देश-विदेश
*Air India की बोली के लिए नियम बदले, जानिए कौन लगा सकेगा बोली*
नई दिल्ली। एयर इंडिया (Air India) के विनिवेश को अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने इस बार बोलियां लगाने के नियम 2018 की तुलना में आसान बनाए हैं। अब 3,500 करोड़ रुपए की नेटवर्थ वाले समूह भी कंपनी के लिए बोली लगा सकेंगे। वहीं किसी समूह में उसके अलग-अलग भागीदारों की न्यूनतम हिस्सेदारी 10 प्रतिशत तय कर दी गई है। विनिवेश के बाद भी मूल ब्रांड ‘एयर इंडिया’ बना रहेगा। अभिरुचि पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि 17 मार्च रखी गई है।
वर्ष 2018 में जब सरकार ने एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की निविदा जारी की थी, तब किसी संभावित खरीदार की नेटवर्थ 5,000 करोड़ रुपए और बोली लगाने वाले समूह में शामिल भागीदारों की न्यूनतम हिस्सेदारी 26 प्रतिशत रखी गई थी।
सरकार ने कर्ज बोझ से दबी एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए प्राथमिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) सोमवार को जारी कर दिया। सरकार ने इच्छुक पक्षों से 17 मार्च तक आरंभिक बोलियों के रुचि पत्र मंगाए हैं। एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के तहत एयरलाइन की सस्ती विमानन सेवा ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस’ में भी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी।
पीआईएम की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि कोई कंपनी अपनी ‘मातृ कंपनी की ताकत’ के आधार पर भी बोली लगा सकती है। पहले इसका प्रावधान नहीं था। यर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया के तहत कोई समूह भी बोली लगा सकता है।
समूह में हर प्रतिभागी की हिस्सेदारी कम से कम 10 प्रतिशत और कुल 3500 करोड़ रुपए की नेटवर्थ के 10 प्रतिशत के बराबर होना चाहिए। समूह का नेतृत्व करने वाले सदस्य की हिस्सेदारी भी कम से कम 26 प्रतिशत होनी चाहिए। व्यक्तिगत निवेशक समूह का हिस्सा बनकर निवेश कर सकते हैं।
इसके अलावा यदि कोई घरेलू विमानन कंपनी बोली लगाती है तो वह बिना नेटवर्थ के 51 प्रतिशत तक हिस्सेदारी रख सकती है, जबकि सहयोगी कंपनी को 3,500 करोड़ रुपए की नेटवर्थ की योग्यता पूरी करनी होगी। इससे पहले वर्ष 2018 में सरकार ने एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री और प्रबंधकीय नियंत्रण निजी क्षेत्र को सौंपने की निविदा जारी की थी।
विनिवेश के बाद भी बना रहेगा ब्रांड एयर इंडिया, निविदा जारी : सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के शत-प्रतिशत विनिवेश के लिए सोमवार को निविदा जारी कर दी और अभिरुचि पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि 17 मार्च रखी गई है।
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि विनिवेश के बाद भी मूल ब्रांड ‘एयर इंडिया’ बना रहेगा। एयर इंडिया एक प्रकार से ऋण के जाल में फंस गई है जिसे उबारने के लिए सरकार के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं हैं, इसलिए इसका निजीकरण अनिवार्य हो गया था।
उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी के अलावा उसकी इकाइयों एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की भी पूरी हिस्सेदारी बेची जाएगी। एयर इंडिया एक्सप्रेस एयर इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली विमान सेवा कंपनी है जबकि एयर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेज में उसकी 50 फीसदी हिस्सेदारी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इच्छुक निवेशक 28 जनवरी से 11 फरवरी तक अपने संदेह तथा प्रश्न भेज सकेंगे। सरकार 25 फरवरी तक प्रश्नों का जवाब देगी और 17 मार्च तक अभिरुचि पत्र जमा कराए जा सकेंगे। अभिरुचि पत्र जमा कराने वाले पात्र निवेशकों को 31 मार्च तक सूचित कर उनसे अंतिम वित्तीय बोली आमंत्रित की जाएगी।
