अगर आप लंबी उम्र तक सेहतमंद बने रहना चाहते हैं, तो घर का बना खाना ही खाएं. अक्सर हेल्थ एक्सपर्ट्स लोगों को घर के बने खाने की सलाह देते हैं, क्योंकि बाहर मिलने वाले फास्ट फूड्स और ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन करने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. इसका खुलासा एक हालिया स्टडी में हुआ है कि अनहेल्दी फूड्स के कारण डाइजेस्टिव कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खान-पान की वजह से 50 साल से कम उम्र के लोगों में भी आंत के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में बचाव करना बेहद जरूरी है.ऑस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने नई रिसर्च में बताया है कि अनहेल्दी फूड्स जैसे- रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट, फास्ट फूड्स, शुगरी ड्रिंक्स और शराब का अत्यधिक सेवन करने से गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि पिज्जा, बर्गर, मोमोज, चाऊमीन जैसे फूड्स का ज्यादा सेवन करने से शरीर में सूजन बढ़ सकती हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. शोधकर्ताओं के अनुसार 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में आंत्र कैंसर के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लोगों को अपनी डाइट में फाइबर का सेवन बढ़ाना चाहिए और खाने की आदतों में सुधार करना चाहिए.
रिसर्च करने वाले एक्सपर्ट्स का मानना है कि हेल्दी फैट और सब्जियों से भरपूर डाइट, शुगर और शराब का कम सेवन कम करने से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है. शोधकर्ताओं ने स्टडी में यह पाया कि फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मछली, फलियां और डेयरी प्रोडक्ट्स का ज्यादा सेवन करने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है. यह अध्ययन बताता है कि फाइबर से भरपूर फूड्स आंत के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं. इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों में जीआई कैंसर का रिस्क कम हो सकता है.
एक्सपर्ट्स की मानें तो फास्ट फूड्स जैसे- प्रोसेस्ड मीट, तले हुए खाद्य पदार्थ और शुगरी ड्रिंक्स जैसे फूड्स कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. कई रिसर्च में यह पाया गया है कि इन फूड्स में हाई फैट और हाई शुगर होती है, जो शरीर में सूजन और कैंसरजनक तत्वों के संचय का कारण बन सकती है. इन फूड्स के नियमित सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर और पेट के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. फास्ट फूड्स में केमिकल्स और आर्टिफिशियल एडिटिव्स होते हैं, जो शरीर में मेटाबोलिक असंतुलन पैदा कर सकते हैं. इससे सेल्स डैमेज और अनकंट्रोल सेल ग्रोथ हो सकती है, जो कैंसर पैदा कर सकती है.