Home धर्म महिला नागा साधुओं के वस्त्र धारण करने को लेकर क्या हैं नियम?

महिला नागा साधुओं के वस्त्र धारण करने को लेकर क्या हैं नियम?

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महाकुंभ का आगाज हो चुका है। इस मौके पर यहां लाखों की संख्या में नागा साधु भी पहुंचे हैं। इन नागा साधुओं में पुरुष और महिलाएं दोनों हैं। जैसाकि सभी जानते हैं कि पुरुष नागा साधु पूरी तरह नग्न रहते हैं लेकिन लोग ये जानना चाहते हैं कि क्या महिला नागा साधुओं के साथ भी ऐसा है? तो यहां हम बता दें कि महिला नागा साधु पूरी तरह नग्न नहीं रहती हैं।

क्या हैं महिला नागा साधुओं के वस्त्र धारण करने के नियम?

महिलाओं को भी नागा बनाया जाता है लेकिन वे कपड़े पहनती हैं। बस फर्क इतना होता है कि वह बिना सिले कपड़े पहनती हैं और उन्हें केवल एक ही कपड़ा पहनने की अनुमति होती है। इस कपड़े का रंग गेरुआ होता है, जिसे गंती कहा जाता है। लेकिन महिलाओं को नागा साधु बनने की जरूरी शर्त पूरी करनी पड़ती है। जो भी महिला नागा साधु बनना चाहती है, उसे इस प्रक्रिया से पहले 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है।

इसके अलावा नागा साधु बनने के बाद इन महिलाओं को अपने माथे पर एक तिलक लगाना होता है। खास बात ये है कि कोई भी महिला तभी नागा साधु बन सकती है, जब उन्हें महिला गुरू द्वारा इसकी अनुमति दी जाती है।

इसके अलावा पुरुष नागा साधुओं की तरह महिला नागा साधुओं को भी सांसारिक माया-मोह त्यागने के लिए अपना पिंडदान करना होता है। पुरुषों के लिए भी यही नियम है कि उन्हें अपने पुराने और आगामी जन्मों के लिए पिंडदान करना होता है। इससे ये सिद्ध होता है कि नागा बनने वाला प्राणी पूरी तरह से ईश्वर को समर्पित हो चुका है।

महिला साधु जब नागा बन जाती है तो उसका संसार से मोह खत्म हो जाता है और वह खुद को दिनभर ईश्वर की पूजा में समर्पित कर देती है।

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