गौरतलब है कि सरकारी विमान सेवा कंपनी के विनिवेश के लिए गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने मंत्रियों के समूह ने इस महीने के आरंभ में एयर इंडिया के विनिवेश की शर्तों को मंजूरी दी थी। यह 2 साल में एयर इंडिया के विनिवेश का दूसरा प्रयास है। मई 2018 में किसी भी खरीदार के सामने नहीं आने से विनिवेश का प्रयास विफल रहा था।
पुरी ने दावा किया कि इस बार विनिवेश की शर्तें निवेशकों को ज्यादा आकर्षित कर सकेंगी। पिछली बार 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जानी थी जबकि इस बार शत-प्रतिशत हिस्सेदारी को बिक्री के लिए रखा गया है। इसके अलावा संभावित खरीदारों के लिए पात्रता और कंसोर्टियम बनाने की शर्तों को भी आसान किया गया है। खरीदार कंपनी या कंसोर्टियम का नेटवर्थ 3,500 करोड़ रुपए या अधिक होना चाहिए।
जबकि कंसोर्टियम के माध्यम से बोली लगाने वाली कंपनी के लिए कंसोर्टियम में कम से कम 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी होनी जरूरी है। इसका मतलब है कि किसी कंपनी का नेटवर्थ 350 करोड़ रुपए होने पर भी वह कंसोर्टियम के माध्यम से बोली लगा सकेगी।
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बीजेपी विधायक का बड़ा ऐलान, यूपी बोर्ड में टॉप करने वाले लड़के को दे देंगे अपनी कुर्सी
उत्तर प्रदेश में साल 2024 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजे आने से ठीक पहले रामपुर विधायक आकाश सक्सेना ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि रामपुर विधानसभा क्षेत्र से जितने भी छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे। उनमें से जिस छात्र के सबसे ज्यादा नंबर होंगे। उसे एक दिन के लिए क्षेत्र का विधायक बनाया जाएगा। आकाश पहले भी ऐसा कर चुके हैं और एक बार उन्होंने यही ऐलान किया है। छात्रों का उत्साह बढ़ाने के लिए आकाश सक्सेना की यह पहल चर्चा का विषय है।
आकाश सक्सेना ने परीक्षा के नतीजे जारी होने से ठीक पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया ” यूपी बोर्ड वर्ष 2024 का हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट का परीक्षाफल आज दोपहर 02:00 बजे घोषित किया जाएगा। पिछली बार की तरह इस बार भी जो विद्यार्थी रामपुर में अधिकतम अंक प्राप्त करेगा, उसे एक दिन का विधायक बनाया जाएगा। रामपुर समेत प्रदेश के सभी छात्र-छात्राओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
कहां देख सकते हैं रिजल्ट
यूपी बोर्ड का रिजल्ट माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट upmsp.edu.in और NIC की वेबसाइट upresults.nic.in पर भी जारी किया जाएगा। इन दोनों वेबसाइटों पर जाकर छात्र अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं। इस साल बोर्ड ने 22 फरवरी से 9 मार्च के बीच हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की अंतिम परीक्षा आयोजित की थी। इसके लिए कुल 55,25,308 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से कक्षा 10 के 29,47,311 छात्र और कक्षा 12 के 25,77,997 छात्र हैं। यूपी बोर्ड कक्षा 10 और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाएं सभी तारीखें पर 2 पालियों में आयोजित की गईं। पहली शिफ्ट सुबह 8.30 बजे से 11.45 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 बजे से शाम 5.15 बजे तक थी।
नकल नहीं हुई तो छात्रों ने नहीं दी परीक्षा
यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल को रोकने लिए इस बार काफी सख्ती की गई थी। इस वजह से कुल 3,24,008 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी. नकल न होने के कारण परीक्षा छोड़ने वाले परीक्षार्थियों में 1, 84,986 हाईस्कूल और 1,39,022 इंटरमीडिएट के थे।
