20 जनवरी 2025:- आजकल बच्चों में मोटापा एक कॉमन समस्या बनती जा रही है. अनहेल्दी खानपान और खराब लाइफ स्टाइल के चलते बच्चे तेजी से ओबेसिटी (मोटापा) का शिकार होते जा रहे हैं, जो आगे चलकर उनकी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. सिर्फ बढ़े हुए वजन ही मोटापा नहीं कहलाता, बल्कि शरीर में जमी एक्स्ट्रा चर्बी भी इसी श्रेणी में आती है. मोटापे की वजह से बच्चों को कई बीमारियों का रिस्क भी रहता है. बीते एक दशक से तो मोटापा बच्चों में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गया है. जिसको कंट्रोल करना जरूरी है.
बच्चों में क्यों बढ़ रहा मोटापा?
डॉ पिनाकी बताते हैं कि आज के समय में बच्चे घर का खाना छोड़ जंक फूड, प्रोस्सेड फूड को ज्यादा प्रेफर कर रहे हैं. जिससे बच्चे तेजी से मोटे हो रहे हैं. मोटापे के कारण बच्चों में कई तरह की बीमारियां भी बढ़ रही हैं. मोटे बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज की समस्या तेजी बढ़ती जा रही है. कुछ मामलों में मोटापे के कारण हाई बीपी और हार्ट डिजीज का भी रिस्क रहता है.
दिल से जुड़ी बीमारियां
असंतुलित आहार और खराब लाइफ स्टाइल के चलते बच्चों में दिल से जुड़ी संबंधी बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही है. कम उम्र में ही बच्चे कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की चपेट में आ रहे हैं. इससे बच्चों में हार्ट अटैक का भी खतरा बढ़ जाता है.
सांस से जुड़ी दिक्कत
बच्चों में मोटापे से अस्थामा और सांस जैसी परेशानी बढ़ जाती है. वजन बढ़ने से फेफड़ों पर अधिक दबाव बढ़ता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है.
मानसिक तनाव
मोटापा से बच्चों में मानसिक तनाव भी बढ़ता है. मोटापे से कई बार बच्चे खुद को दूसरों से अलग महसूस करते रहते हैं. वह ग्रुप में कंफर्टेबल फील नहीं कर पाते हैं. उनका आत्मविश्वास कम होने लगता है. जिससे वो बचपन से ही स्ट्रेस में आ जाते हैं.
फैटी लिवर
डॉ डॉ. पिनाकी आर देबनाथ बताते हैं कि बढ़ता मोटापा बच्चों में फैटी लिवर की बीमारी भी करता है. फैटी लिवर का एक बड़ा कारण मोटापा है और ये आज के समय में बच्चों में एक बड़ी समस्या है. फैटी लिवर के अलावा मोटापा बच्चों में स्ट्रेस को भी बढ़ाता है. जो उनकी मेंटल हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकता है
जॉइंट पेन
मोटापे की वजह से हड्डियों और जोड़ों पर ज्यादा दबाव पड़ता है. इससे कलाई, कोहनी, घुटने समेत ज्वाइंट में पेन शुरू हो जाता है. आगे चलकर यह पेन अर्थाराइटिस समेत कई अन्य बीमारियों को बढ़ा देता है. जिसका बच्चों को लंबे समय तक इलाज करवाना पड़ता है.