खबरे छत्तीसगढ़
*जंगलों में पला बढ़ा आदिवासी युवक बना IAS अफसर, बिना कोचिंग अंग्रेजी में पेपर देकर पास की परीक्षा*
ललित साहू संवाददाता ।धमतरी ।भारत एक ग्रामीण देश है ऐसे में कई हिस्से आज भी अति पिछड़े हैं। इस वजह से गांवों में लोग सुविधाओं की कमी में जीवन गुजारने को मजबूर है। खासतौर पर आदिवासी और अति पिछड़े इलाकों में युवाओं को शिक्षा और सुविधाओं को लेकर बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही छत्तीसगढ़ राज्य जिसे नक्सल क्षेत्र माना जाता है। यहां अधिकतर हिस्से आदिवासी इलाके के हैं जहां लोग जंगलों में निवास कर रहे है हैं। बता दें कि यहां स्कूलों और मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। इसके बावजूद यहां से भी आईएएस अफसर बनकर युवा निकलते हैं और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसे ही एक आदिवासी युवक के संघर्ष की कहनी से हम आपको अवगत करा रहे हैं जिसने परिवार को पालने के लिए फुल टाइम नौकरी करते हुए, बिना कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा पास कर कीर्तिमान रच दिया।
ये काबिल और होनहार शख्स है छत्तीसगढ़ के अति पिछड़े इलाके के सुरेश जगत नक्सल समस्या से जुझ रहे राज्य में सुरेश ने एक पब्लिक स्कूल से पढ़ाई करके भी 90 फीसदी अंक हासिल किए है। इसका मतलब है कि वे शुरुआत से ही पढ़ाई में काफी अच्छे रहे है और एक आदिवासी गांव के बीच से एस युवक ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर IAS बन कर दिखा दिया। सुरेश जगत राज्य गठन के 18 वर्षों के बाद पहले आदिवासी हैं, जो आईएएस बने हैं।
सुरेश का जन्म कोरबा जिले के परसदा गांव में हुआ है। यह एक अति पिछड़ा ट्राइबल (आदिवासी) गांव है। मीडिया से बात करते हुए सुरेश बताते हैं कि शुरू से ही उनकी रुचि पढ़ने-लिखने में ज्यादा थी। शुरुआती पढ़ाई यही हुई पर अधिकारी बनने के सपने को पूरा करने के लिए वे अपने जिले से बाहर निकल आए। यहीं से उन्होंने यूपीएससी जैसी परीक्षा की तैयारी की।
सुरेश बताते हैं कि हाई स्कूल तक की मेरी पढ़ाई काफी मुश्किलों भरी रही। कुछ कक्षाओं में एक भी शिक्षक नहीं थे। मेरी पढ़ाई गांव के जनभागीदारी स्कूल से हुई। ये स्कूल गांव की जनता चलाती है जिसमें कभी टीचर होते हैं कभी कोई नहीं होता, कोई सिस्टम नहीं होता। यहां कोई हाई-फाई प्राइवेट स्कूल नहीं थे। अंग्रेजी पढ़ाने वालों की भारी कमी थी।
किसी तरह से सुरेश ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की। दसवीं में सुरेश ने 90 फीसदी अंक पाए। इससे उन्हें आगे बढ़ने का हौसला मिला। आगे की पढ़ाई के लिए उनके भाइयों ने काफी मदद की और बिलासपुर के भारत माता हिंदी माध्यम स्कूल में दाखिला कराया। वहां भी सुरेश के लिए मुश्किलें कम नहीं थी।
सुरेश बताते हैं कि, 12वीं में उन्हें टॉपर बच्चों में राज्य में 5वां स्थान मिला था। उसके बाद उन्हें आगे कुछ कर गुजरने का आत्मविश्वास मिला। गांव के बच्चों में विश्वास की कमी होती है। अंग्रेजी और गणित के विषय में कमजोर होना भी एक समस्या है। इसलिए सुरेश ने इन दोनों विषयों पर खास ध्यान दिया। इसके बाद उनके मन में कही से सुनकर IAS अधिकारी बनने की इच्छा जागी।
सुरेश ने बताया कि AIEEE पास करके मुझे NIT रायपुर में दाखिला मिला और वहां भी अपनी मेहनत से 81% के साथ मैकेनिकल की डिग्री हासिल की। सुरेश गरीब किसान परिवार से हैं ऐसे में उन्हें परिवार को पालने के लिए नौकरी करनी पड़ी। परिवार उनकी कोचिंग और पढ़ाई का पूरा खर्च नहीं उठा सकता था। ऐसे में आर्थिक रूप से सक्षम होने के लिए सुरेश ने ONGC में कैंपस सेलेक्शन में मिली नौकरी को ज्वाइन कर लिया। GATE एग्जाम से सुरेश का NTPC में सेलेक्शन हो गया तो उन्होंने NTPC जॉइन कर लिया। इस फुल टाइम नौकरी को करते-करते सुरेश ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया।
NTPC में 3 साल काम करके सुरेश ने सोचा अब सिविल सेवा की परीक्षा देनी चाहिए। इसके बाद सुरेश ने भारतीय इंजीनियरिंग सेवा की परीक्षा पास की जिसके बाद उन्हें केंद्रीय जल आयोग भुवनेश्वर में पोस्टिंग मिल गई। हालांकि सुरेश का दिल्ली जाकर तैयारी करने का सपना अधूरा रह गया। परिवार का पेट पालने की जिम्मेदारी उन पर थी इसलिए वे फुल टाइम नौकरी करते रहे।
नौकरी करते-करते सुरेश ने दो प्रयास में हिंदी माध्यम से परीक्षा दिए। उसके बाद उन्हें लगा कि अब अंग्रेज़ी माध्यम से परीक्षा देनी चाहिए। अंग्रेजी से पढ़ाई को सुरेश एक चुनौती की तरह लेते थे।
