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कर्तव्य पथ नहीं इस स्टेडियम में मना था पहला Republic Day और इसी दिन मिला था देश को पहला राष्ट्रपति

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नई दिल्ली :  भारत में लोकतंत्र के 75 साल पूरे हो चुके हैं। इस साल देश अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। हर साल 26 जनवरी को धूमधाम से यह खास दिन मनाया जाता है। यह दिन भारत के गणराज्य होने का प्रतीक है। भारत के इतिहास में 26 जनवरी का खास महत्व है। इसी दिन आजाद भारत में लोकतंत्र की स्थापना की गई थी। इसी उपलक्ष्य पर हर साल इस दिन का जश्न मनाया जाता है।

इस दिन का जश्न यूं तो पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन राजधानी दिल्ली में इस मौके पर खास आयोजन किया जाता है। इस दिन कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर परेड का आयोजन किया जाता है और अलग-अलग राज्य की झांकियां भी निकाली जाती हैं। इस कार्यक्रम को देखने का अपना अलग ही मजा होता है। बदलते समय और टेक्नोलॉजी के विकास के साथ ही गणतंत्र दिवस को मनाने का तरीका भी काफी बदल गया है।

वर्तमान में होने वाले इसे आयोजन के बारे में, तो सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि कि पहला 26 जनवरी कैसे और कहां मनाया गया था। आज इस आर्टिकल में हम आपको इसी के बारे में बताएंगे।

आइए जानते हैं देश के पहले गणतंत्र दिवस से जुड़ी कुछ अनसुनी जानकारी-

कब लागू हुआ देश का संविधान

कई साल तक गुलामी की बेड़ियों से बंधे भारत को एक लंबी लड़ाई के बाद 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली थी। आजाद होने के बाद अब इस देश को चलाने के लिए एक लोकतंत्र की जरूरत पड़ी और इसके लिए 26 नवंबर, 1949 में लंबे विचार-विमर्श के बाद भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था। इसके ठीक दो महीने बाद यानी 26 जनवरी, 1950 में इसे पूरे देश में लागू किया गया और इसी दिन की याद में हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

कहां मनाया गया पहला गणतंत्र दिवस
वर्तमान में दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित किया जाता है, लेकिन भारत ने अपना गणतंत्र दिवस कहीं और मनाया था। देश में सबसे पहले 26 जनवरी, 1950 को गणतंत्र दिवस मनाया गया था। पहला गणतंत्र दिवस समारोह पुराना किला के सामने मौजूद इरविन स्टेडियम में हुआ था। वर्तमान में इसे मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के नाम से जाना जाता है। वहीं, यहां पर दिल्ली का चिड़ियाघर भी मौजूद है।

कैसे मनाया गया पहला गणतंत्र दिवस
26 जनवरी, 1950 का दिन कई मायनों में भारत के लिए खास था। इस दिन न सिर्फ देश का संविधान लागू हुआ, बल्कि देश को पहला राष्ट्रपति भी मिला था। भारत का संविधान लागू होने के कुछ देर बाद रही डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी।

उन्होंने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद इरविन स्टेडियम में 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराया था। इसके साथ ही उन्होंने भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। इन दिन के बाद से ही हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है और इस दिन देशभर में नेशलन हॉलिडे भी रहता है।

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