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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि प्रदेश में नवीन औद्योगिक नीति 1 नवंबर, 2024 से प्रारंभ होकर 31 मार्च 2030 तक लागू रहेगी छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से नवीन उद्योग नीतियों को लागू कर एक छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मंशानुरूप छत्तीसगढ़ राज्य में अमृतकालः छत्तीसगढ़ विजन /2047 के नवीन औद्योगिक विकास नीति 2024-30 जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना का शुभारम्भ हो चुका है। इस नीति के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए कौशलयुक्त रोजगारों का सूजन करते हुये अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए औपचारिक क्षेत्र के रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति मैं स्थानीय श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए प्रशिक्षण कर प्रोत्साहन का प्रावधान करते हुये 1000 से अधिक रोजगार प्रदाय करने वाली इकाईयों को प्रोत्साहन के अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इस नवीन एवं महत्वपूर्ण नीति का लक्ष्य समग्र औद्योगिक विकास के माध्यम से रोजगार सृजन एवं अग्रणी औद्योगिक राज्य की परिकल्पना को साकार करना है। साथ ही बृहद उद्यमों के माध्यम से पब्लिक एवं प्राइवेट सेक्टर हेतु प्रोत्साहन देना है। नवीन औद्योगिक नीति में सरलीकृत एवं संतुलित नीति के द्वारा उद्यम आकांक्षा की अवधि दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष किया जा रहा है। इसके लिए प्रभावशील क्रियान्वयन एवं त्वरित निर्णयों हेतु मंत्रिमंडलीय उप समितिष् का भी गठन किया जाएगा। इस नीति में प्रथम बार उद्यमों में राज्य के निवासियों को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिये स्थानीय रोजगार सृजन को लक्ष्य में रखकर 1000 अथवा इससे अधिक रोजगार सृजन के आधार पर विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान साथ ही उद्योगों में नियोजित राज्य के निवासी के प्रशिक्षण पर प्रति व्यक्ति रूपये 15,000 रूपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति एवं कर्मचारियों पर होने वाले ई.पी.एफ. व्यय की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। भारत सरकार की एमएसएमई परिभाषा के अनुरुप उद्यम श्रेणियों का निर्धारण एवं औद्योगिक दृष्टि से पिछड़े विकासखण्डों में अतिरिक्त औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य को उद्योग के क्षेत्र में विकसित राज्य बनाना है। रोजगार रणनीति के द्वारा प्रथम बार 1000 से अधिक स्थानीय रोजगार सृजन के आधार पर बी-स्पोक पैकेज निर्धारित किया गया है। औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में विशिष्ट श्रेणी के उद्योगों जैसे फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा गैर काष्ठ वनोंपज प्रसंस्करण, कम्प्रेस्ड बॉयो गैस, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (ए.आई), रोबोटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग (जी.पी.यू), आई.टी., आई.टी.ई.एस./डेटा सेंटर जैसे नवीन सेक्टरों के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान है। इसी तरह नवीन पहल नीति के तहत राज्य के सेवानिवृत अग्निवीर सैनिकों व आत्मसमर्पित नक्सली के लिए 10 प्रतिशत अधिक अनुदान देने का प्रावधान है। उद्योग विभाग ने अमृतकाल रू छत्तीसगढ़ विजन /2024 के अपने नई नीतियों में अनुसूचित जाति/अनु.जनजाति वर्ग हेतु प्रोत्साहन योजना का भी शुभारंभ किया है। इस तरह छत्तीसगढ़ राज्य अपनी नई-नई उद्योग नीतियों से देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एक अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है।

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संसद का शीतकालीन सत्र में अब तक हंगामा ही हंगामा हो रहा है. विपक्ष के जोरदार हंगामे की वजह से अब तक कामकाज नहीं हो पाया है. आज यानी गुरुवार को भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही में जोरदार हंगामा देखने को मिला. लोकसभा में प्रश्नकाल का वक्त था. अखिलेश यादव के सांसद समेत पूरा विपक्ष जोरदार हंगामा कर रहा था. तभी टीवी के प्रभु राम यानी अरुण गोविल ने आम आदमी से जुड़ा एक अहम सवाला उठाया. इस पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी बोलना पड़ा कि यह तो काफी अहम विषय है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मेरठ से भाजपा सांसद अरुण गोविल ने प्रश्न काल के दौरान लोकसभा में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लील कंटेंट के खिलाफ आवाज उठाई. उन्होंने कहा, ‘ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जो दिखाया जा रहा है, वह बहुत अश्लील है. ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाले ये कंटेंट परिवार में साथ बैठकर देख नहीं सकते हैं. इससे हमारे नैतिक मूल्यों का हरास हुआ है. क्या मंत्री हमें बता सकते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सेक्स कंटेंट को रोकने के लिए मौजूदा तंत्र क्या है? और उक्त कानून इन प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने के लिए ज्यादा प्रभावी नहीं है. सरकार के पास मौजूदा कानून को और सख्त बनाने का प्रस्ताव है.’

केंद्रीय मंत्री ने दिया जवाब
इस मामले पर केंद्रीय आईटी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण विषय है. पहले मीडिया में कोई भी चीज लाने से पहले एक चेक होता था लेकिन अब उसे लाने से पहले सारे चेक खत्म हो गए हैं. एडिटोरियल चेक खत्म होने के कारण सोशल मीडिया फ्रीडम ऑफ प्रेस का एक बड़ा माध्यम है. लेकिन साथ ही साथ अनकंट्रोल एक्सप्रेशन के साथ कई तरह के वलगर कंटेंट हैं. अभी और कड़ा कानून लाने की जरूरत है लेकिन इसके लिए इसमें हमें एक कनसेसस लाने की जरूरत है.’

विपक्ष ने खूब मचाया हंगामा
लोकसभा में यह अहम मुद्दा ऐसे वक्त में आया, जब पूरा विपक्ष हंगामा कर रहा था. कई मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक बुधवार को एक बार स्थगित होने के बाद फिर से शुरू होने के करीब 10 मिनट के अंदर ही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और कई मामले को उठाने की कोशिश करने लगे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य अरुण गोविल का उल्लेख करते हुए कहा कि वह पहली बार प्रश्नकाल में प्रश्न पूछ रहे हैं, इसलिए सदन की कार्यवाही चलने दी जाए. हालांकि, हंगामा नहीं थमा और विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही. इसके बाद आज के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई.