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लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2023

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देश में दूर-दराज के इलाकों में वादियों की मदद के लिए मोबाइल वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा 25 उच्च न्यायालयों में से केवल दो में लागू होने के मद्देनजर एक संसदीय समिति ने सोमवार को सिफारिश की कि इसे शेष उच्च न्यायालयों में भी लागू किया जाए. अपनी पिछली रिपोर्ट में, कानून और कार्मिक पर संसदीय स्थायी समिति ने कहा था कि उसकी राय है कि न्यायपालिका को अधिवक्ताओं और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लाभ के लिए मोबाइल वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधाएं शुरू करने जैसे अभिनव उपायों पर भी विचार करना चाहिए.

केंद्रीय कानून मंत्रालय के न्याय विभाग ने अपने जवाब में कहा कि मोबाइल वीडियो कॉन्फ्रेंस की अवधारणा को सभी उच्च न्यायालयों के समक्ष उठाया गया है. विभाग ने संसदीय समिति को बताया, ‘‘यह भी अनुरोध किया गया था कि तेलंगाना उच्च न्यायालय की मोबाइल वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा को एक मॉडल के रूप में देखा जा सकता है.’’ विभाग द्वारा समिति के साथ साझा किए गए विवरण के अनुसार, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालयों ने सिफारिश को लागू कर दिया है.

विभाग ने कहा कि कलकत्ता, गुवाहाटी, मणिपुर, राजस्थान और सिक्किम उच्च न्यायालयों में ‘‘काम प्रगति पर है.’’ इसने कहा कि यह प्रस्ताव अभी भी उच्च न्यायालय या इलाहाबाद, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और ओडिशा के उच्च न्यायालयों की समिति के समक्ष ‘‘विचाराधीन’’ है. समिति ने ‘वर्चुअल अदालतों के कामकाज और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालती कार्यवाही’ पर 103वीं रिपोर्ट पर उठाए गए कदमों के मद्देनजर अपनी 134वीं रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति ने पाया है कि अब तक केवल दो राज्यों ने इस सिफारिश को लागू किया है और मोबाइल वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा स्थापित की है. बाकी राज्यों के लिए या तो कार्यान्वयन का कार्य प्रगति पर है या प्रस्ताव पेश किया जा रहा है.’’

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