
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में गलत जानकारी प्रस्तुत करने के मामले में वन विभाग के सात अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है।
इनमें से पांच को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की सिफारिश की गई है।
क्या है पूरा मामला?
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक शेषराज हरवंश ने रायपुर स्थित माना के इंदिरा निकुंज रोपणी से संबंधित एक सवाल उठाया था। इस प्रश्न के जवाब में वन विभाग के अधिकारियों द्वारा गलत जानकारी प्रस्तुत की गई, जिसके बाद यह मामला सामने आया।
कौन-कौन हुए निलंबित?
वन विभाग के इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है:
- तेजा साहू – माना नर्सरी प्रभारी
- अविनाश वाल्दे – कैम्पा प्रभारी
- प्रदीप तिवारी – व्यय शाखा प्रभारी
- सतीश मिश्रा – परिक्षेत्र अधिकारी
- अजीत डड़सेना – सहायक ग्रेड-3
निलंबन प्रस्तावित:
- लोकनाथ पटेल – रायपुर के डीएफओ
- विश्वनाथ मुखर्जी – संयुक्त वनमंडलाधिकारी
वन मंत्री ने दिए कड़े निर्देश
छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को भविष्य में ऐसी गलतियां न करने की सख्त हिदायत दी है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को शासन स्तर पर सही जानकारी समय-सीमा में भेजने, पत्राचार में सावधानी बरतने और योजनाओं के सही ऑडिट व प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। वन मंत्री ने यह भी कहा कि विभागीय योजनाओं का लाभ आम जनता तक सही तरीके से पहुंचना चाहिए, ताकि सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ लोगों को मिल सके।