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पत्रकारिता को मूल्यनिष्ठ होना आवश्यक – प्रो. शर्मा

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कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय मे व्याख्यान

भाषा, नैतिकता और पत्रकारिता की आत्मा कभी नहीं बदलती: गिरीश पंकज

रायपुर (विश्व परिवार) । कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय मेंहिंदी पखवाड़े के अवसर पर ‘हिंदी पत्रकारिता एवं अनुप्रयोग’ विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार गिरीश पंकज ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भाषा ही व्यक्ति को अभिव्यक्त करती है । उन्होंने कहा कि भाषा के साथ अधिक छेड़छाड़ या प्रयोग खतरनाक साबित होते हैं । वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए हमें अतीत की ओर अवश्य निहारना चाहिए और ये विचार करना चाहिए कि हम क्या थे। प्रयोगधर्मिता, आधुनिकता के नाम पर जो बदलाव आए हैं, उसने हिंदी पत्रकारिता को बाजारू बनाने का काम किया है । बुनियादी बातें कभी नहीं बदलती हैं। भाषा, नैतिकता और पत्रकारिता की आत्मा कभी नहीं बदलती है ।पत्रकार सत्य का प्रहरी होता है । वर्तमान में जो अनुप्रयोग हो रहे हैं, उसमें सबसे बड़ा भ्रम है कि अंग्रेजी आधुनिकता का पर्याय है । डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि मैं राष्ट्रभाषा और राजभाषा के लिए अपनी मातृभाषा का बलिदान कर सकता हूँ । उन्होंने कहा कि हिंदी की उपेक्षा ने पत्रकारिता की भाषा को विरूपित कर दिया है। एआई जैसी चीजों हमारी पीढ़ी की प्रतिभा और मौलिकता को खत्म कर रही हैं। हमें अंग्रेजी के निकट जाने के बजाय अन्य भारतीय भाषाओं की ओर जाना चाहिए ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि भाषा केवल संवाद का माध्यम ही नहीं, संस्कार, संस्कृति और हमारी पहचान है । वर्तमान में भाषा को लेकर जड़ों से जुड़े रहने की जरूरत है। हिंदी सरल भाषा है जिसे कठिन भाषा के रूप में दुष्प्रचारित किया जाता है। हमें हिंदी में अनावश्यक अंग्रेजी भाषा के प्रयोग से बचना चाहिए । भाषा पर बात करना पिछड़ेपन की निशानी नहीं है बल्कि गौरव का विषय है।

कार्यक्रम का संयोजन इलेक्ट्रॉनिक विभाग अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र त्रिपाठी ने किया । उन्होंने कहा कि अब हिंदी तकनीक की भाषा भी बन गई है। कंप्यूटर पर काम अब हिंदी में बहुत आसानी से किया जा रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. चंद्रशेखर ओझा, वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. जेना, श्री पंकज नयन पांडेय, श्री शैलेंद्र खंडेलवाल, डॉ. आशुतोष मंडावी, डॉ. नृपेंद्र शर्मा, डॉ. राजेन्द्र मोहंती, डॉ वैशाली गोलाप सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं कर्मचारी मौजूद रहे ।

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