
10 अप्रैल 2025:- हमारे घर के आसपास कई तरह की घास होती हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती हैं. इसी तरह की एक घास दूर्वा होती है, जिसे बोलचाल में दूब घास कहा जाता है. यह घास वैसे तो पूजा-पाठ में ज्यादा इस्तेमाल होती है, लेकिन आयुर्वेद इसे सेहत के लिए बेहद लाभकारी मानता है. औषधीय गुणों से भरपूर दूर्वा सिर में होने वाले असहनीय दर्द माइग्रेन के साथ ही कब्ज की समस्या को भी दूर करने में सक्षम है. आयुर्वेदाचार्य दूर्वा को गुणों की खान बताते हैं. अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो शरीर को गजब के फायदे मिल सकते हैं.
यह घास पेट के रोगों और मानसिक शांति के लिए बेहद फायदेमंद है. दूब के रस को पीने से एनीमिया की समस्या ठीक हो सकती है. यह हीमोग्लोबिन के स्तर को भी बढ़ाती है. इस घास पर सुबह-शाम नंगे पांव चलने से हाई ब्लड प्रेशर, माइग्रेन, तनाव जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती है. दूब घास में कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस के साथ फाइबर, प्रोटीन और पोटैशियम भी अच्छी मात्रा में होता है.
आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि दूब घास अक्सर पार्क में मिल जाती है. इस घास पर सुबह-सुबह नंगे पैर चलने से माइग्रेन का दर्द दूर होता है. ताजी दूर्वा घास को पीसकर उसके रस को पीने से कई समस्याएं कोसों दूर भाग जाती हैं. दूब के सेवन से इम्यूनिटी न केवल मजबूत होती है, बल्कि इससे महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म के दर्द में भी राहत मिलती है और कब्ज की समस्या से भी मुक्ति मिल जाती है. आपको माइग्रेन या सिरदर्द की शिकायत रहती है तो सुबह-शाम नंगे पांव टहलने के साथ ही दूब के जूस के सेवन करने से भी लाभ मिलता है. शरीर में ऐंठन और दर्द हो या दांतों में दर्द हो, मसूड़ों से खून आ रहा हो, मुंह में छाले हो गए हों तो शहद या घी के साथ दूब के रस को मिलाकर लेने से भी तुरंत राहत मिलती है.