
कोरिया : जिले के सोनहत में सचिवों ने शासकीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है, हड़ताल चार दिन पहले शुरू हुई थी जिससे पंचायत के समस्त कामकाज ठप हो गए हैं। इस हड़ताल की मुख्य वजह है सचिवों की एक सूत्री मांग, जिसे सरकार ने नजरअंदाज किया है। हड़ताल में प्रमुखता से शामिल हुए सचिवों ने अपनी आवाज उठाते हुए सरकार से उचित ध्यान देने की अपील की है।
हड़ताल में शामिल प्रमुख सचिवों में विजय शंकर जायसवाल, रामलाल राजवाड़े, धनसिह, लालमन, प्रवीण कुमार पाण्डेय, कमलाकांत राजवाड़े, बृजलाल राजवाड़े और शिवकुमार साहू का नाम शामिल है। इन सचिवों का कहना है कि उनकी मांगों को लगातार टाला जा रहा है, जिसके कारण उन्हें हड़ताल का मार्ग चुनना पड़ा।
विजय शंकर जायसवाल ने कहा, “हमने कई बार अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह हमारी मजबूरी है कि हमें हड़ताल का सहारा लेना पड़ा।” वहीं,रामलाल राजवाड़े ने भी अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “हम पंचायत के कामकाज को बिना किसी रुकावट के चलाना चाहते हैं, लेकिन जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम हड़ताल जारी रखेंगे।”
इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण जनहित से जुड़े कई कार्य ठप हो गए हैं। पंचायत स्तर पर चल रही योजनाओं, विकास कार्यों और अन्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि वे इस विषय में शीघ्र हस्तक्षेप करें ताकि पंचायत के कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सकें।
यहां यह उल्लेखनीय है कि सचिवों की हड़ताल की पृष्ठभूमि में पिछले कुछ महीनों से चल रही सरकारी नीतियों और प्रशासनिक नीतियों पर बढ़ती असंतोष का एक बड़ा कारण है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार ने समय रहते इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
धैर्य और संवाद से ही इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। सचिवों की हड़ताल ने स्पष्ट कर दिया है कि स्थानीय प्रशासन को अपनी आवाज सुनने और समस्याओं का समाधान तलाशने की आवश्यकता है। इस मुद्दे पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया होती है, यह देखना अब महत्वपूर्ण होगा।