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बंगाल की खाड़ी में ताकतवर होता जा रहा ‘माइचौंग’ तूफान, कहीं खतरे की आहट तो नहीं? भारत सरकार ने उठाया बड़ा कदम

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कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की आज बैठक हुई, जिसमें बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवात ‘मिचौंग’ (Cyclone Michaung) के लिए राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की तैयारियों की समीक्षा की गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक ने समिति को चक्रवात ‘माइचौंग’ की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी. दक्षिण-पूर्व और उससे सटे दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर दबाव पिछले 06 घंटों के दौरान 13 किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया. इसके 2 तारीख तक गहरे दबाव में तब्दील होने और 3 दिसंबर के आसपास बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है. इसके अलावा, यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 4 दिसंबर की दोपहर तक दक्षिण आंध्र प्रदेश और आसपास के उत्तरी तमिलनाडु तटों के पास पहुंच जाएगा.

इसके बाद, यह दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के लगभग समानांतर उत्तर की ओर बढ़ेगा और 5 दिसंबर की सुबह के दौरान नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच एक चक्रवाती तूफान के रूप में दक्षिण आंध्र प्रदेश को पार करेगा, जिसमें हवा की गति 80-90 किमी प्रति घंटे से लेकर 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के मुख्य सचिवों और पुडुचेरी के वित्त सचिव ने समिति को चक्रवात के अपेक्षित मार्ग में जनता और संपत्ति की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रारंभिक उपायों और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों से अवगत कराया.

मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह
मछुआरों को समुद्र में न जाने के लिए कहा गया है. पर्याप्त आश्रय स्थल, बिजली आपूर्ति, दवा और आपातकालीन सेवाएं तैयार रखी जा रही हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी को 18 टीमें उपलब्ध कराई हैं और 10 अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा गया है. तटरक्षक बल, सेना और नौसेना की बचाव और राहत टीमों के साथ-साथ जहाजों और विमानों को भी तैयार रखा गया है.

बैठक में किन मुद्दाें पर हुई बात?
तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी की केंद्रीय एजेंसियों और सरकारों की तैयारी के उपायों की समीक्षा करते हुए, कैबिनेट सचिव ने जोर दिया कि राज्य सरकारों के अधिकारियों द्वारा सभी आवश्यक निवारक और एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए. उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि जानमाल की हानि न हो और संपत्ति और बुनियादी ढांचे को कम से कम नुकसान हो. इसके अलावा, सभी आवश्यक सेवाएं कम से कम समय में बहाल की जानी चाहिए. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि समुद्र में मछुआरे सुरक्षित लौट आएं. तेल रिगों, जहाजों आदि में तैनात जनशक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए. कैबिनेट सचिव ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी की सरकारों को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां ​​​​तैयार हैं और उनकी सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी.

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