरी पर अंकुश लग सकता है। अवैध कोयले का कारोबार बदस्तूर जारी है। हजारों की तादाद में बाइक से अवैध कोयला परिवहन किया जा रहा है। जगह जगह अवैध कोयला एकत्रित किये जा रहे हैं।कोल माफिया दुसरे सूबे में बेंच कर मोटी रकम कमाई कर रहे हैं। शासन प्रशासन को करोड़ों के राजस्व की क्षति हो रही है।
अमेरा खुली खदान से लगे कटकोना में ग्रामीणो द्वारा 30 फिट उपर कोयला पहुंचा कर 100 रुपये प्रति बोरी बाईकर्स को बेचा जाता है। ईंट भट्टे तक पहुंचते कोयले का दाम 300/रूपये हो जाता है।कोल माफिया द्वारा 4/ रूपये प्रति किलो ग्राम के दर से खरीद की जाती है। दूसरे प्रांतों में डेढ़ लाख से दो लाख तक फरोख्त किया जाता है।इस तरह से अवैध कोयला तस्करी के लिए चैनल बना हुआ है ।
चिमनी गमले ईंट भट्टे में खपाया जा रहा है नाजायज कोयला
गुमगरा कला, पुहपुटरा,दरिमा विश्रामपुर,सुखरी, गणेशपुर, तथा लखनपुर क्षेत्र में संचालित होने वाले तमाम चिमनी गमला ईंट भट्टो में गैरकानूनी तरीके से नाजायज कोयला को खपाया जा रहा है। पर्याप्त मात्रा में अवैध कोयला उपलब्ध होने से अवैध ईंट भट्टे भी कुकुरमुत्ते की तरह उग आये है।जिन पर शासन प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। इन्हीं गैरकानूनी भट्टो में अवैध कोयला खपाने का खेल साल दर साल से यूं ही चलता रहा है। और चलता रहेगा। शासन प्रशासन कोयले के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की दावा तो करती है लेकिन दावे खोखले और कागज़ी साबित होते रहे हैं। नाजायज कोयला तस्करी किये जाने पर पहरे लगाने के तमाम फार्मूले हुकुमतदारो के नाकाम साबित हुये है । अवैध कोयला निकाले जाने वाले सभी ठिकानों को बंद कराने के सभी हथकंडे बेअसर साबित हुई है। कई मर्तबा पुलिस वाहनों पर ले जाया जा रहा अवैध कोयला जप्त किया लेकिन इसका सार्थक नतीजा सामने नहीं आया है। बल्कि कोयला चोरी का धंधा दिन-ब-दिन बढ़ता ही गया है।
शिकायत तो हो रही है अवैध कोयला चोरी का! देखने वाली बात होगी कि अवैध कोयला तस्करी में पुलिस खनिज एवं राजस्व विभाग कौन सा ठोस क़दम उठाती है।