आपके रोजगार, विकास और समृद्धि के सपनों का खाका तैयार हो गया है. शुक्रवार की शाम हलवा सेरेमनी के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की उम्मीदों के बजट की पोथी के तैयार होने के संकेत दे दिए हैं. एक फरवरी को संसद में वित्त मंत्री के भाषण के साथ ही यह पोथी खुलेगी, तब पता चलेगा कि देशवासियों के सपनों में बजट को लेकर उम्मीदों के जो बादल छाए थे, वे बरसे या बिजलियां गिरा गए. महंगाई, टूटते रुपये, गिरते शेयर बाजार और कमाई के हो रहे बंटाधार को आगामी बजट कितना काबू में करेगा और देश की इकोनॉमी को कितनी मजबूती देगा, यह एक फरवरी को ही पता चलेगा.
क्यों होती है हलवा सेरेमनी
भारतीय परंपरा में हलवा खाना खुशी का मौका माना जाता है. इसलिए बजट पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय में हलवा तैयार कर बजट बनाने में शामिल स्टाफ और अफसरों के बीच बांटा जाता है. सालों से चली आ रही इस परंपरा में केंद्रीय वित्त मंत्री और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री भी शामिल होते हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को हलवा सेरेमनी में शामिल होने के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट प्रिंट करने वाला प्रेस का भी चक्कर लगाया और अफसरों को शुभकामनाएं दीं. इस मौके पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय और आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ भी मौजूद थे.
हफ्ते भर बाहरी दुनिया से दूर रहेंगे बजट से जुड़े अफसर
हलवा सेरेमनी के बाद बजट बनाने की प्रक्रिया से जुड़े अफसरों को एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण के खत्म होने तक बाहरी दुनिया से काट दिया जाएगा. नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में ही उनका ठिकाना रहेगा. वहां से वे न तो बाहर जा सकेंगे और न ही दूसरे किसी संचार माध्यम के जरिए संपर्क कर सकेंगे. इसका मकसद बजट की गोपनीयता को लीक होने से बचाना होता है. बजट में कई ऐसी जानकारी होती है, जिसे जानकर गलत तरीके से फायदा उठाया जा सकता है या फिर इकोनॉमी को नुकसान भी पहुंचाया जा सकता है.