हालांकि सुरेश ने एक बार यूपीएससी क्लियर कर लिया था लेकिन वे आईएएस ही बनना चाहते थे। वे बताते हैं कि 2016 की परीक्षा में मुझे सफलता मिली और मुझे IRTS मिला, लेकिन IAS की चाह में चौथे प्रयास में मुझे आईएएस मिला। ये सारे प्रयास मैंने फ़ुलटाइम नौकरी करते हुए दिए और किसी भी चरण में कोचिंग का सहारा नहीं लिया।
गांव का एक गरीब लड़का होने की वजह से सुरेश गांव की समस्याओं को अच्छे से जानते थे। वे बताते हैं कि, IAS अफसर जो हमारे गांव में आते थे, उन्हें देखकर मन में सवाल उठते थे। घर की आर्थिक और सामाजिक स्थिति ठीक नहीं होना भी एक कारण था। दादाजी मेरे प्रेरणा स्रोत रहे हैं, उनकी मेहनत और कोर्ट-कचहरी के चक्कर ने मुझे इस दिशा में प्रयास करने के लिए विवश कर दिया।
सुरेश ने अपनी सक्सेज स्टोरी और संघर्ष में अपनी गलतियों को भी बताया। उन्होंने बताया कि कैसे मैंने हिंदी माध्यम से तैयारी की पूरी कोशिश नहीं की। अगर हिंदी साहित्य विषय से परीक्षा देता तो सफलता पहले ही मिल गई होती, नोट्स नहीं बनाना दूसरी गलती थी। छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके से आने वाले सुरेश के चार प्रयास में आईएएस अफसर बनने की संघर्ष की कहानी सभी स्टूडेंट्स के लिए प्रेरणा है। आज सुरेश पश्चिम बंगाल में कलेक्टर के पद पर तैनात हैं। कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो सफलता जरूर मिलती है मुश्किलें चाहे कितनी आएं लक्ष्य से डगमगाना नहीं चाहिए।
ललित साहू संवाददाता धमतरी
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ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट-2024 : छत्तीसगढ़ ने 7 गोल्ड जीतकर बनाया दबदबा
रायपुर, 17 अक्टूबर 2024 : राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद एथलेटिक स्टेडियम कोटा में आयोजित 27 वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता के दूसरे दिन विभिन्न स्पर्धाएं आयोजित की गईं। आज आयोजित मैराथन, स्विमिंग और एथलेटिक्स की विभिन्न स्पर्धाओं में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 7 गोल्ड मेडल जीतकर प्रतियोगिता में अपना दबदबा कायम रखा। गौरतलब है कि ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट में छत्तीसगढ़ ने 11 बार ओवरऑल चैम्पियन का खिताब जीत चुका है। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने आज के प्रदर्शन से एक बार फिर से ओवरऑल चैम्पियनशिप का खिताब जीतने की उम्मीद जगाई है।
नोडल अधिकारी श्रीमती शालिनी रैना ने बताया कि आज की प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में 400 मीटर वाक वुमन ओपन कैटेगरी में सुशीला पैकरा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं 1500 मीटर रेस मेन वेटरन कैटेगरी में सुखनंदन लाल धु्रव, 21 किमी मैराथन वुमन ओपन कैटेगरी में भारती साहू, इसी स्पर्धा में वुमन वेटरन कैटेगरी में सतोविषा समाजदार, हाई जम्प मेल में सत्यजीत भट्ट, 100 मीटर फ्री स्टाइल स्विमिंग में मनीराम आदिले और 100 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक स्वीमिंग में निखिल खलखो ने प्रथम स्थान हासिल कर प्रदेश का नाम रौशन किया। इसी तरह छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त 100 मीटर रेस मैन सीनियर वेटरन केटेगरी में केरल के श्री जय कुमार, 5000 मीटर रेस मैन सीनियर वेटरन केटेगरी में तमिलनाडु से श्री उथया कुमार और 10,000 मीटर वाक मैन वेटेरन कैटेगरी में केरल के श्री साबू एम ने प्रथम स्थान हासिल किया।
श्रीमती रैना ने बताया कि नवा रायपुर में आयोजित हुए मैराथन में महिलाओं खिलाड़ियों ने शानदार हिस्सा लिया। इसके लिए बुधवार को ही कोटा स्टेडियम में महिला प्रतिभागियों के लिए मेडिकल चेकअप की व्यवस्था की गई थी। जिन प्रतिभागियों का फिटनेस बेहतर पाया गया उन्होंने ही आज सुबह आयोजित हुए मैराथन में हिस्सा लिया।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 16 अक्टूबर को 27 वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता शुभारंभ किया। इस भव्य आयोजन में खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बन रहा है। विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों ने अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए पूरे जोश और जज्बे के साथ प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं।
