दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के सरेंडर नक्सली संजय पोटाम को एक बार फिर से राष्ट्रपति वीरता पदक से सम्मानित किया जा रहा है. इनके अलावा नक्सलियों को ढेर करने वाली महिला DSP अंजू कुमारी सहित जिले के 9 पुलिस अफसर-कर्मियों का भी ये सम्मान मिलेगा. 26 जनवरी की पूर्व संध्या इसकी घोषणा हुई है.
दंतेवाड़ा से इनका चयन
छत्तीसगढ़ के 11 अफसरों को राष्ट्रपति वीरता पदक मिलने जा रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा दंतेवाड़ा जिले के हैं. नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले से जिन 9 पुलिस अफसर-कर्मियों का चयन हुआ है, उनमें डीएसपी अंजू कुमारी,निरीक्षक संजय पोटाम,उप निरीक्षक चैतराम गुरूपंच, हेड कांस्टेबल हेमला नंदू, प्यारस मिंज, कमलेश मरकाम,कांस्टेबल मनोज पुनेम हैं. इनके अलावा शहीद प्रधान आरक्षक बुधराम कोरसा को भी मरणोपरांत ये वीरता पदक दिया गया है.
महिला DSP ने ऐसे किया था दो नक्सलियों को ढेर
दरअसल 18 दिसंबर 2021 को दंतेवाड़ा के थाना अरनपुर के पोटाली और सुकमा गोंडेरास के जंगल में दरभा डिवीजन के 50-60 सशस्त्र नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान पर डीएसपी अंजू कुमारी के नेतृत्व में पोटाली मिच्चीपारा के बीच पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई.
जिसमें अदम्य साहस एवं वीरता के साथ जवाबी कार्रवाई करते हुए 02 सशस्त्र नक्सलियों को मार गिराया था. अंजू कुमारी साल 2021 से दंतेवाड़ा में पोस्टेड हैं. नक्सलियों से लोहा लेने वाली महिला डीआरजी टीम को लीड करती हैं.
इन्होंने भी दिलाई सफलता
15 जुलाई 2021 को जिला दंतेवाड़ा के थाना फरसपाल क्षेत्रांतर्गत ग्राम पेद्दापाल ढ़ोलकल क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुी थी, इसमें निरीक्षक संजय पोटाम के नेतृत्व में जवाबी कार्रवाई करने पर 03 सशस्त्र नक्सलियों को ढेर किया गया था. 14 मार्च 2022 को मुथेली के जंगल में कांगेर कमेटी के 40-50 सशस्त्र नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना के बाद उप निरीक्षक चैतराम गुरूपंच के नेतृत्व में ग्राम गोरली और मुथेली के बीच पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. जिसमें 02 सशस्त्र नक्सलियों को मार गिराने में सफलता मिली थी.
जानें संजय पोटाम के बारे में
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में डीआरजी टीम में तैनात संजय पोटाम उर्फ बदरु को तीसरी बार राष्ट्रीय वीरता पदक से सम्मानित किया जा रहा है. संजय पोटाम पहले नक्सल संगठन में था. दरभा डिविजनल कमेटी का सदस्य था. उसने साल 2013 को दंतेवाड़ा पुलिस के सामने सरेंडर किया था. इसके बाद पुलिस के लिए गोपनीय सैनिक का काम करने लगा.संजय की पुख्ता सूचनाओं पर दंतेवाड़ा पुलिस को नक्सल मामलों में कई सफलताएं मिली हैं.ऐसे में इसका लगातार प्रमोशन होता रहा और निरीक्षक बन गया. कई नक्सलियों को ढेर किया है,सरेंडर करवाया है.ऐसे में उन्हें पहले भी दो बार राष्ट्रपति वीरता पदक से सम्मानित किया गया था.अब तीसरी बार ये सम्मान मिल रहा है.