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राष्ट्रवाद के लिए कैसे खतरा बन रहे हैं अवैध घुसपैठिए? उपराष्ट्रपति ने बारीकी से बताया

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भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार (21 जनवरी, 2025) को अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर अपनी चिंताओं को साझा किया. उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र के लिए लाखों अवैध प्रवासियों का भार उठाना संभव नहीं है, क्योंकि यह न केवल देश की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करता है, बल्कि कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर दबाव भी डालता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर इस समस्या का तुरंत समाधान नहीं किया गया, तो यह समय के साथ और भी जटिल होती जाएगी.

जगदीप धनखड़ ने कहा, “कोई भी राष्ट्र उन लाखों अवैध प्रवासियों को पीड़ित नहीं कर सकता जो हमारे चुनावी तंत्र को परेशान करने की क्षमता रखते हैं. जब लोग क्षुद्र राजनीति को प्राथमिकता देते हैं तो उन्हें आसानी से समर्थक मिल जाते हैं. हमें सदैव राष्ट्र को पहले रखना चाहिए. यदि अवैध प्रवासी लाखों में हैं, तो यह हमारी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालता है – वे हमारे संसाधनों, रोजगार, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा क्षेत्रों पर दबाव डालते हैं. लाखों की संख्या में अवैध प्रवासन की इस समस्या का अब समाधान नहीं हो सकता. हर बीतता दिन संकल्प को जटिल बना देगा. हमें इस मुद्दे का समाधान करने की जरूरत है.”

राष्ट्रहित पर जोर
उपराष्ट्रपति ने लोगों से अपील की कि वे देशभक्ति और राष्ट्रहित को प्राथमिकता दें और क्षुद्र राजनीति के बजाय इस समस्या के समाधान पर ध्यान केंद्रित करें. उन्होंने कहा कि जो लोग राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को बढ़ावा देते हैं, उन्हें जनता का समर्थन नहीं मिलना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अवैध प्रवासियों की समस्या का समाधान समय पर नहीं हुआ, तो इससे देश के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

अवैध प्रवासियों का प्रभाव
धनखड़ ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि अवैध प्रवासी संसाधनों की कमी को बढ़ाते हैं. रोजगार के अवसरों पर दबाव डालते हैं. स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा क्षेत्र पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं. चुनावी तंत्र को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं.

समय पर समाधान की अपील
उपराष्ट्रपति ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तुरंत कदम उठाने की अपील की. उन्होंने कहा कि हर गुजरते दिन के साथ यह समस्या और अधिक जटिल और चुनौतीपूर्ण होती जा रही है.

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