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पीएम मोदी से मिलते ही बदल गया मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मुइज्जू का भारत विरोधी रुख

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संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन कार्रवाई शिखर सम्मेलन (कॉप-28) के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच मुलाकात और द्विपक्षीय वार्ता हुई। पीएम मोदी से मिलते ही मुइज्जू का भारत विरोधी रुख बदल गया। कॉप-28 से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ शुक्रवार को एक “सार्थक” बैठक की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय मित्रता को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। इस दौरान भारत और मालदीव अपनी साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के लिए एक कोर समूह गठित करने पर सहमत भी हुए। दोनों देशों के इस ऐलान से चीन परेशान हो उठा।
बता दें कि मो. मुइज्जू को चीन समर्थक और भारत विरोधी माना जाता है। मालदीव के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान ही मुइज्जू ने सत्ता में आते ही भारत के खिलाफ कई कठोर कदम उठाने का ऐलान किया था। इनमें से एक भारतीय सैनिकों को अपने देश से बाहर भेजने का भी था। मगर अब पीएम मोदी से मुलाकात ने मुइज्जू का हृदय परिवर्तन कर दिया है। इससे चीन चिंता में पड़ गया है।  कोर ग्रुप के गठन का निर्णय यहां सीओपी28 विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच पहली बैठक में लिया गया।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखी यह बात
बैठक के बाद मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति मुइज्जू और मेरी आज एक सार्थक बैठक हुई। हमने विभिन्न क्षेत्रों में भारत-मालदीव मित्रता को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। हम अपने लोगों के लाभ के लिए सहयोग को प्रगाढ़ करने के लिए साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हैं।” प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों, विकास सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों से संबंधित क्षेत्रों में भारत-मालदीव संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के तरीकों पर चर्चा की। मुइज्जू मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के करीबी सहयोगी हैं। यामीन ने 2013 से 2018 तक राष्ट्रपति पद पर रहते हुए चीन के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए। मुइज्जू (45) ने सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भारत के करीबी मित्र माने जाने वाले इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को परास्त किया था।
भारत-मालदीव के संबंध फिर होंगे बहाल
मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने पर मुइज्जू को शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने दोनों देशों के लोगों के बीच जुड़ाव, विकास सहयोग, आर्थिक संबंध, जलवायु परिवर्तन और खेल सहित दोनों देशों के बीच व्यापक द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की।” बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों नेताओं ने अपनी साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के तरीकों पर भी चर्चा की। इस संबंध में, वे एक कोर समूह गठित करने पर सहमत हुए।’’ यह बैठक ऐसे समय हुई है जब राष्ट्रपति मुइज्जू ने कुछ ही दिन पहले, 77 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने का भारत से अनुरोध किया था और दोनों देशों के बीच 100 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा करने का निर्णय लिया था।

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इब्राहिम रईसी के निधन के बाद काले रंग के कपड़े से ढकी गई राष्ट्रपति की कुर्सी, ये है प्रमुख वजह

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तेहरानः ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो जाने के बाद उनकी कुर्सी को काले रंग के कपड़े से ढंक दिया गया है। इसकी वजह सिर्फ शोक मनाने का संकेत ही नहीं है, बल्कि एक खास धार्मिक वजह भी है। ईरान के मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन की घोषणा होने के बाद एक आपात बैठक बुलाई उसके बाद शोक संदेश जारी करके कहा कि रईसी ने देश की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। इस रिपोर्ट के साथ एक तस्वीर जारी की गयी है, जिसमें रईसी की कुर्सी को काले रंग के कपड़े से ढका गया है और मेज पर उनकी तस्वीर रखी हुई है।

इसके पीछे की वजह शोक व्यक्त करने के साथ-साथ इब्राहिम रईसी का वह धार्मिक सिद्धांत है, जिसके तहत वह हमेशा काली पगड़ी पहनते थे। दरअसल वह इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर मोहम्मद के वंशज माने जाते हैं। इसलिए हमेशा काली पगड़ी पहने थे। उनकी काली पगड़ी इस बात की द्योतक थी कि वह पैगम्बर मोहम्मद से सीधे जुड़े हुए हैं। इसीलिए ईरानी मंत्रिमंडल ने रईसी के निधन के बाद उनकी कुर्सी को काले कपड़े से ढंक दिया।

ईरान में घोषित हुआ 5 दिनों का शोक

ईरान ने इब्राहिम रईसी के निधन पर 5 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।  मंत्रिमंडल ने बयान में कहा, ‘‘हम अपने वफादार, प्रशंसनीय और प्रिय राष्ट्र को आश्वस्त करते हैं कि राष्ट्र के नायक और सेवक तथा नेतृत्व के वफादार मित्र रईसी की अथक निष्ठा के साथ सेवा का मार्ग जारी रहेगा।’’ ईरान के उत्तर-पश्चिम स्थित पहाड़ी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुए राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री और अन्य लोग दुर्घटनास्थल पर मृत पाए गए। देश की सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने 5 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की।

5 वर्ष की उम्र ही हो गई थी पिता की मौत

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के पिता की मौत उस वक्त हो गई थी, जब रईसी केवल 5 वर्ष के थे। इसके बाद उनकी जिंदगी बिना पिता के साये के साथ आगे बढ़ी। ईरान के राष्ट्रपति बनने से पहले वह न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में साल 2019-21 तक काम कर चुके हैं। इसके बाद 2021 में राष्ट्रपति चुने गए। वहीं साल 1988 में खूनी ईरान-इराक युद्ध के अंत में हजारों राजनीतिक कैदियों को सामूहिक तौर पर फांसी दिए जाने के मामले में वह पूरी दुनिया में चर्चा में आ गए। इस क्रूर हत्याकांड में शामिल होने के आरोपों के कारण रईसी पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया था। इब्राहिम रईसी का जन्म साल 1960 में मशहद में हुआ था, जो ईरान का दूसरा सबसे बड़ा शबर और शिया मुसलमानों का पवित्र तीर्थस्थल है।

