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हड्डियों में भी हो सकता है कैंसर, कम उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा..

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25 जुलाई 2024:-  हड्डियों से जुड़ी कई बीमारियां होती हैं, जिनमें सबसे खतरनाक बोन कैंसर होता है. डॉक्टर्स की मानें तो जब हड्डियों की सेल्स अनकंट्रोल ग्रोथ करने लगती हैं, तब यह जानलेवा बीमारी हो जाती है. बोन कैंसर रेयर होता है, इसलिए ज्यादातर लोग इसे लेकर अनजान हैं. हालांकि यह कैंसर बेहद खतरनाक और जानलेवा हो सकता है. इससे बचने के लिए लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए और समय-समय पर इलाज कराना चाहिए. बोन कैंसर क्या है और इसकी क्या वजह होती हैं, बोन कैंसर एक तरह का कैंसर है, जो हड्डियों की कोशिकाओं में शुरू होता है. यह अन्य कैंसर की तुलना में रेयर होता है. हड्डियों के 4 कॉमन कैंसर ऑस्टियोसारकोमा, इविंग सारकोमा, चोंड्रोसारकोमा और कॉर्डोमा हैं. भारत में ऑस्टियोसारकोमा और इविंग सारकोमा बच्चों और युवा वयस्कों को ज्यादा प्रभावित करते हैं. इन कैंसर की कोई सटीक वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन कई रिस्क फैक्टर्स इस बीमारी का खतरा बढ़ा देते हैं.

डॉक्टर हिमांशु के मुताबिक रेडिएशन एक्सपोजर, क्रोनिक इंफेक्शन, फैमिली हिस्ट्री, तंबाकू और शराब का सेवन, खराब लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खान-पान जैसे फैक्टर्स बोन कैंसर की वजह बन सकते हैं. कई रिस्क फैक्टर्स सीधेतौर पर बोन कैंसर का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन इनडायरेक्टली इस बीमारी का जोखिम बढ़ा देते हैं. भारत में पर्यावरण और लाइफस्टाइल फैक्टर्स सीधे हड्डी के कैंसर का कारण नहीं बन सकते हैं, लेकिन वे जोखिम, डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट को प्रभावित कर सकते हैं. इसका सही समय पर पता लगाकर इलाज कराना बेहद जरूरी होता है, वरना यह मौत की वजह बन सकता है.बच्चों को बोन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. बच्चों की हड्डियों ग्रो करती हैं और इस दौरान कुछ बच्चों की सेल्स बिना लगाम के बढ़ने लगती हैं. इससे बोन डिस्ट्रॉय होने लगती हैं. अगर इसका सही समय पर पता न लगाया जाए, तो बोन कैंसर ब्लड के जरिए मेटासिस्टाइज होकर लंग्स और अन्य अंगों में भी पहुंच सकता है. बोन कैंसर कई तरह के होते हैं और इनमें कुछ बेहद खतरनाक होते हैं. इन कैंसर की चपेट में आने पर लोग सालभर के अंदर मौत का शिकार हो सकते हैं.

डॉक्टर सुधीर सेठ ने बताया कि हड्डी के कैंसर का पता लगाने के लिए हड्डियों का एक्सरे, एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग), सीटी (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) स्कैन, हड्डी के स्कैन और बायोप्सी की जाती है. इस कैंसर के इलाज की बात करें, तो ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी का सहारा लिया जाता है. मरीज की कंडीशन के अनुसार इलाज किया जाता है. इस बीमारी का सही समय पर इलाज शुरू हो जाए, तो 80% मरीज 10 साल या इससे ज्यादा जिंदगी जी सकते हैं. हालांकि अगर कैंसर प्राइमरी हो, तो इससे मौत का खतरा ज्यादा होता है.

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सदाबहार के फूलों का रस डायबिटीज का है तगड़ा काट, जानिए कैसे करें इस्तेमाल और क्या होंगे फायदे

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सदाबहार ऐसा पौधा है जिसे आसानी से गमले में उगाया जा सकता है। सदाबहार का मतलब है कि ये पौधा 12 महीने हरा-भरा रहता है और फूल आते हैं। सदाबहार का छोटा सा पौधा आपकी बालकनी और घर की शोभा को कई गुना बढ़ा देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। बाबा रामदेव की मानें तो सदाबहार के पौधे का रस पीने से डायबिटीज जैसी बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। जानिए शुगर को खत्म करने के लिए कैसे करें सदाबहार का इस्तेमाल?

सदाबहार के फूल और पत्ते दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। डायबिटीज के मरीज इसका जूस निकालकर पी सकते हैं। आप सदाबहार के 3-4 पत्ते या 5-6 फूलों को ऐसे ही चबाकर भी खा सकते हैं। इससे शरीर में जमा टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

डायबिटीज में ऐसे करें सदाबहार का इस्तेमाल

डायबिटीज के मरीज 1 छोटा खीरा, 1 छोटा करेला, 1 छोटा टमाटर मिक्सी में पीस लें। आप इसके साथ सदाबहार के 6-7 फूल और 3-4 नीम के पत्ते भी डाल लें। सदाबहार के फूल न मिलें तो आप पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सारी चीजों को मिलाकर पीस लें और फिर इसका जूस निकालकर छान लें। इस जूस का सेवन करने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

