
रायपुर : डिकलोफेनक जेल की खरीदी को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। दवा निगम ने दवा कंपनी को फायदा पहुंचाते हुए पांच करोड़ 48 लाख अधिक देकर 45 लाख ट्यूब की खरीदी की है।
यह दवा जोड़ों के दर्द, गठिया और सूजन आदि में काम आती है। इसी दवा के 20 ग्राम ट्यूब का रेट पांच रुपये 10 पैसे है। जबकि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन के द्वारा खरीदी गई 30 ग्राम की ट्यूब की कीमत 21 रुपये 16 पैसे है।
राजस्थान ने 20 ग्राम की छह ट्यूब (120 ग्राम) के लिए 30 रुपये 60 पैसे में खरीदी की है। यह पूरा खेल सीजीएमससी में कमीशनखोरी के लिए किया जा रहा है। सीजीएमएससी ने 30 ग्राम की चार ट्यूब (120 ग्राम) की खरीदी 84 रुपये 64 पैसे में की है।
अब तक हुई खरीदी
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन ने 30 ग्राम की चार ट्यूब (120 ग्राम) की खरीदी 84 रुपये 64 पैसे में की है। अभी तक छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन ड्रग कोड डी-171ए की 40 लाख 57 हजार ट्यूब स्वास्थ्य विभाग को जारी कर चुका है।
चार लाख 50 हजार ट्यूब आज की स्थिति में क्वालिटी टेस्टिंग के लिए दवा गोदामों में रखी हुई है। इस प्रकार लगभग 45 लाख ट्यूब की खरीदी हो चुकी है।
ऐसे चुकाए ज्यादा दाम
अब तक हुई डिकलोफेनक जेल की खरीदी की तुलना राजस्थान मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन की दरों से करने पर इस वर्ष खरीदी गई 45 लाख ट्यूब के लिए सीजीएमएससी ने पांच करोड़ 48 लाख रुपये ज्यादा चुकाये हैं।
यदि इतनी ट्यूब राजस्थान से खरीदी जाती तो तीन करोड़ 10 लाख रुपये खर्च होते। जबकि अभी सीजीएमएससी ने आठ करोड़ 58 लाख रुपये दिए हैं।
डिमांड से ज्यादा सप्लाई
डिकलोफेनक जेल की वित्तीय वर्ष 2021 से 2024 तक मांग 33 लाख ट्यूब की थी। वहीं, दिसंबर 2023 को 9 एम कंपनी का रेट कांट्रेक्ट होते ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 25 लाख ट्यूब की मांग बढ़ा दी गई। पुराने ड्रग कोड डी-171 के लिए 30 लाख ट्यूब की भी मांग यथावत रखी गई।
डीएचएचएस ने 25 लाख डिकलोफेनक जेल ट्युब की डिमांड की थी। चौंकाने वाली बात यह है कि अभी तक कपंनी ने 40,57,191 ट्यूब सप्लाई कर दी है। इसके अलावा 4,85,918 ट्यूब सप्लाई के लिए तैयार हैं।
बढ़ा दी आई ड्रॉप की डिमांड
सिपरोफलकसासिन आई ड्रॉप की खरीदी में भी करोड़ों का खेल हुआ है। वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 याने तीन वर्ष में सीजीएमएससी में मांग 58 लाख ड्रॉप्स थी। दवा कंपनी 9 एम इंडिया के दर अनुबंध होते ही आई ड्रॉप की चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की मांग 50 लाख आई ड्रॉप्स हो गई।