पैगंबर मोहम्मद के वंशज माने जाते हैं रईसी

इब्राहिम रईसी को पैगंबर मोहम्मद के वंशज के रूप में भी जाना जाता है। जब रईसी 15 साल के थे तो उन्होंने मदरसे में भाग लेना शुरू कर दिया। इसके बाद छात्र जीवन में उन्होंने पश्चिमी समर्थित शाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भी भाग लिया था। हालांकि साल 1979 आते-आते इस आंदोलन का नेतृत्व अयातुल्ला खामेनेई ने करना शुरू किया, जिसे बाद में इस्लामिक क्रांति का नाम दिया गया। इस क्रांति के बाद रईसी न्यायपालिका में शामिल हो गए। बता दें कि खामेनेई द्वारा प्रशिक्षित होने के कारण वे कई शहरों में बतौर अभियोजक कार्य करते रहे। तेहरान में रईसी जब अभियोजक बने तो उनकी आयु उसक वक्त मात्र 25 साल थी। साल 2019 में रईसी को न्यायपालिका प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया।

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अहमदाबाद एयरपोर्ट से 4 आतंकवादी गिरफ्तार, ISIS से जुड़े तार

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अहमदाबाद: गुजरात में एटीएस ने चार आतंकवादियों को एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। ये सभी आतंकवादी श्रीलंका मूल के रहने वाले हैं। ये सभी आतंकवादी अहमदाबाद एयरपोर्ट से पकड़े गए हैं। अहमदाबाद एयरपोर्ट से पकड़े गए सभी आतंकवादी ISIS के साथ जुड़े हुए हैं। आतंकवादियों के पकड़े जाने को लेकर गुजरात के डीजीपी शाम को चार बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। डीजीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इनसे जुड़ी अधिक जानकारी दी जाएगी।

श्रीलंका के रहने वाले हैं आतंकवादी

बता दें कि गुजरात एटीएस को बड़ी सफलता मिली है। गुजरात एटीएस ने आतंकी संगठन ISIS के साथ जुड़े चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आतंकवादी अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए गए हैं। सभी आतंकवादी मूल रूप से श्रीलंका के रहने वाले हैं। वहीं सभी आतंकवादियों से पूछताछ की जा रही है। शाम को डीजीपी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में विस्तार से जानकारी देंगे।

पिछले साल भी हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि पिछले साल अगस्त में भी एटीएस ने अलकायदा से संबंधों के आरोप में राजकोट से तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। प्रथम दृष्टया वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के लिए लोगों को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए एक बांग्लादेशी हैंडलर के लिए काम कर रहे थे।

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दिल्ली के CM पर हमले की साजिश, मेट्रो स्टेशनों पर लिखी गईं धमकियां

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की धमकी मिली है। ये धमकी दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशनों पर लिखी गई हैं। इसके अलावा मेट्रो पर भी धमकियां लिखी पाई गई हैं। आम आदमी पार्टी ने इसके लिए सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल को कुछ भी होता है तो इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी नफरत और बदले की भावना में ऐसे डूबे हुए हैं कि वो अरविंद केजरीवाल की जान लेने की साजिश रच रहे हैं।

बीजेपी की भाषा में लिखी गई धमकी

उन्होंने कहा कि ‘जेल में भी बड़ा षड़यंत्र रचा गया, शायद सुप्रीम कोर्ट ने इस षड़यंत्र को समझ लिया और उन्हें राहत दी। इसके बाद संजय सिंह ने पटेल नगर मेट्रो स्टेशन की तस्वार दिखाते हुए कहा कि अंकित गोयल नाम के एक शख्स की फोटो है। उसके द्वारा लिखी गई धमकी है। अगर ये अंकित गोयल ने जो धमकी लिखी है इसकी भाषा पढ़ेंगे तो ये ठीक वही भाषा है जो भाजपा की भाषा है। पटेल नगर मेट्रो स्टेशन पर और मेट्रो के अंदर खुलेआम धमकी लिखी जा रही है। देश की राजधानी दिल्ली में दिल्ली के सीएम पर हमला करने की खुलेआम धमकी लिखी जा रही है।’

चुनाव आयोग को लिखा जा रहा पत्र

राजीव चौक मेट्रो स्टेशन की तस्वीर दिखाते हुए संजय सिंह ने कहा कि ‘तीन बार के निर्वाचित सीएम को खुलेआम हमला करने की, मारने की धमकी दी जा रही और हर तरफ सन्नाटा है। इस संबंध में सांसद, विधायकों और मंत्रियों की तरफ से चुनाव आयोग को पत्र लिखा जा रहा है। अगर केजरीवाल जी को खरोच भी आती है तो इसके लिए सीधे तौर पर पीएमओ, भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी जिम्मेदार होंगे। यह पहले से ही आगाह कर दे रहे हैं आपको।’ बता दें कि दिल्ली के पटेल नगर और राजीव चौक पर दिल्ली के सीएम को जान से मारने की धमकी लिखी गई है। आम आदमी पार्टी ने अपने एक्स हैंडल पर भी इन तस्वीरों को शेयर किया है।

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