सदाबहार के फूल और पत्तों का पाउडर 

आप चाहें तो सदाबहार के पत्तों को या फिर फूलों को सुखाकर भी उपयोग कर सकते हैं। इन पत्तों को पीसकर चूर्ण बना लें और फिर इसे जूस में मिलाकर या ऐसे ही पानी के साथ 1 चम्मच चूर्ण खा लें। इससे डायबिटीज के मरीज को काफी फायदा मिलेगा।

सदाबहार के फायदे

सदाबहार के पत्ते और फूल वात दोष को कम करते हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं। सदाबहार के पत्तों में एल्कलॉइड गुण होते हैं जो बढ़े हुए ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं। गले की खराश दूर करने और ततैया के काटने में भी सदाबहार के फूलों का रस फायदेमंद साबित होता है।

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सुबह अजवाइन की चाय पीने से दूर रहेंगी ये बीमारी

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सुबह ज्यादातर लोग दूध वाली चाय के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। जो सेहत के लिहाज से ठीक नहीं है। सुबह दूध वाली चाय की जगह आप अजवाइन की चाय पीएं। इससे तेजी से वजन होगा और शरीर को कई दूसरे फायदे भी मिलेंगे। अजवाइन की चाय पीने से पेट और पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी। अजवाइन में भरपूर एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसके साथ ही फाइबर, पोटेशियम और विटामिन भी मिलते हैं। आइये जानते हैं अजवाइन की चाय क्या फायदा करती है?

सुबह अजवाइन की चाय पीने के फायदे

  1. वजन घटाए- अजवाइन की चाय मोटे लोगों को जरूर पीनी चाहिए। सुबह अजवाइन की चाय पीने से लटकती हुई तोंद अंदर होने लगेगी। मोटापा से जूझ रहे लोगों को दूध की चाय नहीं बल्कि अजवाइन की चाय पीनी चाहिए। इससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है और वजन कम होता है। महीने भर में ही इस चाय से वजन में फर्क नजर आने लगेगा।
  2. गैस में राहत- जिन लोगों को गैस और एसिडिटी की समस्या रहती है उन्हें सुबह अजवाइन वाली चाय पीनी चाहिए। अजवाइन की चाय पीने से गैस की समस्या में आराम मिलता है। अजवाइन में पाए जाने वाले पोषक तत्व पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। कब्ज की समस्या में भी आराम मिलता है।
  3. पीरियड्स के दर्द में राहत- अगर आपको पेट में दर्द है फिर वो चाहे ठंड के कारण हो या फिर पीरियड्स के कारण, अजवाइन की चाय फायदेमंद साबित होती है। पीरियड्स के दौरान दिन में 1-2 कप अजवाइन वाली चाय जरूर पीनी चाहिए। इससे दर्द में आराम मिलेगा।
  4. अस्थमा में फायदेमंद- अजवाइन की चाय पीने से अस्थमा के मरीज को फायदा होता है। अजवाइन की तासीर गर्म होती है जो अस्थमा के मरीज के लिए दवा का काम करती है। अस्थमा में दूध और दूध की चाय से सुबह बचना चाहिए। अजवाइन की चाय इन लोगों को फायदा करती है।
  5. तनाव घटाए- जिन लोगों को लगातार तनाव बना रहता है उन्हें सुबह 1 कप अजवाइन की चाय जरूर पीनी चाहिए। अजवाइन की चाय पीने से तनाव दूर होता है। इस चाय को पीने से थकान दूर होती है और शरीर को एनर्जी मिलती है।

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निमोनिया और वजन कम करने में रामबाण है ये फल..

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इंद्रायण का फल ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसके इस्तेमाल से शरीर पर चौंकाने वाले फायदे होते हैं. यह वजन को कम करने, शुगर जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने, निमोनिया जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने और पीरियड्स की अनियमित को दूर करने में मदद करता है. यह मूत्र संबंधी सभी समस्याओं को ठीक करने में काफी असरदार साबित होता है. बागपत में आयुर्वेदिक चिकित्सा डॉक्टर सरफराज अहमद ने बताया कि इंद्रायण का फल एक ऐसी चमत्कारी औषधि है, जो आसानी से किसी भी मार्केट में उपलब्ध होती है. यह शरीर को स्वस्थ बनाने में भूमिका निभाती है. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में होने वाली डायबिटीज और बढ़ने वाले वजन को कम करने में काफी मददगार साबित होती आई है. डायबिटीज को ठीक करने के साथ वजन को भी कम करने में अहम भूमिका निभाती है. वहीं बच्चों में अत्याधिक मात्रा में होने वाले निमोनिया को भी आसानी से ठीक कर देती है.

इंद्रायण का इस्तेमाल कैसे करें
महिलाओं में पीरियड्स के दौरान अनियमितता दूर करने में यह औषधि बहुत लाभदायक होती है. यह तेजी से महिलाओं को फायदा पहुंचाती है. वहीं इसका उपयोग पुरुषों में होने वाले मूत्र संबंधित रोगों को ठीक करने में किया जाता है. इसका इस्तेमाल भी आसानी से किया जाता है. इसका इस्तेमाल दूध और पानी के साथ किया जा सकता है. इसके उपयोग से शरीर पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता. फिर भी इसका उपयोग चिकित्सक की देखरेख और सही मात्रा में करना चाहिए.

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