नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा का लंबे समय के बाद यह है ऐसा चुनाव है जब प्रमुख राजनीतिक दलों की भी लहर गायब है। यहां तक की प्रमुख दल भी प्रचार के मामले में अपने प्रत्याशियों की कमियां निकालकर लगातार उन्हें आगाह कर रहे हैं कि वह अपने प्रचार अभियान को और प्रभावी बनाएं।
इस सब के बीच प्रमुख राजनीतिक दलों के चर्चित चेहरों या कहें कि बड़े नामों की प्रतिष्ठा भी गांव पर लगी हुई है। कांग्रेस भाजपा के ही नहीं सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के बड़े चेहरे अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री आतिशी का चुनाव भी चुनौती पूर्ण हो गया है।
दिल्ली के दंगल में ये हैं बड़े चेहरे
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
मुख्यमंत्री आतिशी
आप के प्रदेश अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री गोपाल राय
भाजपा नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता
भाजपा नेता व पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा रमेश बिधूड़ी
अरविंद सिंह लवली
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित
कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता अलका लांबा
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव
नई दिल्ली विधानसभा सीट
इस विधानसभा चुनाव में दिग्गजों की सीटों की बात करें तो आप के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार उनकी सीट भी फंसी हुई है। इसका कारण है कि एक तरफ भाजपा ने पूर्व सांसद व मुख्यमंत्री रहे साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को चुनाव मैदान उतारा है।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी इस सीट पर मजबूत प्रत्याशी के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उतारा है। तीनों प्रत्याशी लगातार अपना प्रचार अभियान तेजी से आगे बढ़ाए हुए हैं। इस सीट पर बड़ी संख्या में केंद्रीय कर्मचारी हैं और झुग्गी बस्ती के लोग हैं।
आप के वोट में सेंध लगा रही कांग्रेस
केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही केंद्रीय कर्मचारी के लिए आठवें वेतन आयोग को लागू करने की घोषणा कर दी है। भाजपा इसके बाद माहौल अपने पक्ष में मान रही है।
दूसरी तरफ झुग्गी बस्तियों के वोट में सेंध लगाने के लिए संदीप दीक्षित मेहनत कर रहे हैं। यह सीट चुनाव प्रचार को लेकर लगातार चर्चा में है। हालांकि केजरीवाल इस सीट से 2013, 2015 और 2020 मैं भारी मतों से चुनाव जीत चुके हैं।
जंगपुरा विधानसभा सीट
आप के बड़े नेता मनीष सिसोदिया की भी इस बार सीट फंसी हुई है। सिसोदिया इस बार उस पटपड़गंज सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं जहां से वह तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार उन्होंने जंगपुरा सीट को चुना है और इस सीट से मैदान में हैं। इस सीट पर राजनीतिक समीकरण यह है कि सिसोदिया के सामने भाजपा ने तरविंदर सिंह मारवाह को उतारा है।
फरहाद सूरी ने मुकाबले को बनाया त्रिकोणीय
मारवाह इस विधानसभा क्षेत्र से पहले विधायक रह चुके हैं उनके बेटे इसी विधानसभा क्षेत्र की एक निगम वार्ड से पार्षद हैं। वही कांग्रेस ने इस सीट से फरहाद सूरी को मैदान में उतारा है। सूरी कई बार विधायक रहीं ताजदार बाबर के बेटे हैं।
पहले महापौर रहे हैं और उनके रिश्तेदार इसी सीट के एक निगम वार्ड से पहले निगम पार्षद रह चुकी हैं। कहा यहां तक जा रहा है अच्छी छवि के चलते सूरी मुस्लिम मतदाताओं के साथ-साथ हिंदू मतदाताओं में भी सेंध लगा रहे हैं।
कालकाजी विधानसभा सीट
कालकाजी सीट की बात करें तो इस सीट से मुख्यमंत्री आतिशी दोबारा चुनाव लड़ रही हैं। इस सीट पर भाजपा ने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को उतारकर मुख्यमंत्री को कड़ी टक्कर दी है।
वहीं कांग्रेस ने भी राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा को चुनावी मैदान में उतार दिया है। यहां भी तीनों प्रत्याशी जी-जान से झुटे हैं और प्रचार अभियान को लगातार गति दे रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी द्वारा तीखे बयानों के चलते यह सीट भी चर्चा में बनी हुई है।