
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर महज आठ दिनों के लिए नासा के मिशन पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गये थे लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनको तकरीबन नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहना पड़ा. अब उनकी सकुशल वापसी के लिए चलाया जा रहा अभियान अंतिम चरण में है. जाहिर है सुनीता विलियम्स की अपनी जिंदगी भी अंतरिक्ष की रहस्यमयी दुनिया से कम रोमांचक नहीं है. हॉलीवुड में तमाम ऐसी फिल्में बनी हैं, जिनमें अंतरिक्ष की चुनौतियों से भरी हैरतअंगेज कहानियां दिखाई गई हैं. उनमें अंतरिक्ष यात्रियों की जिंदगी की दुश्वारियों को विस्तार से दिखाया गया है. कल्पना कर सकते हैं किसी भी इंसान के लिए शून्य में नौ महीने तक रहना किन चुनौतियों से भरा हो सकता है.
सुनीता विलियम्स जब धरती पर पांव रखेंगी तब उनकी लाइफ की कहानियां एक-एक कर दुनिया के सामने आती जाएंगीं. जाहिर है वे कहानियां अचंभित करने वाली होंगी. अब चर्चा है कि हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक दिग्गज फिल्ममेकर्स सुनीता विलियम्स पर बायोपिक बनाने का प्लान कर रहे हैं. हालांकि किसी भी बैनर ने इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है लेकिन संभावना जताई जा रही है जिस शख्सियत ने अपने अदम्य साहस और कारनामे से धरती के करोड़ों लोगों को चकित किया है, उस पर जल्द ही बायोपिक का ऐलान हो सकता है. लेकिन कब, इसका बेसब्री से इंतजार रहेगा.
हॉलीवुड फिल्मों में स्पेस और ग्रहों की दुनिया
आज चर्चा करते हैं हॉलीवुड में बनी कुछ ऐसी साइंस फिक्शन फिल्मों की, जिसकी कहानी में स्पेस और प्लानेट की रंगबिरंगी दुनिया को दिखाया गया है. आर्मगेडन साल 1998 में आई एक ऐसी फिल्म है जिसमें नासा के उन अंतरिक्ष यात्रियों की कहानी है जो एक ऐस्टरॉयड यानी खगोलीय पिंड को धरती से टकराने से रोकते हैं. इसी तरह 1996 में बनी मार्स अटैक एक ऐसी फिल्म है, जिसमें मंगल ग्रह की सेना जब धरती पर कहर ढाती है तो अमेरिकी राष्ट्रपति इससे निपटते हैं. इसी साल यानी 1996 में ही आई इंडिपेंडेंस डे, जिसमें इंसान और एलियन्स के बीच युद्ध दिखाया गया है. सुपर एक्शन और क्रिएटिव एनिमेशन की वजह से इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कारोबार किया था.
बॉलीवुड में भी बना अंतरिक्ष का सिनेमा
ऐसा नहीं है कि बॉलीवुड फिल्मों में अंतरिक्ष कनेक्शन नहीं है. मिथक या विज्ञान के जरिए यहां अंतरिक्ष को खूब दिखाया गया है. आमिर खान की पीके और आर. माधवन की रॉकेट्री- द नंबी इफेक्ट तक में स्पेस दर्शन है. इतिहास में झांके तो सन् 1967 में बनी चांद पर चढ़ाई में दारा सिंह ने अभिनय किया था. यह फिल्म अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग के मिशन पूरा होने से दो साल पहले बनी थी. हिंदी में इसे पहली साइंस फिक्शन का दर्जा हासिल है. वहीं 2003 में ऋतिक रोशन की कोई मिल गया, अक्षय कुमार और विद्या बालन की मिशन मंगल, आमिर खान की पीके के अलावा शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा की जीरो में भी किंग खान को चांद की सैर कराई जाती है. शाहरुख खान पहले भी स्वदेश की शूटिंग नासा में कर चुके थे. आने वाले समय में पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री और विंग कमांडर राकेश शर्मा की भी बायोपिक पर्दे पर देखने को मिलेगी. इसे सारे जहां से अच्छा नाम दिया गया है.