
वक्फ बोर्ड को लेकर सियासी हंगामा जारी है. इस बीच मध्य प्रदेश के विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि वक्फ की जमीन से केवल दो-चार-दस परिवार पलते रहे. इससे काम नहीं चलेगा.
उन्होंने कहा, ”करोड़ों मुसलमान जो दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, पंचर की दुकान, हाथ ठेला, कबाड़ी का धंधा कर रहे, जिनके पास शिक्षा का, इलाज का साधन नहीं, रहने का मकान नहीं, अगर मोदी जी ने उन गरीब मुसलमानों का सोचा तो क्या गलत किया.”
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि आज लाखों एकड़ वक्फ की जो भूमि पड़ी है उस पर गरीब मुसलमानों का मकान बनाए जाएं, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, शिक्षा के लिए स्कूल, कॉलेज, अस्पताल खोले जाएं, इस बात से बड़े मुसलमान लीडर या जो मुसलमानों के नाम पर राजनीति कर अपना पेट भरते हैं, उनको थोड़ा दर्द जरूर होगा.
उन्होंने कहा कि अब जिनके पेट में दर्द होगा उन्हें हाजमा की गोली दी जाएगी पर गरीबों का कल्याण जरूर होगा. मुसलमानों की ईद आ रही है, यह तो शायद मीठी ईद है, तो मीठा खाओ, मीठा बोलो और दूसरों के भविष्य के बारे में मीठा सोचो.
नवरात्र पर मीट की दुकान बंद करने की अपील
इससे पहले रामेश्वर शर्मा ने नवरात्र पर मीट की दुकानों को बंद करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि ये तो पूरे हिंदुस्तान से मांग उठ रही है. दिल्ली से भी मांग उठी है. नवरात्र ऐसा त्योहार है जिसपर हिंदू एक लौंग पर भी पूरे दिन व्रत रखता है. हिंदू एक गिलास दूध पर भी व्रत रखता है. एक पानी पर व्रत करता है. पवित्र नौ दिनों में इतनी साधना के साथ रहना चाहता है तो मैं चाहता हूं कि गंगा-जमुनी तहजीब है और सर्वधर्म संभाव का देश है तो मौका है कि हिंदू की भावना का सम्मान करो.
उन्होंने कहा कि मौलवी से अपील है कि सनातन के पर्व-त्योहार का सम्मान करेंगे तो सनातन भी सम्मान करेगा. 8-10 दिन मीट-मांस नहीं खाएगा तो क्या संकट आ जाएगा.