सेहत
शरीर में खून के थक्के बनने के ये हैं सबसे बड़े कारण..
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शरीर में खून के थक्के बनना काफी नुकसानदायक हो सकता है. ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि ब्लड क्लॉट का खतरा किन कारणों से होता है और इनसे आप बचाव कैसे कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कई ऐसे फैक्टर हैं जिनसे खून के थक्के बन जाते हैं. अगर इनको कंट्रोल न करें तो ये थक्के हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकता है. कई मामलों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक आने की बड़ी वजह ब्लड क्लॉट ही होता है. जो इन कारणों से हो सकता है.मेट्रो हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सुधीर गुप्ता बताते हैं कि अमेरिका के FDA के मुताबिक, बर्थ कंट्रोल वाली दवाएं लेने से हर 10 लाख महिलाओं में से 1200 महिलाओं में खून के थक्के जमने का खतरा होता है. ऐसे में बर्थ कंट्रोल दवाएं ब्लड क्लॉट बनने का एक बड़ा कारण है. राजीव गांधी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ अजित जैन बताते हैं कि कोरोना वायरस की वजह से थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के मामले सबसे ज्यादा देखे जा रहे हैं. वायरस के कारण हार्ट की आर्टरीज में ब्लड क्लॉट हो रहा है. इस वजह से हार्ट अटैक के केस बढ़ रहे हैं.
स्मोकिंग
कोविड के अलावा स्मोकिंग भी खून के थक्के बनने का कारण है.स्मोकिंग करने वाले हर 10 लाख लोगों में से 17 हजार में ब्लड क्लॉट यानी कि खून के थक्के बनने की समस्या देखी जाती है. डॉ कुमार बताते हैं कि अगर कोई व्यक्ति ऐसी दवाओं का सेवन कर रहा हैं जिसमें एस्ट्रोजन होता है, तो खून के थक्के बनने का रिस्क होता है. शरीर में मोटापा बढ़ना,डायबिटीज, रूमेटाइड आर्थराइटिस और हाई बीपी के कारण भी ये समस्या हो सकती है.
खून के थक्के बनने के लक्षण क्या होते हैं…
हाथ और पैर में लगातार दर्द
चक्कर आना
अचानक तेज़ सिरदर्द
छाती या ऊपरी शरीर के अन्य हिस्से में दर्द
तेज पसीना आना
बेहोशी
सांस लेने में परेशानी
पीठ में दर्द
कैसे करें बचाव…
स्ट्रेस फ्री रहें
रोजाना एक्सरसाइज करें
ब्लड क्लॉट का लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लें
बिना वजह दवाएं न खाएं
स्मोकिंग और शराब का सेवन न करें
सेहत
अगर चुभती घमौरियों से पाना चाहते हैं राहत तो अपनाएं यह घरेलु नुस्खे
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भीषण गर्मी और तपिश में लोगों का हाल बेहाल है. इस मौसम में धूप और पसीने के कारण पीठ पर बहुत अधिक घमौरियां हो जाती हैं, जिससे काफी परेशानी होती है। यह समस्या हर वर्ग के लोगों को हो सकती है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक लोग घमौरियों से परेशान हैं. घमौरियों का मुख्य कारण पसीना है। इसके अलावा भारी मेकअप, टाइट कपड़े पहनना, सनस्क्रीन न लगाना जैसे कारण भी हो सकते हैं। घमौरियों से राहत पाने के लिए आप कई तरह के उपायों की मदद ले सकते हैं। आइये जानते हैं कि घर पर घमौरियों की समस्या का इलाज कैसे करें?