देश-विदेश
टेस्ला प्रमुख एलन मस्क ने स्थगित की भारत यात्रा, बताई ये वजह
नई दिल्लीः टेस्ला प्रमुख और दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक एलन मस्क ने अपनी बहुप्रतीक्षित भारत यात्रा स्थगित कर दी है। स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले थे। भारत दौरा स्थगित करने की वजह बताते हुए मस्क ने कहा कि वह अभी कंपनी के कार्यों में बहुत बिजी हैं। एलन मस्क ने एक्स पर लिखा, दुर्भाग्य से टेस्ला के दायित्वों के कारण भारत की यात्रा में देरी हुई, लेकिन मैं इस साल के अंत में यात्रा के लिए बहुत उत्सुक हूं।
पीएम मोदी से होनी थी मुलाकात
पिछले हफ्ते मस्क ने कहा था कि वो भारत जा रहे हैं जहां पर वे पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। उम्मीद की जा रही थी कि एलन मस्क भारत में फैक्ट्री बनाने के लिए 2-3 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा करेंगे।इससे पहले बताया गया था कि मस्क के साथ कंपनी के अन्य अधिकारी भी भारत आ सकते हैं।
पिछले साल अमेरिका में हुई थी पीएम मोदी से मुलाकात
देश-विदेश
15 लाख से ज्यादा का लोन, खुद की कार नहीं… जानिए अमित शाह के पास कितनी है संपत्ति
गांधीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को गांधी नगर में रोड शो के बाद नामांकन पत्र दाखिल किया। गांधी नगर की लोकसभा सीट बीजेपी की पारंपरिक सीट रही है। इस सीट पर लगातार बीजेपी जीत दर्ज करती आ रही है। यहां तीसरे चरण में 7 मई को वोट डाले जाएंगे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आम चुनाव का मतलब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार सत्ता की कमान सौंपना है ताकि वह 2047 तक भारत को एक विकसित देश बना सकें।
अमित शाह के पास खुद की कार नहीं
अमित शाह के नामांकन भरने के बाद से उनका हलफनामा चर्चा में है। इस हलफनामे के मुताबिक अमित शाह के पास खुद की कार नहीं है। हालांकि उनके पास 20 करोड़ की चल और 16 करोड़ की अचल संपत्ति है। बतौर व्यवसाय वह खेती भी करते हैं। उनपर कुल ₹15.77 लाख का लोन है। उनकी आय का स्त्रोत घर-जमीन के किराये की आय और सांसद के रूप में मिलने वाला वेतन है। शेयर डिविडेंड से भी उन्हें आय होती है।
हलफनामे का ब्यौरा
अमित शाह
- कुल संपत्ति 36.65 करोड़
- चल संपत्ति-20.33 करोड़
- अचल संपत्ति का मूल्य -16.31 करोड़
- लोन- 15.77 लाख रुपये
- कैश -24,164 रुपये है
- 2022-23 में आय- 75.09 लाख रुपये
- व्यवसाय- खेती और सामाजिक कार्यकर्ता
- आय का स्त्रोत-सांसद वेतन, घर-जमीन से किराया, खेती की आय और शेयर डिविडेंड की आय
अमित शाह की पत्नी
- कुल संपत्ति-29.01 करोड़
- चल संपत्ति-22.46 करोड़
- अचल संपत्ति -6.55 करोड़
- कैश-35,402 रुपये
- देनदारी-26.32 लाख रुपये
- 2022-23 में आय- 39.59 लाख रुपये
12 बजकर 39 मिनट पर नामांकन दाखिल कियाअमित शाह ने शुक्रवार दोपहर ठीक 12 बजकर 39 मिनट पर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस समय को ‘विजय मुहूर्त’ माना जाता है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी उनके साथ मौजूद थे।
‘विकसित भारत’ के लिए मजबूत आधार तैयार करेंगे
उन्होंने कहा कि मोदी ने भारत को 2047 तक विकसित और सभी क्षेत्रों में शीर्ष देश बनाने का संकल्प लिया है। अगर हम इसे हासिल करना चाहते हैं तो अगले पांच साल महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पिछले 10 साल पिछली यूपीए सरकार द्वारा किए गए गड्ढे भरने में चले गए।’’ उन्होंने कहा कि अगले पांच साल का इस्तेमाल ‘विकसित भारत’ के लिए मजबूत आधार तैयार करने में किया जाएगा।
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