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सरकारी पैसों का बंटवारा करने वाले आयोग के प्रमुख की बात सुनिए, बताया- कैसे अचीव होगी 9% की ग्रोथ रेट

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16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने बुधवार को कहा कि भारत अगले पांच साल में कुछ और सुधारों को लागू करके वास्तविक रूप से अपनी आर्थिक वृद्धि को मौजूदा सात प्रतिशत से बढ़ाकर नौ प्रतिशत के करीब पहुंचा सकता है. पनगढ़िया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को कारोबार क्षेत्र के लिए अनुकूल स्थान बनाने को पिछले 10 साल में कड़ी मेहनत की है, इसलिए निवेश आ रहा है. गौरतलब है कि वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति करते हैं और इसका प्रमुख काम टैक्स के पैसों का केंद्र व राज्य के बीच किस तरह बंटवारा होगा इस पर सुझाव देना होता है.

‘टाइम्स नाऊ’ के एक सम्मेलन में उन्होंने कहा, “आज अर्थव्यवस्था खुली है. अगले दो-तीन दशक में हम बहुत तेजी से वृद्धि कर सकते हैं.” चालू वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी – जो पिछले डेढ़ साल का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.

अभी कितनी है रफ्तार?
प्रमुख अर्थशास्त्री ने कहा, “भारत वर्तमान में सात प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. निश्चित रूप से अगले पांच साल में कुछ और सुधारों के साथ हम वास्तविक रूप से इसे नौ प्रतिशत के करीब पहुंचा सकते हैं….और इसे कुछ दशक तक आसानी से कायम रखा जा सकता है.” पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम के बयान “भारत के नवीनतम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़े बिल्कुल रहस्यमय हैं और उन्हें समझना मुश्किल है” पर एक सवाल का जवाब देते हुए पनगढ़िया ने कहा, “यदि आप भ्रमित हैं, तो पहले आपको जांचना होगा, (क्या) धुंध आपके ही चश्मे पर है…या कहीं और.”

जीडीपी कैलकुलेशन के तरीके में बदलाव
पनगढ़िया ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान जीडीपी की कैलकुलेशन के लिए पद्धतिगत बदलाव की सिफारिश पिछले प्रशासन (संप्रग सरकार) द्वारा नियुक्त निकायों द्वारा की गई थी. उन्होंने कहा, “किसी ने भी…उन लोगों की ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया है जो वास्तव में ये (जीडीपी) संख्याएं निकालते हैं. यह एक नई तरह की घटना है, जो मुझे समझ नहीं आती.”

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