तुलसी गुणकारी है
तुलसी के पत्तों का पेस्ट भी घमौरियों के इलाज में कारगर हो सकता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले पत्तों की कुछ पत्तियां लें. अब इन पत्तों को अच्छे से पीसकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को अपनी पीठ पर लगाएं और फिर कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। बाद में इसे सामान्य पानी से साफ कर लें।
मुल्तानी मिट्टी से करें घमौरियों का इलाज
घमौरियों की समस्या को कम करने के लिए आप मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल कर सकते हैं। मुल्तानी मिट्टी आपकी त्वचा को ठंडक देती है। घमौरियों का इलाज करने के लिए सबसे पहले 1 कटोरी लें। इसमें 2 से 3 चम्मच मुल्तानी मिट्टी मिलाएं। अब इसमें गुलाब जल मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें. अब इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लेप की तरह लगाएं। फिर 30 मिनट के लिए छोड़ दें. बाद में इसे सामान्य पानी से धो लें. इससे कुछ ही दिनों में घमौरियों की समस्या दूर हो जाएगी।
बेकिंग सोडा है फायदेमंद
पीठ के रैशेज से छुटकारा पाने के लिए आप बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले एक कटोरी में थोड़ा सा बेकिंग सोडा लें. इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं और फिर साफ कपड़े से पोंछ लें। इससे आपको बेहतर महसूस होगा. साथ ही घमौरियां कुछ ही दिनों में कम हो सकती हैं।
बर्फ का टुकड़ा है फायदेमंद
बर्फ के टुकड़े भी घमौरियों की समस्या को कम करने में फायदेमंद साबित हो सकते हैं। बर्फ के टुकड़े घमौरियों की समस्या को कम कर देंगे। इसे इस्तेमाल करने के लिए 2 से 3 बर्फ के टुकड़े लें. अब इसे एक सूती कपड़े में लपेटकर प्रभावित जगह पर लगाएं। कुछ देर तक सिंकाई करने से फायदा होगा।
सेहत
हाई बीपी की समस्या से हैं परेशान तो ये ड्राई फ्रूट्स करेंगे मदद..
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बदलती जीवनशैली की वजह से आजकल लोगों को कई स्वास्थय संबंधी समस्याएं हो रही है. हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन उनमें से एक हैं. हाई ब्लड प्रेशर एक आम समस्या है लेकिन अगर इसे सही समय पर कंट्रोल नहीं किया गया तो ये गंभीर रूप धारण कर सकता है. ऐसे में इसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. हाइपरटेंशन की समस्या को दवाइयों के अलावा कुछ ड्राई फ्रूट्स से भी कम किया जा सकता है. आइए जानते हैं किन-किन ड्राई फ्रूट्स की मदद से हम इसे कंट्रोल कर सकते हैं.
1. बादाम:- बादाम को लोग अपनी मेमोरी तेज करने के लिए खाते हैं लेकिन बादाम से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को भी कम किया जा सकता है. बादाम में मैग्निशियम मौजूद होता है जो आपकी नसों को खोलता है और आपके ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है.
2. काजू:- काजू हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए बेस्ट है. इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद पोटेशियम और लो सोडियम आपका हाइपरटेंशन कम करता है.
3. खजूर:- खजूर में नेचुरल शुगर मौजूद होता है, और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और पोटैशियम आपके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और दिल के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है.
4. किशमिश:- किशमिश को हम कई बार इग्नोर कर देते हैं लेकिन अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के एक अध्ययन के मुताबिक, दिन में तीन बार किशमिश खाने से हाई ब्लड प्रेशर कम की समस्या कम होती है.
5. अखरोट:- अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है जो दिल के स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा होता ही है साथ ही जिन व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है ये उनके लिए भी लाभदायक है.
सेहत
अगर ज्यादा मात्रा में कर रहे हैं ग्रीन टी का इस्तेमाल, तो शरीर को होंगे यह नुकसान..
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ग्रीन टी हमारी रसोई में एक आवश्यक वस्तु बन गई है, खासकर जब बात वजन कम करने की हो। यह न सिर्फ हमें तरोताजा करता है बल्कि हमारे शरीर को अंदर से साफ करने में भी मदद करता है। ग्रीन टी में मौजूद गुण न सिर्फ हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं बल्कि वजन घटाने में भी मदद करते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि हमें एक दिन में कितनी ग्रीन टी पीनी चाहिए? और यदि हम इसे बहुत अधिक पी लें तो क्या हो सकता है? आइए यहां जानें.
ज्यादा शराब पीने के नुकसान
सीमित मात्रा में ग्रीन टी पीना हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। लेकिन अगर हम इसे अधिक मात्रा में पीते हैं तो इससे कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. सबसे पहले, ग्रीन टी में कैफीन होता है। अगर हम बहुत ज्यादा ग्रीन टी पीते हैं तो हमारे शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है। इसके कारण हमें अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द और दिल की धड़कन बढ़ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।दूसरा, ग्रीन टी में टैनिन भी होता है जो आयरन के अवशोषण को कम कर सकता है। इसका मतलब यह है कि अगर हम भोजन के साथ या भोजन के तुरंत बाद बहुत अधिक ग्रीन टी पीते हैं, तो हमारे शरीर को भोजन से आयरन ठीक से नहीं मिल पाता है। इससे खून की कमी या एनीमिया हो सकता है।
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