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शासन की योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण : पी. दयानंद
- शासन की योजनाओं का बेहतर प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
- जनसंपर्क विभाग के सचिव पी. दयानंद ने की विभागीय काम-काज की समीक्षा
रायपुर, 17 अक्टूबर 2024 : जनसंपर्क विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद ने कहा है कि राज्य सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में जनसंपर्क अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने जनसंपर्क अधिकारियों को राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लोगों की भलाई के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। पिछले 10 माह में राज्य सरकार ने किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के लिए अनेक फ्लैगशिप योजनाएं शुरू की हैं, जिससे लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। उन्होंने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल व सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। वे आज नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ संवाद भवन में विभागीय काम-काज की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
सचिव श्री पी दयानंद ने कहा कि लोगों तक योजनाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर सूचना क्रांति का है ऐसे में सोशल मीडिया का महत्व बढ़ते जा रहा है। जनसंपर्क अधिकरियों को सोशल मीडिया प्लेटफार्म का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी समाचार माध्यमों को त्वरित रूप से समाचार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
सचिव श्री पी दयानंद ने कहा कि समाचार की भाषा शैली सरल, आकर्षक और पठनीय होनी चाहिए। सफलता की कहानी में किसी व्यक्ति के जीवन आए बदलाव के बारे में तथ्यपरक जानकारी और सुसंगत फोटोग्राफ का उपयोग किया जाए। राज्य सरकार के फ्लैगशिप योजनाओं और नवाचारी कार्यों के संबंध में समय-समय पर विशेष लेख नियमित रूप से जारी किया जाए।
उन्होंने कहा कि नगरीय योजनाओं से संबंधित होर्डिग्स नगरीय क्षेत्रों में लगाए जाएं और इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित योजनाओं की होर्डिंग्स तहसील मुख्यालयों और जनपद पंचायतों के परिसर में लगाए जाएं। उन्होंने बैठक में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, नेशनल मीडया और क्षेत्रीय स्तर पर प्रिंट मीडिया में प्रचार-प्रसार कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए।
उन्होंने बैठक में जिला जनसंपर्क कार्यालयों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, जिससे शासन के कार्यों और फ्लैगशिप योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित हो सके। उन्होंने विभागीय सेट-अप की भी जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। सचिव श्री दयानंद ने छत्तीसगढ़ संवाद के विभिन्न शाखाओं का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में संचालक जनसंपर्क श्री अजय कुमार अग्रवाल, अपर संचालक श्री जे.एल. दरियो, श्री उमेश मिश्रा, श्री संजीव तिवारी, श्री आलोक देव, श्री संतोष मौर्य, श्रीमती हर्षा पौराणिक सहित विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
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ट्रांसफर ब्रेकिंग : छत्तीसगढ़ के गृह विभाग ने 5 आईपीएस अधिकारियों का तबादला आदेश जारी
रायपुर : छत्तीसगढ़ के गृह विभाग ने 5 आईपीएस अधिकारियों का तबादला आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक आईपीएस अरविंद कुजूर, धर्मेंद्र सिंह छवई, श्वेता राजमणी, उदय किरण सिंह और मनोज कुमार खिलारी का तबादला किया गया है.
गृह विभाग के अवर सचिव के द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, आईपीएस अरविंद कुमार कुजूर को उप पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय रायपुर की जिम्मेदारी दी गई है. आईपीएस धर्मेंद्र सिंह छवई को सेनानी, 15वी वाहिनी बीजापुर भेजा गया है. आईपीएस श्वेता राजमणि को सेनानी 19वी वाहिनी जिला बस्तर, आईपीएस उदय किरण को सेनानी 9वी वाहिनी दंतेवाड़ा और आईपीएस मनोज कुमार खिलारी सेनानी 2री वाहिनी जिला बिलासपुर भेजा गया है.
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