
हरिद्वार. हिंदू धर्म में साल भर त्योहारों का आगमन होता रहता है. साल भर होने वाले त्योहारों का अपना ही महत्व होता है. अगर इस दिन शास्त्रों की विधि से व्रत पूजा पाठ या धार्मिक अनुष्ठान वगैरह किया जाए तो चमत्कारी लाभ मिलते हैं. हिंदू धर्म में समय की गणना संवत से होती है और संवत चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा से शुरू हो जाता है. चैत्र शुक्ल की नवमी का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्वपूर्ण होता है इस दिन रामनवमी मनायी जाती है. इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्म दिवस मनाया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन धार्मिक अनुष्ठान और कुछ खास मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है.
एक मंत्र से मिलेगा फायदा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन अगर भगवान राम की आराधना पूजा पाठ पूजा अर्चना करने के लिए विष्णु सहस्त्रनाम पुराण के एक मंत्र का जाप किया जाए तो विष्णु सहस्त्रनाम का कई गुना फल मिलता है. विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान विष्णु के 1000 नाम का वर्णन किया गया है जिनको स्मरण करने मात्र से व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी बाधाएं, समस्याएं खत्म हो जाती हैं. भगवान राम की स्तुति आराधना के लिए यह मंत्र बेहद ही चमत्कारी है.
कौन सा है वो मंत्र
उत्तराखंड के हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं के विष्णु पुराण के “राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानाने।।” मंत्र का जाप करने मात्र से विष्णु सहस्त्रनाम का संपूर्ण फल मिलता है और जीवन में चल रही ग्रह संबंधित, व्यापार, आर्थिक, वैवाहिक संबंधों, प्रेम संबंधों, शारीरिक आदि सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं.वैदिक पंचांग के अनुसार साल 2025 में रामनवमी की तिथि 5 अप्रैल की शाम 7:27 से प्रारंभ हो जाएगी जो 6 अप्रैल की शाम 7:22 तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार रामनवमी का पर्व 6 अप्रैल रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र में मनाया जाएगा.